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कुछ प्रतिष्ठित और विवादास्पद स्व-घोषित भगवान

April 26, 2018
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कुछ प्रतिष्ठित और विवादास्पद स्व-घोषित भगवान

स्व-घोषित भगवान रामपाल की गिरफ्तारी और कुछ वर्ष पहले बाबा आसाराम के साथ-साथ कई अन्य स्व-घोषित भगवान रूपी बाबाओं से संबंधित कुछ मुद्दों पर विचार करना वास्तव में बहुत आवश्यक हो गया है। भारत में स्व-घोषित भगवान के लिए इतना बावलापन क्यों है? वास्तव में स्व-घोषित भगवान कौन हैं? भारतीयों को स्व-घोषित भगवान रूपी बाबाओं पर इतना विश्वास क्यों है? क्या वे सच में एक भगवान हैं? क्या उनके पास वास्तव में उत्तम-प्राकृतिक शक्तियां हैं?

ऐसा कहा जाता है कि स्व-घोषित भगवान की अवधारणा शिष्य-गुरु परंपरा की अवधारणा से उत्पन्न हुई है, जो हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही प्रचलित थी। भारत में स्व-घोषित भगवान को आम लोगों द्वारा एक गुरू के रूप में माना जाता है, ये लोगों को आध्यात्मिक शक्तियों के द्वारा प्रभावित कर लेते हैं तथा एक गुरु के रूप में धार्मिक उपदेश देना, धर्म का प्रचार और लोगों को रोग मुक्त करके समाज के अधिक से अधिक वर्गों को अपने अनुयायियों के रूप में आकर्षित करते हैं। आमतौर पर स्व-घोषित भगवान हाई प्रोफाइल वाले होते हैं, जिसके कारण इन्हें कभी-कभी राजनेताओं द्वारा संरक्षण और समर्थन प्रदान किया जाता है और बहुत से लोगों को ये भविष्य की घटनाएं बताकर भी प्रभावित करने में सक्षम होते हैं।

आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति के बावजूद भी यह विश्वास करना मुश्किल है कि आज भी, इन स्व-घोषित भगवानों के लाखों अनुयायी हैं। ये अनुयायी अपने गुरुओं का समर्थन करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। कई मामलों में, इन बाबाओं के भक्त उन्हें भगवान के अवतार के रूप में भी मान लेते हैं। इसके साथ ही उनके अनुयायी उनकी पूजा भी करते हैं। इन स्व-घोषित भगवानों ने अपने लोकप्रिय अनुयायियों तथा उनका समर्थन करने वालों के लिए आध्यात्मिकता के अपने स्कूल स्थापित किए हैं तथा ये अपने स्वयं के आश्रम बनाकर अपने शिष्यों के साथ वहीं पर रहते भी हैं। वे किसी धार्मिक आदेश का पालन कर सकते हैं या नहीं भी कर सकते हैं, लेकिन वे अपने चमत्कारी प्रयोगों और शक्तियों के लिए सम्मानित और परम पूज्यनीय हैं। हाल ही के वर्षों में, ये इतने अधिक शक्तिशाली हो गए हैं कि उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा और धन में बहुत अधिक वृद्धि कर ली है और भारत के बाहर के अनुयायियों को भी आकर्षित किया है।

भारत में कुछ प्रतिष्ठित स्व-घोषित भगवान

सत्य साईं बाबाः सत्य साईं बाबा एक उल्लेखनीय स्व-घोषित भगवान थे, ये एक भारतीय आध्यात्मिक बाबा, परोपकारी और गुरु थे। जो पवित्र भस्म (विभूति) का उपयोग करके अपने चमत्कारों के लिए जाने जाते थे। उनके हजारों अनुयायी हैं, जो उन पर बहुत विश्वास करते हैं। ये अपने धर्मार्थ कार्यों के लिए जाने जाते हैं और इन्हें राजनेताओं, समृद्ध व्यवसायियों और अन्य उच्च पदाधिकारियों द्वारा संरक्षण प्रदान किया जाता था। उनकी मृत्यु के बाद भी, उनके सत्य साईं संगठन, चैरिटेबल ट्रस्ट में सामाजिक सेवा की गतिविधियाँ जैसे कि मुफ्त अस्पताल, क्लीनिक, पेयजल परियोजना और स्कूलों की स्थापना आदि चल रहे हैं।

बाबा रामदेवः हम अपने स्वयं के योग गुरु बाबा रामदेव को कैसे भूल सकते हैं? ये वर्तमान में हमारे देश के सबसे प्रभावशाली स्व-घोषित भगवान में से एक हैं, देश भर में स्थित, प्रत्येक नुक्कड़ और कोने में इनकी हर्बल दवाएं और पतंजलि मेडिकल स्टोर तथा प्राणायाम जैसे विभिन्न योग आसनों की शिक्षा आदि से इनकी कमाई 1,100 करोड़ रुपये से भी अधिक है।

