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2017-18 के शीर्ष 10 भारतीय खिलाड़ी

June 30, 2018
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2017-18 के शीर्ष 10 भारतीय खिलाड़ी

वर्ष 2017 में  खेलों का बहुत भव्य आयोजन देखने को नहीं मिला, लेकिन फिर भी यह वर्ष भारत में खेलों के लिए एक रोमांचक वर्ष रहा।

भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने प्रभुत्व को स्थापित किया, वहीं भारतीय फुटबॉल ने नई ऊंचाईयों को छुआ। पी. वी. सिंधु, किदांबी श्रीकांत जैसे वैयक्तिक एथलीटों से लेकर कई अन्य खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना पाने के साथ साथ देश को गौरवान्वित किया और इस प्रकार वर्ष 2017 में तिरंगे का भी मान बढ़ाया।

भारत धीरे-धीरे लेकिन व्यवस्थित रुप से खेलों को बढ़ावा देने वाले देश के रूप में आगे बढ़ रहा है, एक सुप्त पड़ी प्रतिभा को वैश्विक खेल के अभिजात वर्ग में एक विशेष स्थान प्राप्त हो रहा है।

नीचे 2017-18 के शीर्ष 10 भारतीय खिलाड़ियों की सूची दी गई है, इन एथलीटों ने अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए देश को गौरवान्वित किया है:

 

विराट कोहलीविराट कोहली

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के लिए यह वर्ष कम समय में बड़ी सफलता प्राप्त करने वाला था। इन्होंने वर्ष 2017 में भारतीय क्रिकेट टीम को बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए टीम का नेतृत्व किया। भारतीय टीम इस वर्ष शीर्ष पर रही, जैसा कि टीम को टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 पर रखा गया था और छोटे प्रारूपों में यह दूसरे स्थान पर रही। एक सफल वर्ष में टीम की अगुवाई करने के अलावा इनका लेडी लक भी इनके साथ था, जिसकी वजह से इन्होंने 175 पारियों में 8000 रन बनाए और कई नए रिकार्ड बनाने वाले सबसे तेज खिलाड़ी बन गए। उन्होंने सूची में शामिल वर्ष को, 1460 रन बनाने के साथ 50 ओवरों के प्रारूप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज के रूप में, समाप्त किया, जबकि टेस्ट क्रिकेट में वे 1000+ रन बनाकर रैंकिंग में चौथे स्थान पर रहे।

 

किदांबी श्रीकांतकिदांबी श्रीकांत

किदांबी श्रीकांत के लिए यह एक सफल वर्ष रहा, जैसा कि इस भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ने खुद को खेल के बड़े धुरंधरों के बीच स्थापित किया। आंध्र प्रदेश के शहर गुंटूर के इस बैडमिंटन खिलाड़ी ने एक साल में चार सुपर सीरीजों के खिताब अपने नाम किए। ऐसा करके श्रीकांत 2017 में एकमात्र नम्बर वन पुरुष बैटमिंटन खिलाड़ी बन गए | ग्लासगो में विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में निराशाजनक तरीके से बाहर होने के बाद, एक सप्ताह की अवधि के भीतर ही डेनमार्क और फ्रांस में एक के बाद एक सुपर सीरीज का खिताब जीतकर श्रीकांत पुन: अपनी फार्म में वापस लौट आए। इसके बाद इन्होंने इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया में दो और खिताब जीतकर कुल छः सुपर सीरीज खिताब अपने नाम कर लिये। चैंपियनशिप का ताज पहनने के लिए रास्ता इतना आसान नहीं था। इन्हें ओलंपिक चैंपियन चेन लोंग, वर्ल्ड नं. 1 सोन वान हो और विश्व चैंपियन विक्टर एक्सेलसन से तीन अलग-अलग फाइनल्स में कुछ मुश्किल चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

 

पी. वी. सिंधु पी. वी. सिंधु

पी. वी. सिंधु के लिए यह एक घटनापूर्ण वर्ष रहा, जैसा कि इस पूरे वर्ष में बैडमिंटन खिलाड़ी पी. वी. सिंधु ने तीन फाइनल जीते और तीन गंवा दिए। सिंधु को बड़ा झटका तब लगा जब वह विश्व चैंपियनशिप के तीन सेट वाले रोमांचकारी फाइनल में जापान के नोजोमी ओकुहारा से हार गईं। इन्होंने धुआंधार वापसी की और पूरे टूर्नामेंट में 13 स्ट्राइट मैचों में से 12 में जीत दर्ज की। उन्हें वर्ष का पहला खिताब तब प्राप्त हुआ, जब उन्होंने प्रतिष्ठित सैयद मोदी इंटरनेशनल (चैंपियनशिप) को जीतने के लिए इंडोनेशियाई ग्रेगोरिया मारिस्का टुनजंग को दो सेटों में आसान जीत के साथ पराजित किया।

