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सिरदर्द : प्रकार, कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

September 11, 2018
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सिरदर्द

वर्तमान समय में हमारी जीवनशैली की निरंकुश गतिविधियां इतनी अधिक विनाशकारी होती जा रही हैं जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। मोहमाया के चक्कर में पड़कर मनुष्य पैसों, सत्ता, सम्पत्ति के पीछे भागता रहता है। लेकिन एक निश्चित समय सीमा में कार्य करने के जिम्मेदारी, अधिक रात तक जागकर नाइट-शिफ्ट में ड्यूटी करना, अनिद्रा और ट्रैफिक जाम में घंटों तक फंसे रहना – ये ऐसी स्थितियां हैं जो आगे चलकर हमारे जीवन में परेशानियों का कारण बन जातीं हैं। यह वह स्थित है जब सिरदर्द की समस्या हमारे जीवन में प्रवेश कर लेती है। सिरदर्द एक ऐसी समस्या है जो किसी भी लिंग या उम्र के लोगों के जीवन में किसी न किसी समय पर अनुभव किया जा सकता है। जैसे ही सिरदर्द का असहनीय दर्द पीड़ित व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है, तुरंत ही अचानक से पीड़ित व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता क्षीण होने लगती है।

सिरदर्द की व्याख्या करने के लिए किसी वैज्ञानिक परिभाषा की आवश्यकता नहीं होती है। हम आम तौर पर इसे तनाव और ज्यादा सोच-विचार करने से जोड़ते हैं, लेकिन यह उससे भी कहीं अधिक है। सिरदर्द का दर्द सिर या गर्दन में कहीं भी होना शुरु हो सकता है। यदि समय पर इसका उपचार न किया जाए, तो यह गंभीर परिणामों का कारण बन सकता है। (और माइग्रेन रोगी को दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि अगर एक बार माइग्रेन का दर्द चरम सीमा पर पहुंच गया तो रोगी को *रोगंटे खड़े कर देने वाला दर्द* का सामना कर पड़ सकता है)।

सिरदर्द के प्रकार

 

1. तनाव से सिरदर्द:

20 वर्ष से अधिक उम्र वाली महिलाओं में तनाव के कारण सिर दर्द का होना सबसे आम बात है। इस प्रकार का सिरदर्द गर्दन और खोपड़ी की मांसपेशियों पर दबाव के कारण होता है। इस प्रकार के सिरदर्द को बढ़ाने वाले कारको में खराब मुद्रा और तनाव शामिल है। इस प्रकार का सिरदर्द आमतौर पर कुछ ही मिनटों तक रहता है, लेकिन ऐसे भी मामले होते हैं जब यह कई दिनों तक बना रह सकता है।

2. क्लस्टर सिरदर्द:

इस तरह का सिरदर्द या तो सिर के किनारों पर या आँखों के पीछे गंभीर और ज्वलनशील दर्द का कारण बनता है। यह समस्या अधिकतर 20 से 40 वर्ष तक की उम्र के लोगों के बीच देखी जाती है। इस प्रकार का सिरदर्द घंटों तक और कभी-कभी 6 सप्ताह तक बना रह सकता है। यही कारण है कि इस तरह के सिरदर्द को क्लस्टर सिरदर्द कहा जाता है। इस तरह का सिरदर्द हर दिन या दिन में कम से कम एक बार आपको परेशान कर सकता है।

3. माइग्रेन सिरदर्द:

इस तरह के सिरदर्द के लक्षणों में आपके आधे सिर में सनसनाहट और तेज दर्द महसूस हो सकता है। सिरदर्द की इस श्रेणी को आगे अन्य श्रेणियों में उप विभाजित किया गया है जिसमें स्थायी माइग्रेन शामिल हैं, जो हर 15 दिनों में या उससे अधिक में होता है।

4. पलटाव सिरदर्द:

पलटाव सिरदर्द तब होता है जब एक मरीज इस प्रकार के सिरदर्द के लिए दवा लेना बंद कर देता है।

5. वज्रपात सिरदर्द:

इस प्रकार का सिरदर्द किसी व्यक्ति को अचानक और अक्सर होता है। यह सिरदर्द 5 मिनट तक बना रह सकता है। यह सिरदर्द मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं के साथ अंतर्निहित समस्या के लक्षणों की तरह है जिन पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

