Home / Food / पोषण के मामले में क्या करें और क्या न करें

पोषण के मामले में क्या करें और क्या न करें

December 3, 2017
by


आजकल जीवन अत्यधिक व्यस्त हो गया है, लोग अधिकांशता तनाव में रहते हैं जिसके कारण मधुमेह जैसी बीमारियों में बढ़ोत्तरी हो रही है। शहरी इलाकों में काम करने वाले युवा और कुछ खास पेशेवर जिनकी जीवन शैली गतिहीन (योग, व्यायाम व खेलकूद आदि का अभाव) होती है, वह आजकल हृदय से संबंधित बीमारियों से पीड़ित हैं, वास्तव में यह संख्या पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ी है। इस प्रकार की परिस्थितियों में पोषण हमारे रोजमर्रा की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण अंग बन गया है। हर कोई किसी डॉक्टर या फिटनेश ट्रेनर से इस बात की सलाह लेने के लिए कह रहा है कि वह क्या खाएं। ऐसा कहा जाता है कि एक स्वस्थ शरीर का 80 प्रतिशत श्रेय इस बात निर्भर करता है कि वह किस चीज का सेवन कर रहा है। यह बात विशेष रूप से उन लोगों के लिए सही है, जो लोग ज्यादातर ऑफिसों में काम करते हैं और टहलने, योगा और व्यायाम जैसी फिटनेस संबंधी गतिविधियों के लिए उनके पास बहुत कम समय होता है। जिन लोगों के शरीर का वजन सामान्य रूप से हल्का होता है, उन लोगों को ऐसी समस्यों का सामना नहीं करना पड़ता हैं, लेकिन चिंता का मुख्य विषय वह लोग हैं जिनका वजन उनकी लंबाई और आयु के अनुसार अधिक होता है। हालांकि, कई ऐसी चीजें हैं जिनका यदि ध्यान रखा जाए, जैसे कि नियमित व्यायाम के माध्यम से वजन कम करने में मदद मिल सकती है।

दिन की शुरूआत हल्के नाश्ते से –  एक अच्छे नाश्ते के बारे में कुछ लोगों की यह एक प्रमुख अवधारणा है कि सुबह का नाश्ता भारी होना चाहिए। यह बात उन लोगों के लिए एकदम सही है, जिन लोगों का शरीर हल्का और पतला है तथा अधिकांश मामलों में जो लोग सुबह के समय काफी मेहनती व्यायाम करते हैं। ऐसे लोग जो बिना किसी व्यायाम के भारी नाश्ता करते हैं, वह लोग अपने शरीर में वसा के स्तर को बढ़ा रहे हैं, चूँकि उनकी यह ऊर्जा पूरे दिन में उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों में व्यय हो जाती है, लेकिन अवशिष्ट बची हुई वसा का शरीर द्वारा कभी भी उपयोग नहीं किया जाता है, जो कि किसी के जीवन में आगे चलकर भयंकर बीमारियों का कारण बनता है।

मुख्य भोजन हल्का होना चाहिए – जो लोग सुबह का नाश्ता हल्का करते हैं उनमें अधिकतर यह प्रवृत्ति पाई जाती है कि वह अपने नाश्ते की कमी को कितना ज्यादा से ज्यादा दोपहर के भोजन से पूरा कर लें और जो बच जाए उसको रात के भोजन से पूरा कर लें। शायद एक मुख्य भोजन में किसी एकल व्यक्ति के लिए कार्बोहाइड्रेट के मुख्य स्त्रोत के रूप में 2 से 3 रोटियाँ और कुछ चावल खाना बेहतर रहता है। उन लोगों के मामले में जो अपने भोजन में रोटी और चावल या केवल चावल को शामिल करते हैं उनके लिए दोपहर के भोजन में रोटी और रात्रि के भोजन में चावल शामिल करना बेहतर रहता है। रोटी देर से या कठिनता पूर्वक पचती हैं, चूँकि धूप में पाचन क्रिया सुचारू रूप से होती है इसलिए दिन के समय रोटी का सेवन बेहतर होता है। इसी प्रकार, रोटी की तुलना में चावल सुपाच्य होते हैं इसलिए इनको रात्रि के भोजन में शामिल करना चाहिए। उन लोगों के लिए जो अपने भोजन में एक से अधिक व्यंजनों को शामिल करना पसंद करते हैं, तो उनके लिए यह बेहतर है कि वह दिन में इसका अभ्यास करें। हालांकि, ऐसे मामलों में भोजन की मात्रा कम होनी चाहिए। हालांकि, अगर भोजन में केवल एक ही व्यंजन है तो इसकी मात्रा बढ़ सकती है। रात के भोजन में केवल एक ही व्यंजन होना चाहिए। यह आसानी से पच जाता है और अगली सुबह लोगों को सक्रिय रखने में सहायता प्रदान करता है। अच्छी पाचन क्रिया के लिए रात के भोजन के बाद दही खाना एक अच्छा विचार है।

