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उच्च यूरिक एसिड स्तरों के खराब प्रभाव

January 3, 2018
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उच्च यूरिक एसिड स्तरों के खराब प्रभाव

एक 47 वर्षीय व्यक्ति को उसके बाएं पैर के अंगूठे में अत्यधिक दर्दनाक सूजन होने के कारण, ओपीडी चिकित्सा का सहारा लेना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इसको परिपक्व हुए काफी समय हो चुका है और अब यह प्रथम चरण पर पहुँच गया है, क्योंकि इससे पीड़ित कोई भी व्यक्ति जब वह बिस्तर पर रखे हुए पैर को फैलाता है, उसमें प्रचंड पीड़ा होती है। उन्होंने आगे कहा कि उनके साथ अतीत में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसमें प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को 7-10 दिनों तक इसके दर्द का सामना करना पड़ता है। यह बीमारी अधिकांश उन्हीं लोगों में होती है, जो मोटापे व उच्च रक्तचाप से ग्रस्त होते हैं तथा मांशाहारी भोजन और रोजाना व्हिस्की का सेवन करते है।

गठिया क्या है?

गठिया को आयुर्वेद में वात-रक्त के नाम से जाना जाता है और कोई भी सज्जन व्यक्ति स्वयं ही ऊपर वर्णित समस्या का अवलोकन करके, तुरंत इसकी पहचान कर लेगा। इसका यह कारण है कि गठिया की एक बहुत विशिष्ट प्रस्तुति है, क्योंकि गठिया हड्डियों के जोड़ों में बेहद दर्दनाक सूजन (सामान्य रूप से पैर के अंगूठे के आधार में), प्रकृति में आवर्ती और कभी-कभी कई जोड़ों में हो जाती है।

उच्च यूरिक एसिड स्तर के क्या कारण हैं?

गठिया हाइपरसोमिया के कारण या रक्त में यूरिक एसिड (यूरिक अम्ल) का स्तर बढ़ने के कारण होती है। यूरिक एसिड खाद्य उपापचय और ऊतक को भंग करने का एक प्राकृतिक उपोत्पाद है। यह स्वाभाविक रूप से गुर्दे के माध्यम से निष्कासित होता है। हालांकि, कुछ व्यक्तियों में यूरिक एसिड का उत्पादन अधिक होता है, लेकिन इसका निष्कासन ठीक से नहीं हो पाता है। जिसके परिणाम स्वरूप ऊतक के स्तर में, त्वचा में, जोड़ों में और गुर्दे में मोनोसोडियम यूरेट क्रिस्टल जमा होने लगता है। यह जोड़ों के पास एक टॉफी के रूप में दिखाई देता है, जिससे त्वचा में क्रिस्टल का जमाव, दर्दनाक गठिया या गुर्दे की पथरी हो जाती है। जैसा कि ऊपर के परिदृश्य में देखा गया है कि गठिया संधिशोथ के दर्द से भी गंभीर हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप कई दिनों व सप्ताह तक उत्पादकता में कमी आती है।

निम्नलिखित कारक एक व्यक्ति में उच्च यूरिक एसिड स्तरों का विकास पूर्वनिर्मित कर सकते हैं और जिसके परिणाम स्वरूप गठिया हो सकती है:

  • मध्यम आयु वर्ग के पुरुष
  • गठिया का वंशगत इतिहास
  • मोटापा
  • उच्च रक्तचाप
  • मधुमेह
  • गुर्दे की बीमारी
  • ट्राइग्लिसराइड के स्तर में वृद्धि
  • एंजाइम विकार
  • जीवनशैली का कारण: शराब, मांशाहारी भोजन, नमकीन, शर्करा और फैटीय पदार्थों की अधिकता और व्यायाम या गतिहीन जीवनशैली की कमी।

इसके लक्षण क्या हैं?

  • जोड़ों में दर्दनाक सूजन, जो शुरुआत में एक जोड़ में हो सकती है और बाद में कई अन्य जोड़ों में भी होने लगती है।
  • गुर्दे की पथरी के कारण पीठ के निचले हिस्से में तथा पेट और जाँघ के बीच में जानलेवा दर्द होता है।
  • गुर्दे की पथरी के अलावा उल्टी और रक्त में मूत्र जमा हो सकता है।
  • त्वचा में टॉफी नुमा यूरिक एसिड क्रिस्टल का जमा होना और पैर की उंगलियों, हाथों और कोहनी में सूजन होना।

चिकित्सा की आवश्यकता कब होती है?

