Home / Government / भारत सरकार द्वारा ग्रामीण विकास के लिए शुरू की गई योजनाएं

भारत सरकार द्वारा ग्रामीण विकास के लिए शुरू की गई योजनाएं

August 23, 2018
by


Rate this post

भारत सरकार द्वारा ग्रामीण विकास के लिए शुरू की गई योजनाएं

हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों का उत्थान करने के लिए, ग्रामीण विकास मंत्रालय और भारत सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग और भूमि संसाधन विभाग के समन्वय से विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की है। ये योजनाएं ग्रामीण भारत के नागरिकों को लाभ पहुँचाने के लिए सूत्रबद्ध की गई हैं, जो अंततः एक लंबे समय के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तम्भ बनेगी।

भारत सरकार द्वारा ग्रामीण विकास के लिए शुरू की गई कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं हैं-

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

25 दिसंबर 2000 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरु की गई, इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण सड़क कनेक्टिविटी को बढ़ाना था। यह योजना कम या बिना किसी सड़क-संपर्क वाले आवासों को कनेक्टिविटी प्रदान करती है और आर्थिक और सामाजिक सेवाओं तक लोगों की पहुंच को बढ़ावा देने के साथ-साथ गरीबी को कम करने में मदद करती है। यह योजना लंबे समय से चली आ रही स्थायी गरीबी में कमी सुनिश्चित करती है क्योंकि इससे लोगों को दुनिया के बाकी हिस्सों से जुड़ने का मौका मिलता है। यह योजना कई ग्रामीणों को लाभान्वित कर रही है और उन्हें बेहतर जीवन जीने में मदद कर रही है। दिसम्बर 2017 तक लगभग 82% सड़कों का निर्माण किया गया है, जिन्होंने कई ग्रामीण क्षेत्रों को सफलतापूर्वक शहरों से जोड़ा है। मार्च 2019 तक शेष 47,000 बस्तियों को भी सड़कों से जोड़ा जाएगा। इससे पहले, इस योजना को केवल केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया था, लेकिन 14 वें वित्त आयोग की रिपोर्ट की सिफारिश के बाद से राज्य और केंद्र सरकार दोनों द्वारा इसका खर्च साझा किया जाता है।

दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना

दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशन का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं की करियर आकांक्षाओं को पूरा करना और ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि करना है। 25 सितंबर 2014 को शुरु की गई, इस योजना का मुख्य क्रेंद्र-बिंदु 15 से 35 आयु वर्ग के गरीब परिवारों के ग्रामीण युवा हैं। इस योजना के लिए 1500 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है जो रोजगार को बढ़ाने में मदद करेगी। यह योजना 568 जिलों में और 6215 ब्लॉक में,21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूद है जो युवाओं के जीवन को बदल रही है। 300 भागीदारों द्वारा लगभग 690 परियोजनाएं लागू की जा रही हैं। सरकारी रिपोर्टों के अनुसार, अब तक 2.7 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है और लगभग 1.34 लाख उम्मीदवारों को नौकरियों प्रदान की गई हैं।

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाई) / राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन

स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, जिसे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के रूप में फिर से डिजाइन किया गया है, 2011 में शुरू की गई थी। इसे अजीविका के नाम से भी जाना जाता है, इस योजना का उद्देश्य पूरे देश में महिलाओं के स्व-सहायता मॉडल को सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत, सरकार 7% की ब्याज दर पर 3 लाख रुपये का ऋण प्रदान करती है जिसे पुनर्भुगतान के समय 4% तक कम किया जा सकता है। इस योजना को विश्व बैंक द्वारा सहायता प्रदान की गई थी और गरीब लोगों के लिए कुशल और प्रभावी संस्थागत प्लेटफार्म बनाने का लक्ष्य रखा था। इससे वित्तीय सेवाएं प्राप्त करने और उनमें सुधार करके घरेलू आय में वृद्धि करने में भी मदद मिली। एनआरएलएम गरीबों की क्षमताओं का उपयोग करने में भी मदद करता है ताकि वे देश की अर्थव्यवस्था के विकास में भाग ले सकें।

प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फेलो योजना

प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फैलोशिप (पीएमआरडीएफ) ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसे राज्य सरकारों के सहयोग से कार्यान्वित किया गया है। इसमें देश के अविकसित और दूरदराज के क्षेत्रों में जिला प्रशासन को अल्पकालिक समर्थन प्रदान करने के दोहरे लक्ष्य हैं और साथ ही साथ सक्षम व प्रतिबद्ध नेताओं, अनुदेशकों को आगे बढ़ाना है, जो एक लंबी अवधि के लिए एकस्रोतके रूप में कार्य कर सकते हैं।

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एनआरईजीए)

