योग और ध्यान के लिए 5 सबसे लोकप्रिय आश्रम
भारतीय संस्कृति विविध, समृद्ध और अनेक रूपों वाली है, जो दुनिया भर के लाखों आध्यात्मिक साधकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। योग, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक साधनाओं या आत्मसंयम का एक संयोजन है और इसकी उत्पत्ति प्राचीन भारत के ऋग्वेद में उल्लेख के साथ हुई है, जबकि ध्यान के कुछ प्रारंभिक संदर्भ भारत और नेपाल के प्राचीन ग्रंथों में पाए जाते हैं।
योग और ध्यान, एक साथ करने के लिए परिकल्पित किए गए थे। योग शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है। जबकि ध्यान, एक सामान्य व्यक्ति द्वारा प्राप्त की जाने वाली चेतना के एक उच्च रूप (ब्रह्मांडीय चेतना) के साथ उसकी आत्मा को जोड़ने में मदद करता है। पश्चिमी देशों में हजारों साल पहले योग और ध्यान लोकप्रिय हो गया था, जबकि भारत ने इन दोनों का आविष्कार और साधना की थी।
भारत में आश्रमों या इनके केंन्द्रों की एक विस्तृत सारणी है, जो मन के साथ-साथ शरीर को निरोग बनाने की दिशा में कार्य करते हैं। पाँच सितारा आश्रम में आवास से लेकर मूल आवास तक की सुविधाए उपलब्ध हैं, जो हर आध्यात्मिक साधकों को ज्ञान प्रदान करने का प्रयास करते हैं। इसलिए चाहें वह गुरु हो जिसकी आप तलाश में हैं या आप जीवन की भाग-दौड़ भरी जिंदगी से कुछ शांति और सुकून प्राप्त करना चाहते हैं, उसके लिए हम यहाँ अपने पथिक पाठकों और समुदायों के लिए पाँच सबसे अच्छे आश्रम या केंद्रों की पेशकश कर रहे हैं।
1. तुशिता ध्यान केंद्र, धर्मशाला
तुशिता ध्यान केंद्र, बौद्ध धर्म (तिब्बती महायान परंपरा) के अध्ययन और अभ्यास के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है। यह आश्रम सचमुच में हिमाचल प्रदेश के शहर मैकलॉडगंज, धर्मशाला (14वें परमपूज्य दलाई लामा की निर्वासित गद्दी) में पहाड़ों के ऊपर स्थित है।
विशेषताएं
- यह केंद्र आध्यात्मिकता के माध्यम से बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करता है।
- तुशिता ‘महायान’ ध्यान केंद्र एक साधारण जीवन और मौन पर ध्यान केंद्रित करने वाला प्रमुख उपादान है।
- यह सभी जाति और पृष्ठभूमि वाले लोगों को बुद्ध की शिक्षाओं को सीखने और उनका पालन करने के लिए एक घरेलू, अनुकूल और अनुशासित वातावरण प्रदान करता है।
- यह केंद्र बौद्ध दर्शन और ध्यान पर आधारित प्रसंगों और पाठ्यक्रमों का आयोजन करता है।
- यहाँ अत्यधिक अनुभवी छात्रों के लिए इंटरमीडिएट पाठ्यक्रम और सामूहिक आश्रयस्थल भी उपलब्ध हैं।
2. ईशा फाउंडेशन आश्रम
वर्ष 1992 में सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा स्थापित, ईशा फाउंडेशन तमिलनाडु में वेल्लिंगिरी पहाड़ों के आधार पर स्थित एक लाभ-निरपेक्ष संस्था है।
विशेषताएं
- ईशा फाउंडेशन योग के माध्यम से लोगों की आध्यात्मिक और शारीरिक क्षमता को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
- यह दृष्टिकोण में बहुत समकालीन है और यह वर्तमान समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर, वातावरण कायाकल्प जैसे विभिन्न आधुनिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है, जिसके बदले में वहाँ के निवासियों में उद्देश्य की भावना जागृत होती है।
- ईशा फाउंडेशन, योग की एक अनुकूलित प्रणाली और मूल गतिविधियों का आधार है।
- इसमें 3-7 दिनों का परिचयात्मक पाठ्यक्रम होता है, जिसे “आंतरिक इंजीनियरिंग” कहा जाता है, यह अंतरंग में शक्तिशाली परिवर्तन के लिए निर्देशित ध्यान और एक शक्तिशाली आंतरिक ऊर्जा की प्रक्रिया से अभ्यस्त करवाती है।
- ईशा फाउंडेशन में आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर आधारित हठ योग, बच्चों के करने वाले योग, प्रगतिशील ध्यान कार्यक्रम, पवित्र यात्रा और मन व शरीर में स्फूर्ति लाने वाले कई तरह के अन्य पाठ्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
3. श्री अरबिंदो आश्रम, पांडिचेरी