यदि आप में ऊपर उल्लिखित पूर्ववर्ती कारकों में से कोई भी या गठिया के लक्षण मौजूद हैं, तो इसका मूल्यांकन जल्द से जल्द करना चाहिए। आप इससे निजात पाने के लिए चिकित्सक, आर्थोपेडियंस या रूमेटोलोजिस्ट से संपर्क कर सकते हैं, क्योंकि यह पूर्ण आकलन और उचित जाँच करने में सक्षम होते हैं। यद्यपि एक्स-रे से रक्त के यूरिक एसिड स्तर और प्रभावित जोड़ों में मदद मिलेगी, क्योंकि निश्चित निदान केवल मोनोसोडियम यूरेट क्रिस्टल को प्रदर्शित करने के लिए माइक्रोस्कोप के तहत, प्रभावित जोड़ों से एस्पिरेटेड तरल पदार्थ की जाँच करके किया जा सकता है।

उपचार क्या है?

एक बार इसका निदान होने के बाद, इबोप्रोफेन जैसी गैर-स्टेरायडल एंटी-इन्फ्लोमैट्री ड्रग्स (दवाई) का उपयोग दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, यदि आप दमा या पेप्टिक अल्सर (फोड़ा) से पीड़ित हैं, तो यह उपचार उसमें भी फायदा करता है। इसका स्टेरॉयड के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि कोलेचिइसिन और एलोप्यूरिनॉल का पारंपरिक रूप से गठिया रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है और इस समय बाजार में ये नई दवाएं आसानी से उपलब्ध हैं। गंभीर मामलों में, खासकर अगर पुनरावर्तक या जीर्ण गठिया के कारण महत्वपूर्ण जोड़ों में क्षति होती है, तो उसके उपचार के लिए सर्जिकल उपचार आवश्यक हो सकता है। आयुर्वेदिक और हर्बल उपचार को अपना कर भी गठिया से निजात पाई जा सकती हैं। इसका उपचार करने से पहले हमेशा एक सलाह दी जाती है कि इसके समान लक्षणों वाले कई अन्य विकार भी मौजूद हैं।

उच्च यूरिक एसिड स्तर को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है?

यहाँ पर कई ऐसी चीजें प्रस्तुत हैं, जिनका उपयोग आप गठिया के लक्षणों को कम करने के लिए और अपने आपको गठिया का शिकार होने से बचाने के लिए कर सकते हैं।

  • नियमित दवाओं का सेवन और शरीर की देखभाल करें।
  • दर्द होने पर उस अंग को ऊँचा उठाएं, पर्याप्त दर्द होने पर राहत के लिए दवाइयाँ लें और दर्द को कम करने के लिए आइस पैक का उपयोग करें तथा चेरी का रस और सेब का सिरका भी दर्द निवारक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  • निर्जलीकरण और यूरिन क्रिस्टल के गठन की संभावना को कम करने के लिए एक दिन में 10 गिलास तक पानी पिएं।
  • यूरिक एसिड के उन्मूलन को बढ़ाने के लिए उच्च फाइबर आहार जैसे हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों का प्रयोग करें।
  • एंटीऑक्सिडेंट समृद्ध पदार्थों जैसे जामुन, अंगूर और अनानास का प्रयोग करें।
  • गठिया की विशिष्ट चिकित्सा के रूप में कई खाद्य पदार्थों जैसे केला, सेव, चूना, सब्जी का रस (विशेषकर गाजर, चुकंदर और ककड़ी), फ्रेंच बीन्स, जैतून का तेल तथा विटामिन सी और ई का उपयोग करने का सुझाव दिया जाता है।

रोकथाम-संबंधी उपाय-

  • शराब, लाल मांस, मशरूम, खमीर (यीस्ट) अर्क और तेलयुक्त मछली का भारी मात्रा में उपभोग करने से बचें, क्योंकि यह रक्त में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाते हैं।
  • अत्यधिक फैटीय (वसायुक्त), तेल, नमकीन और मीठे पदार्थों का सेवन करने से बचें।
  • बीपी, शुगर व कोलेस्ट्रॉल के स्तर और गुर्दे की नियमित जाँच कराएं।
  • नियमित रूप से कसरत करके, अपना वजन नियंत्रित रखें।