एक दिन में छह अच्छे भोजन –  यह हमेशा माना जाता है कि एक दिन में किसी एक व्यक्ति के भोजन में 3 भारी व्यंजन होने चाहिए। हालांकि जो लोग अधिक वजन वाले होते हैं और ज्यादातर ऑफिस की नौकरियां कर रहे हैं, उन्हें दिन में हल्का भोजन करने की आवश्यकता होती है, जो उन्हें 2-3 घंटे तक ऊर्जा प्रदान करे। इस प्रकार भोजन करना यह सुनिश्चित करता है कि किसी को कभी अत्यधिक भूख भी नहीं लगती है, कभी भी बहुत ज्यादा पेट नहीं भरता है और पाचन क्रिया भी सुचारू रूप से चलती रहती है, इस प्रकार पाचन क्रिया के सुचारू संचालन में योगदान प्राप्त होता है। यह पतले लोगों के लिए बहुत उपयोगी होता है। इसमें इस चीज पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि उनके हल्के भोजन में भारी भोजन की तुलना में प्रोटीन की कमी नहीं होनी चाहिए।

जितना अधिक संभव हो मसालेदार, तेल युक्त भोजन, शराब और मिठाई से बचें – भारत में मोटापा और मधुमेह के बढ़ते स्तरों के पीछे मुख्य कारण रोड के किनारे बिकने वाले जंक फूड जैसे कई प्रकार के पकौड़े, रोल और पेस्ट्री हैं, जो कि बहुत लोकप्रिय हैं। अधिकतर लोग दिन में मसालेदार और वसा युक्त भोजन करते हैं। सड़कों पर बिकने वाले तैलीय भोजन का मुख्य दोष यह होता है कि यह आपके शरीर में वसा को बढ़ाता है, चूँकि यह तेल बार-बार गर्म करके उपयोग किया जाता है इसलिए यह शरीर में कई प्रकार की पाचन संबंधी बीमारियों का कारण बनता है। मसालेदार भोजन में मुख्य समस्या यह है कि इसमें विषाक्त पदार्थ होते हैं, जो शरीर को वसा के संचय की अनुमति प्रदान करते हैं, जब कोई मसालेदार व्यंजन का संवन करता है और कार्य भी करता है, शरीर द्वारा संचित यह वसा मांसपेशियों द्वारा किए गए कार्यों में व्यय नहीं होती है। इसका मतलब यह है कि आप केवल छोटे हो रहे हैं जबकि पतले या फिट नहीं हो रहे हैं। शराब का सेवन करने वाले लोगों के साथ भी इसी प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। मिठाई शरीर में कैलोरी को बढ़ाती है जो पच नहीं पाती है और वसा बन जाती हैं या रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न करती है जिसके कारण कई प्रकार की बीमारियाँ बनती हैं और मधुमेह (डायबिटीज) जैसी बीमारी हो जाती हैं। मधुमेह (डायबिटीज) एक ऐसी बीमारी है, जो कभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं होती है और लगातार लापरवाही से यह बीमारी शारीरिक अंगों को बहुत नुकसान पहुँचा सकती है। तो सवाल यह है कि क्या खाया जाए? भोजन के साथ-साथ मौसमी फल और पाचन युक्त बिस्कुट खाने के लिए अच्छे विकल्प होते हैं। विशेष रूप से चाय के स्थान पर एंटी-ऑक्सीडेंट, स्टॉज (मिश्रित सब्जियाँ) और सूप बहुत उपयोगी है, अगर आप को विशेष प्रकार की भूख लगी है, तो यह एक अच्छा विकल्प है।

भोजन का समय –  हमेशा यह कहा जाता है कि सुबह का नाश्ता 10 बजे तक खा लेना चाहिए और रात का खाना रात्रि 10 बजे तक खा लेना चाहिए, यदि कोई दिन या रात का खाना बहुत देर में खाता है, तो पाचन क्रिया सही से काम नहीं करती है और अगर पेट ज्यादा देर तक खाली रहता है, तो खाली पेट में गैस बनने लगती है। और इससे गुर्दे की पथरी और गैस्ट्रोएंटेरिटिस जैसी बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। भोजन की खपत का एक सामान्य और समय पर पाचन तंत्र को अच्छी तरह से कार्य करने में मदद करता है और शरीर को फिट और स्वस्थ रखता है। हालांकि, यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से कठिन है, जो भोजन को बहुत पसंद करते हैं, इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, लेकिन इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए, यदि कोई स्वस्थ शरीर चाहता है, तो उसे इन नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए, लेकिन यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है।