जल्द ही भारतीय ओपन खिताब में भाग लिया, जहां हैदराबाद से बैडमिंटन खिलाड़ी ने स्ट्राइट सेट में स्पैनिश बैडमिंटन खिलाड़ी को हराते हुए 2016 के रियो ओलंपिक में कैरोलिना मारिन के हाथों मिली हार का बदला लिया। तीसरा सुपर सीरीज खिताब कोरिया ओपन के रूप में आया, जब उन्होंने नोजोमी ओखुरा को हराकर विश्व चैंपियनशिप फाइनल में अपनी हार का बदला लिया।

 

सुनील छेत्रीसुनील छेत्री

पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों मोर्चों पर वर्ष 2017 भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान के लिए यह एक यादगार वर्ष रहा। 2016-17 आई-लीग में कुछ शानदार प्रदर्शन करने के साथ वह बेंगलुरू एफसी के लिए शीर्ष स्कोरर रहे। हालांकि, टीम भारत के प्रीमियर घरेलू लीग में चौथे स्थान पर रही। लेकिन, यह फ्रंट गोल स्कोरर, भारतीय राष्ट्रीय टीम लिए अच्छा प्रदर्शन करने से रुका नहीं। नीली जर्सी में यह खिलाड़ी वर्ष के अंत तक फीफा रैंकिंग में अजेय रहा और शीर्ष 100 में प्रवेश किया। व्यक्तिगत मोर्चे पर, सुनील छेत्री ने अपनी पुरानी प्रेमिका सोनम भट्टाचार्य से वर्ष के अंत में विवाह कर लिया।

 

 

हरमनप्रीत कौरहरमनप्रीत कौर

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की दिग्गज खिलाड़ी, हरमनप्रीत कौर 2017 में क्रिकेट खेलने वाले राष्ट्रों में एक मशहूर नाम बन गई हैं। 29 वर्षीय हरमनप्रीत कौर ने इंग्लैंड में आईसीसी महिला विश्वकप के दौरान पूरे टूर्नामेंट को अपने दमदार प्रदर्शन से प्रभावित किया और टीम को क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले प्रतिष्ठित लॉर्ड्स स्टेडियम के फाइनल तक पहुंचाने में मदद की। टीम मेजबान देश इंग्लैंड से रोमांचकारी फाइनल मैच में 9 रनों से हार गई। उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर अपने सेमी-फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को बहुत बुरी तरह से छकाया और 115 गेंदों पर 171 रनों की नाबाद पारी खेली और महिला एकदिवसीय मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली दूसरी भारतीय महिला क्रिकेटर बनीं। 171 रनों की पारी के साथ, उन्होंने टूर्नामेंट के नॉकआउट मैचों में सबसे ज्यादा व्यक्तिगत स्कोर बनाया, जो रिकार्ड पहले 107 रनों के साथ करेन रोल्टेन के नाम था। इसके साथ वह आईसीसी महिलाओं की रैंकिग में शीर्ष 10 में शामिल हो गईं, जिससे वह इस सूची में आने वाली दूसरी भारतीय महिला बल्लेबाज बन गईं और उन्हें आईसीसी महिला टी-20 इंटरनेशनल टीम ऑफ द ईयर में भी नामित किया गया।

 

साइखोम मीरबाई चानूसाइखोम मीरबाई चानू

2017 में, इस भारतीय भारोत्तोलन स्टार ने देश को गौरवान्वित किया, जब वह कर्णम मल्लेश्वरी के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका के अनाहाइम में आयोजित विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला बन गईं।उन्होंने महिलाओं की 48 किग्रा की श्रेणी में 194 किग्रा वजन उठाने का वा 85 किलो के वजन में स्नैच और 109 किलो के वजन में क्लीन और जर्क लिफ्ट दोनों  में रिकार्ड बनाया। उन्होंने महिला विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर देश के 22 साल के इंतजार को खत्म कर दिया।

 

 

 