तमिलनाडु के खूबसूरत शहर पांडिचेरी में स्थित, इस आश्रम की स्थापना श्री अरबिंदो ने की थी और वर्ष 1926 में एक फ्रांसीसी संत मीरा अल्फासा यहाँ की श्रीमाता के नाम से मशहूर हुई थीं।
कई विदेशियों सहित हजारों सदस्यों के साथ आज यह आश्रम एक विविधीकृत समाज में विकसित हो गया है तथा इसके स्थायी अनुयायी समुदाय का गठन विशेषकर फ्रांस से होता है।
विशेषताएं
- अरबिंदो आश्रम अपने दृष्टिकोण में बहुत समकालीन है।
- यह आश्रम एक नई दुनिया का निर्माण करने की दिशा में काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य यह है कि मानवता हर व्यक्ति का सार हो होना चाहिए।
- यह आश्रम अनिवार्य रूप से एक आधुनिक शहरी व्यवस्था में जीवन का एक जीवंत और आकर्षक केंद्र है, जहाँ भौतिक और आध्यात्मिक दुनिया का उचित संयोजन होता है।
- यह आश्रम भौतिक दुनिया का त्याग करने में विश्वास नहीं करता है।
- इसमें 80 अलग-अलग विभाग हैं और वहाँ जाने वाले लोग उनमें से किसी भी विभाग में अपना दिन व्यतीत कर सकते हैं।
- आश्रम में किसी भी प्रकार की निर्धारित प्रथाएं, अनुष्ठान, आवश्यक ध्यान या व्यवस्थित निर्देश नहीं हैं, लेकिन यह ब्रह्मांड में सर्वोच्च उपस्थिति के साथ जुड़ने और मुक्त आत्मा के साथ गमन करने में विश्वास करता है।
- आश्रम में सामूहिक रूप से ध्यान-साधना की जाती है।
4. आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर, बेंगलुरु
आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर की स्थापना श्री श्री रवि शंकर ने वर्ष 1982 में की थी और यह उदीपल्या गाँव के निकट, बेंगलुरु के 36 कि.मी. दक्षिणी-पश्चिम में पंचगिरि पहाड़ियों पर स्थित है। यह आश्रम अपने पाठ्यक्रमों के माध्यम से लोगों को तनाव मुक्त जीवन के साथ-साथ उनको विकसित करने की कोशिश करता है।
विशेषताएं
- आश्रम में श्वसन तकनीक, ध्यान और योग पर आधारित आत्म-विकसन वाले कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जो तनाव से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
- यहाँ बताई जाने वाली श्वसन तकनीक शरीर और दिमाग की प्राकृतिक क्षमता को सुधारने में सहायता प्रदान करती है।
- यह एक स्वैच्छिक संस्था है, जो मानव जाति के उत्थान पर पहल करने के लिए बनाई गई है।
- आर्ट ऑफ लिविंग पाठ्यक्रम का मूल उद्देश्य व्यक्ति को दीर्घायु बनाना है।
- यहाँ एक 3 दिवसीय “फाउंडेशन कोर्स” (आर्ट ऑफ़ लिविंग भाग I) कार्यक्रम भी है, जो एक आवासीय कार्यशाला है।
- यहाँ अन्य पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं, जिनमें आर्ट ऑफ लिविंग II, योग, ध्यान, वास्तु शास्त्र, वैदिक गणित और युवा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शामिल हैं।
5. आयुर्वेद योग ध्यान रिजॉर्ट, कून्नूर
कुन्नूर में स्थित आयुर्वेद योग ध्यान रिजॉर्ट एक पुरस्कृत विजेता और विश्वास पूर्ण आयुर्वेद और योग केंद्र है। वर्ष 1950 में स्थापित यह केंद्र सुंदर और प्राचीन नीलगिरि की पहाड़ियों पर स्थित है, जहाँ की स्वच्छ एवं ताजी हवा तथा इसके आस-पास का परिवेश काफी लुभावना है।
विशेषताएं
- यह रिजार्ट आयुर्वेद, योग और ध्यान के एक वास्तविक और प्रामाणिक अनुभव का वादा करता है।
- केरल आयुर्वेदिक उपचार, कई बीमारियों के हरणकर्ता के रूप में उपलब्ध हैं।
- व्यक्तिगत उपचार के अलावा प्रत्येक दिन यहाँ योग का अभ्यास कराया जाता है।
- आगंतुक कार्बनिक बागवानी और स्वस्थ खाना पकाने जैसी विभिन्न गतिविधियों के साथ वहाँ की प्रकृति में शीघ्र ही घुल-मिल जाता है।
- रिजार्ट में आध्यात्मिक और मानसिक विश्राम के लिए दिन का समापन ध्यान के साथ होता है।
- यह आगंतुकों को स्वस्थ जीवन जीने और बीमारियों को रोकने के तरीके भी सिखाता है।
आपके बैग पैक करने का समय
भारत आश्रमों का एक खजाना है और आश्रम, आध्यात्मिकता प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के मन को शांत रखने तथा तनाव से राहत पाने का एक साधन हैं। तो तनाव से राहत पाने के लिए, अगले अवकाश के दौरान भारत के इन प्रसिद्ध आश्रमों में से किसी एक की यात्रा करने की योजना बनाएं।