6. साइनस सिरदर्द:

इस प्रकार के सिरदर्द में पूर्णता की अनुभूति और चेहरे के सामने, माथे पर तथा साइनस संक्रमण के कारण आँखों के पीछे दर्द होना इसका प्रमुख लक्षण है।

7. कैफीन सिरदर्द:

यह सिरदर्द तब होता है जब एक व्यक्ति अचानक कैफीन के अत्यधिक उपयोग को बंद कर देता है।

8. गर्भाशय ग्रीवा सिरदर्द:

यह सिरदर्द एक तनावयुक्त सिरदर्द की तरह ही है। यह गर्दन की जकड़न के कारण उत्पन्न होता है।

9. तनावयुक्त सिरदर्द:

थकान से होने वाले सिरदर्द का एक अन्य प्रकार तनावयुक्त सिरदर्द है। यह किसी भी प्रकार के तनाव का परिणाम हो सकता है।

10. इग्ज़र्शन सिरदर्द:

यह सिरदर्द अत्यधिक शारीरिक श्रम का एक परिणाम है।

11. तीव्रग्रहीता सिरदर्द:

यह सिरदर्द साइनस सिरदर्द की तरह ही है। पर्यावरण में मौजूद एलर्जी नाक के मार्ग से साइनस ऊतक में पहुंचती है और सिरदर्द का कारण बनती है।

सिरदर्द के कारण 

सिरदर्द – आमतौर पर ज्यादा गुस्सा करने या सिर की दर्द-संवेदन संरचनाओं जैसे माथे, खोपड़ी, सिर के ऊपर, गर्दन और सिर की मांसपेशियों पर, साइनस में, प्रमुख धमनियों और सिर की नसों में और मस्तिष्क के आस-पास के ऊतकों में चोट के कारण होता है।

ऐसी घटनाएं जो मरीजों के बीच हल्के सिरदर्द से  शुरू होती हैं जिसमें व्यापक रूप से विभिन्न प्रकार के सिरदर्द शामिल हैं। सिरदर्द के सामान्य कारण नीचे दिए गए हैं:

  • तनाव
  • थकान
  • भूखे रहना
  • डिहाइड्रेशन
  • हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड का बढ़ता स्तर
  • हार्मोनल के कारण मासिक धर्म में अनिश्चितता
  • पीठ और गर्दन की मांसपेशियों में जकड़न
  • नियमित दवाओं के सेवन को अचानक रोकना
  • कैफीन, शराब और चीनी को एकदम से छोड़ना
  • नेत्र रोग
  • पीठ और गर्दन में अकड़न

 

सिरदर्द के लक्षण

  • चक्कर आना
  • कमजोरी
  • दृष्टि में परिवर्तन
  • संतुलन में कठिनाई
  • आँख, कान, या चेहरे का दर्द
  • जुकाम और खांसी के लक्षण
  • बुखार
  • जी मिचलाना

 

सिर दर्द का घरेलू उपचार 

सिरदर्द का सबसे आसान तरीका निश्चित रूप से दर्द निवारक औषधि लेना है, कैमोमाइल टी की चुस्की लेकर और एक्यूप्रेशर का उपयोग करके भी आप सिर दर्द से राहत पा सकते हैं। हम इस भयानक सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।

1. अदरक: सिरदर्द के लिए एक विस्मयकारी औषधि मानी जाने वाली अदरक आपको दर्द से जल्द ही राहत प्रदान कराती है तथा सिर और गर्दन में रक्त वाहिनियों की नरमी को कम करने में मदद करती है। अदरक का रस और नींबू का रस बराबर मात्रा में डालकर चाय बनाकर सेवन करें। संभवतः आप दिन में एक या दो बार यह पेय ले सकते हैं। आप अदरक पाउडर को पानी के साथ मिलाकर एक पेस्ट तैयार करके, कुछ मिनटों तक अपने माथे पर लगाकर सिरदर्द से राहत पा सकते हैं।