2005 के राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एनआरईजीए) के अनुसार, किसी भी ग्रामीण परिवार के एक वयस्क को 100 दिनों की रोजगारगारंटी प्रदान की जाती है जो एक वित्तीय वर्ष में अकुशल मैन्युल काम करने के इच्छुक हैं। यह अधिनियम काम करने वाले लोगों और गरिमा के साथ जीवन जीने वालों के मौलिक अधिकार को संबोधित करता है। अगर किसी व्यक्ति को 15 दिनों के भीतर नौकरी नहीं मिलती है, तो वह बेरोजगारी भत्ता पाने के योग्य है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एनआरईजीए) में काम करने के मूल अधिकार के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है। इस योजना में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए संशोधन शुरू किए गए हैं।

सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (एसजीआरवाई)

2001 में गरीबों को रोजगार प्रदान करने के लिए सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (एसजीआरवाई) शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य उन क्षेत्रों में लोगों को भोजन उपलब्ध कराना है जो गरीबी रेखा से नीचे हैं और अपने पोषण स्तर में सुधार कर रहे हैं। इस योजना के अन्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को सामाजिक और आर्थिक संपत्ति प्रदान करना था। इस योजना में ठेकेदारों या बिचौलियों के रोजगार शामिल नहीं थे।

सर्व शिक्षा अभियान

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा सर्वप्रथम, सर्व शिक्षा अभियान 2000 में शुरु किया गया था। यह 6 से 14 वर्ष की उम्र के बीच के सभी बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा पाने का अवसर प्रदान कराने का एक प्रयास है जो कि एक मूलभूत मौलिक अधिकार भी है। राज्य और केंद्र सरकार इस परियोजना के खर्च को साझा करती हैं।

सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई)

सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) 2014 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ग्रामीण विकास परियोजना है जिसमें प्रत्येक संसद सदस्य तीन गांवों की जिम्मेदारी लेगा और गांवों के व्यक्तिगत, मानव, समाज, पर्यावरण और आर्थिक विकास की देखरेख करेगा। यह गांवों में जीवन स्तर के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता में भी काफी हद तक सुधार करेगी। इस परियोजना के लिए कोई धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई है क्योंकि मौजूदा योजनाओं के माध्यम से धन एकत्रित किया जा सकता है।

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम संविधान के अनुच्छेद 41 और 42 में निर्देशित सिद्धांतों की पूर्ति का प्रतीक है, जिसमें कहा गया है कि आर्थिक क्षमताओं की सीमा में बीमारी, बेरोजगारी और वृद्धावस्था के मामले में नागरिकों को सहायता प्रदान करना यह राज्य का कर्तव्य है। यह मूल रूप से भारत सरकार की एक केन्द्र प्रायोजित योजना है जो विधवाओं, बुजुर्गों, विकलांग लोगों को पेंशन के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान कराती है। यह योजना 15 अगस्त 1995 को शुरु की गई थी।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) / इंदिरा आवास योजना

2016 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के रूप में संशोधित इंदिरा आवास योजना भारत में ग्रामीण गरीब लोगों को आवास प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरु की गई एक कल्याणकारी योजना है। इस योजना का लक्ष्य 2022 तक सभी नागरिकों को आवास प्रदान करना है। घरों के निर्माण का खर्च केंद्र और राज्य द्वारा साझा किया जाएगा। यह योजना दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर पूरे भारत के ग्रामीण क्षत्रों में लागू की गई है। इस योजना के तहत पक्के घरों में शौचालय, बिजली कनेक्शन, पेयजल कनेक्शन, एलपीजी कनेक्शन आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं होंगी। आवंटित घर संयुक्त रूप से पति और पत्नी के नाम पर होंगे।

अन्त्योदय अन्ना योजना (एएई)

2000 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरु, अंत्योदय अन्ना योजना का लक्ष्य सब्सिडी दरों पर करीब 2 करोड़ लोगों को अनाज प्रदान करना था। गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों को योजना के अनुसार 35 किलोग्राम अनाज प्रदान किया गया था। चावल 3 / किलोग्राम और गेहूं 2 / किलोग्राम की दर से प्रदान किए गए थे। इस योजना को पहली बार राजस्थान में शुरु किया गया था लेकिन अब इसे सभी भारतीय राज्यों में लागू किया गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं का प्रावधान (पुरा)

पुरा भारत ग्रामीण विकास के लिए एक रणनीति है जिसे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी पुस्तक टारगेट 3 बिलियन में प्रस्तावित किया था। पुरा प्रस्तावित करता है कि शहरों के बाहर अवसर उत्पन्न करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी आधारभूत संरचना और सेवाएं प्रदान की जानी चाहिए। यह ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों तक युवाओं के प्रवास को भी प्रतिबद्ध करेगी। 2004 में इसकी शुरुआत के बाद से केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों में पुरा कार्यक्रम चला रही है।

 

 

Summary
Article Name
भारत सरकार द्वारा ग्रामीण विकास के लिए शुरू की गई योजनाएं
Description
ये योजनाएं ग्रामीण भारत के नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए सूत्रबद्ध की गई है जो अंततः लंबे समय के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बन जाएंगी।
Author

Comments

Like us on Facebook

Recent Comments

Archives
Select from the Drop Down to view archives