एम सी मैरी कॉमएम सी मैरी कॉम

पांच बार विश्व चैंपियन रहीं एमसी मैरी कॉम ने वियतनाम के हो चि मिन्ह सिटी में आयोजित एशियाई महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में बेमिसाल पांचवां स्वर्ण पदक जीतकर अपने बेहतरीन करियर में एक और महत्वपूर्ण सम्मान जोड़ा। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम ने उत्तर कोरिया की किम ह्यांग एमआई को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हराया। 2014 के एशियाई खेलों में उन्हें प्राप्त स्वर्ण पदक के बाद से, एशियाई महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में उनके द्वारा जीता गया यह स्वर्ण पदक ,भारतीय मुक्केबाजी के क्षेत्र का पहला अंतर्राष्ट्रीय पदक था।

 

 

 

गौरव बिधूड़ीगौरव बिधूड़ी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 24 वर्षीय मुक्केबाज विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले चौथे भारतीय बने। गौरव बिधूड़ी, विजेंदर सिंह (2009), विकास कृष्ण (2011) और शिव थापा (2015) के साथ, विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारतीय पदक विजेताओं की सूची में शामिल हो गए। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में, ट्यूनीशिया के बिलेल महमदी को बैंटमवेट श्रेणी में स्प्लिट डिसीजन के तहत हराकर, गौरव ने पदक अपने नाम किया; हालांकि, अमेरिकी ड्यूक रागन के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में 5-0 से हारकर उनकी यह यात्रा वहीं समाप्त हो गई थी। जर्मनी के हैम्बर्ग में आयोजित विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में युवा मुक्केबाज को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा; लेकिन उनका नाम भारतीय मुक्केबाजी के इतिहास में दर्ज हो गया है क्योंकि वे अपने पहले पदार्पण मैच में विश्व चैम्पियनशिप में पदक हासिल करने वाले विकास कृष्णन के बाद दूसरे ऐसे खिलाड़ी बने जिन्होंने पदार्पण मैच में पदक प्राप्त किया।

 

सी ए भवानी देवीसी ए भवानी देवी

सी ए भवानी देवी ने, अंतर्राष्ट्रीय तलवारबाजी स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय बनकर, इतिहास रच दिया। चेन्नई में स्थित फेंसर ने 2017 में रिक्जेविक, आइसलैंड में टर्नॉय सैटेलाइट तलवारबाजी चैम्पियनशिप में ग्रेट ब्रिटेन की सारा जेन हैम्पसन को 15-13 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था। हालांकि इस भारतीय तलवारबाज ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रशंसा प्राप्त की, यह निश्चित रूप से अब तक उनके करियर की सबसे बड़ी सफलता है।

 

 

 

रोहन बोपन्नारोहन बोपन्ना

भारतीय टेनिस स्टार ने आखिरकार प्रमुख टूर्नामेंट में ग्रैंड स्लैम खिताब जीतकर लोगों की निराशा को दूर किया है। रोहन बोपन्ना ने रोलैंड गैरोस में मिक्स-डबल इवेंट में अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता। भारतीय टेनिस खिलाड़ी ने कनाडा के गैब्रिएला डाब्रोव्स्की के साथ मिलकर खिताब जीता। भारतीय टेनिस खिलाड़ी ने कनाडा के गैब्रिला डाबरोव्स्की के साथ जोड़ी बनायी | इस जोड़ी को कोलम्बिया के रॉबर्ट फराह और जर्मनी के अन्ना-लेना ग्रोनफेल्ड की मिश्रित-डबल जोड़ी के खिलाफ जीतने के लिये तीन सेटों में दो मैच के अंको को बचाना था, इंडो-कनाडाई जोड़ी ने पहला सेट 6-2 से अपने नाम कर लिया, टाई ब्रेकर स्कोर में जाने से पहले अगले सेट को उन्होंने गवां दिया, उसके बाद रोहन और गैब्रिएला ने कोलंबियाई-जर्मन जोड़ी को पीछे छोड़ दिया। अपनी पहली ग्रैंड स्लैम जीत के साथ बोपन्ना ग्रैंड स्लैम विजेताओं की एक विशिष्ट भारतीय सूची में लिंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा जैसे बड़े खिलाडियों के साथ शामिल हो गए।

 

* सूची किसी भी विशेष क्रम में खिलाड़ियों के स्थायित्व का प्रतिनिधित्व नहीं करती।

 

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2017-18 के शीर्ष 10 भारतीय खिलाड़ी
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भारत धीरे-धीरे लेकिन व्यवस्थित रुप से खेलों को बढ़ावा देने वाला एक देश बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, एक विशेष शक्ति जो गुम हो चुकी थी, को वैश्विक खेल अभिजात वर्ग के बीच एक विशेष स्थान प्राप्त हो रहा है।
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