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औरंगाबाद में अजंता की गुफाएं: एक शानदार वास्तुकला की विरासत

April 9, 2018
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औरंगाबाद में अजंता की गुफाएं-

अजंता गुफाएं: सदियों पुरानी चट्टानों को तराशकर बनाई गई स्मारक

स्थान: औरंगाबाद, महाराष्ट्र

भारतीय कला का शानदार नमूना महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एक पृथक घाटी में छिपा हुआ है। विश्व प्रसिद्ध विरासत स्थल, अजंता गुफाएं भारत में सबसे पुरानी गुफा स्मारकों में से एक हैं, जो दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में निर्मित की गई हैं। इन गुफाओं को बौद्ध भिक्षु कारीगरों द्वारा कलात्मक रूप से पत्थरों को तराश कर बनाई गई थी, जो यही पर रहना, पूजा करना और शिक्षा देना का कार्य करते थे। अजंता गुफाओं में बुद्ध और जातक कथाएं के रूप में चित्रों की एक चित्रावली विद्यमान है और यहाँ पर प्राचीन काल के जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती हैं।

घोड़े की नाल के आकार में निर्मित अजंता गुफा में लगभग 30 गुफाएं हैं, जो वघोरा नदी के संकीर्ण प्रवाह के ऊपर 76 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं। जंगल के घने आवरण के नीचे छिपी हुई इन गुफाओं से दुनिया तब तक अनजान रही, जब तक कि ब्रिटिश अधिकारी की 1896 में अचानक इन गुफाओं पर नजर नहीं पड़ी। अजंता की गुफाएं में अनंत सुंदरता और आकर्षण के साथ अति सुंदर चित्रों की श्रृंख्ला मौजूद हैं। इन चित्रों को गुफा की दीवारों और छतों पर शुष्क प्लास्टर की सतह पर भित्तिचित्रों के रूप में जटिल विवरण के साथ क्रियान्वित किया गया था। माना जाता है कि गुफाओं को दो अलग-अलग समय पर कई शताब्दियों के अंतराल पर निर्माण किया गया है।

तथ्य यह है कि कई वर्षों तक अजंता गुफाओं को बौद्ध भिक्षुओं ने निवास के रूप में प्रयोग किया था, जिससे ये गुफाएं बौद्धों के लिए काफी महत्वपूर्ण हो गई थी। ये गुफाएं केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि अपनी अनूठी कला और इन स्थापत्य को निर्मित करने में इस्तेमाल होने वाली तकनीक के लिए दुनिया भर में भी प्रसिद्ध हैं। गुफाओं के अंधेरे कमरे में प्राकृतिक प्रकाश को पहुँचाने के लिए किए गए विशेष प्रावधानों को देखना वास्तव में आश्चर्यजनक लगता है। अजंता गुफाओं की प्रत्येक चित्र और मूर्तियाँ उस युग के कारीगरों की शानदार क्षमता के बारे में वर्णन करती हैं। अगर आपको अभी तक इस वास्तुकला के चमत्कार को देखने का मौका नहीं मिला है, तो अब अपने बैग पैक करें और यहाँ पर जाने की योजना बनाएं!

समय: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक

प्रवेश शुल्क: 10 रुपये (भारतीयों के लिए), 250 रुपये (विदेशियों के लिए)

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