2. पेपरमिंट का तेल: चूंकि पेपरमिंट का तेल चिकित्सीय प्रभावों से परिपूर्ण है, इसमें सिरदर्द को ठीक करने की क्षमता होती है। इसमें मिश्रित मेन्थॉल सिरदर्द से राहत पहुंचाता है और मांसपेशियों को शिथिल होने से रोकता है। डिलूटड मेन्थॉल को प्रभावित जगह पर लगाने से तनाव, सिरदर्द और माइग्रेन से उत्पन्न होने वाले दर्द से छुटकारा मिलेगा।

3. लैवेंडर ऑयल: लैवेंडर ऑयल दिमाग पर अपने स्फूर्तिदायक और आरामदायक प्रभाव के लिए जाना जाता है। इसका प्रयोग न केवल क्रोध, तनाव, अकेलापन, चिड़चिड़ापन, उच्च रक्तचाप, और चिंता को दूर करने के लिए किया जाता है बल्कि सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। यह आवश्यक तेल आपकी इंद्रियों को शांत कर सकता है और माइग्रेन सिरदर्द के समस्या से राहत भी प्रदान करता है। एक चम्मच गर्म जैतून के तेल में इस तेल की 2-3 बूंदें मिलाएं और धीरे-धीरे अपने माथे पर मालिश करें।

4. दालचीनी: दालचीनी सिरदर्द के लिए जादुई गुणों वाला एक मसाला है। कुछ दालचीनी की दानों का पाउडर बनाएं और गाढा पेस्ट बनाने के लिए इसमें थोड़ा पानी डालें। इस पेस्ट को अपने माथे और कनपटी पर लगाएं। लगभग 30 मिनट तक आराम करें और फिर इसे गर्म पानी से धो लें।

5. अजवायन के फूल: सिरदर्द से खुद को राहत दिलाने के लिए अजवायन के फूल की कुछ बूंदें लेकर अपने माथे और कनपटी पर मालिश करें। यह काम करते समय थोड़ी देर तक आराम से लेट जाएं।

6. बेसिक स्ट्रेच: अपने सिर और गर्दन की जगह के कुछ हिस्से को स्ट्रेच करने से सिरदर्द की तीव्रता को कम करने में मदद मिल सकती है। अपनी ठोड़ी को ऊपर और नीचे, बाएं और दाएं ले जाएं और दोनों कंधों की तरफ अपनी गर्दन के किनारों को मोड़ें।

7. बर्फ से बना पैक: अगर हम अपनी गर्दन के पीछे बर्फ के टुकड़े को रखते हैं तो यह माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद करता है। दर्द पर भी इसका स्तब्ध असर पड़ता है।

8. लौंग: लौंग अपने ठंडेपन और दर्द निवारक गुणों के कारण तेज सिरदर्द से राहत दिलाने वाली एक मददगार औषधि है। लौंग को पीसकर पाउडर बनाएं और उसे एक साफ रूमाल में डाल दें। अब इसकी खुशबू को श्वास द्वारा लेना शुरू कर दें, जब तक आपको दर्द से कुछ राहत नहीं मिल जाती तब तक यह प्रक्रिया जारी रखें। आप एक चम्मच नारियल का तेल, दो बूंद लौंग का तेल और छोड़ा नमक एक साथ मिलाकर इस मिश्रण को अपने माथे और कनपटी पर रगड़ सकते हैं।

9. तुलसी: तुलसी एक जबरदस्त-सुगंधित जड़ी बूटी है जो मांसपेशियों को राहत पहुचाने में मदद करती है और मांसपेशियों के तनाव तथा जकड़न के कारण होने वाले सिरदर्द से छुटकारा दिलाती है।

आप एक कप पानी में 3-4 ताजा तुलसी की पत्तियों को उबाल लें। इसमें कुछ शहद डालें और चाय की तरह धीरे-धीरे चुस्कियां लेते हुए पिएं।

 

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सिरदर्द: प्रकार, कारण, लक्षण और इलाज के लिए घरेलू उपचार
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सिरदर्द एक ऐसी समस्या है जो किसी भी लिंग या उम्र के लोगों के जीवन में किसी न किसी समय पर अनुभव किया जा सकता है। जैसे ही सिरदर्द का असहनीय दर्द पीड़ित व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है, तुरंत ही अचानक से पीड़ित व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता क्षीण होने लगती है।
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