श्री श्री रवि शंकरः हमारे पास प्रसिद्ध ‘आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन’ के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर भी हैं और ये न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में सबसे मान्यता प्राप्त आध्यात्मिक गुरूओं में से एक हैं। उनके प्रचार का मुख्य क्षेत्र आध्यात्मिकता है। उन्होंने अपने समर्थकों और अनुयायियों को आध्यात्मिकता सिखाने के लिए विभिन्न कार्यशालाएं और कई मानवतावादी परियोजनाएं संचालित की हैं। उनका लक्ष्य तनाव को कम करना और दुनिया के लोगों को मानव की अहमियत से अवगत कराना है जिससे वे अन्य लोगों और समुदायों की सहायता कर सकें।

माता अमृतानंदमयी देवीः उन्हें “अम्मा” तथा “गले लगाने वाली संत” के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने वचन दिया है कि वे अपना पूरा जीवन दुनिया को लोगों के रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए, दुःखों से छुटकारा दिलाने के लिए, दुःख और तनाव तथा जीवन की थकावट दूर करने के लिए ही व्यतीत करेंगी। माता अमृतानंदमयी देवी की प्रणाली क्या है? वे जो लोग उनके पास मदद के लिए आते हैं उनको मात्र गले लगाती हैं। जो लोग प्रत्येक दिन उनके दर्शन कि लिए आते हैं, उनको गले लगाने का एक अपना अनुष्ठान करती हैं और कभी-कभी, वे इस अनुष्ठान को करने के लिए दिन-रात, लगभग 20 घंटे का समय व्यतीत करती हैं। उनका मकसद दूसरों की पीड़ा को कम करना है।

भारत में कुछ विवादास्पद स्व-घोषित देवता

जबकि हमारे यहाँ कुछ प्रतिष्ठित स्व-घोषित देवता हैं जो वास्तव में दूसरों की सेवा करने के लिए आध्यात्मिक और मानवीय कार्यों से जुड़े हुए हैं, हम उनमें से कुछ नामों को अनदेखा नहीं कर सकते जो विवादास्पद हो गए हैं।                 

  • संत रामपालः हो सकता है कि आपने इनके बारे में पहले कभी न सुना हो लेकिन इनकी गिरफ्तारी ने सचमुच इन्हें बहुत लोकप्रिय बना दिया है। यह एक स्व-घोषित भगवान हैं, जो 15 वीं शताब्दी के कवि कबीर का अवतार माने जाते हैं। लेकिन, वह हत्या सहित धोखाधड़ी के कई मामलों में लिप्त हैं। लेकिन फिर भी, हिसार में इनके सैकड़ों अनुयायी हैं। अनेक महिला समर्थक वास्तव में इनके लिए अपनी जान तक न्यौछावर कर सकती हैं।
  • आसारामः एक और स्व-घोषित गुरु, आध्यात्मिक नेता हैं, जो कि एक सर्वोच्च चेतना वाले अस्तित्व का उपदेश देते हैं। उनके सैकड़ों भक्त हैं जो प्रार्थना, योग और ध्यान के लिए उनके आश्रम जाते हैं। लेकिन, कुछ साल पहले कथित रूप से इन्हें अपने आश्रम में एक लड़की का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसे इनका अनुयायी माना गया था।
  • इच्छाधारी संतः इन्होंने स्वयं को साईं बाबा का शिष्य होने का दावा किया है। इनके पास कई करोड़ रुपये की संपत्ति है। इन्होंने धार्मिक प्रवचन आयोजन शुरू किया और अपनी आध्यात्मिक शिक्षाओं के बदले पैसा कमाने का एक जरिया बनाया, लेकिन 1997 में वेश्यावृत्ति रैकेट चलाने के आरोप में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
  • स्वामी नित्यानंद: इनके नाम का उल्लेख वाटकिंस ‘माइंड बॉडी स्पिरिट नामक मैगज़ीन में दुनिया के 100 सबसे अधिक आध्यात्मिक प्रभावशाली लोगों में किया गया था। स्वामी नित्यानंद मेडिटेशन प्रोग्राम और आध्यात्मिक उपदेशों के लिए जाने जाते थे। लेकिन कुछ टीवी चैनलों ने उनका एक वीडियो फुटेज अभिनेत्री के साथ प्रसारित किया, जिसके बाद वह विवाद में घिर गये। जल्द ही इनका नाम कई सेक्स स्कैन्डल के साथ जुड़ गया।
  • स्वामी सदाचारी: यह एक तांत्रिक, आध्यात्मिक सलाहकार थे और कई शीर्ष राजनेता इनके अनुयायी थे। जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी शामिल थीं। लेकिन, इनको वेश्यालय चलाने के कारण गिरफ्तार किया गया था

इनके जैसे कई और नाम हैं। इन स्व-घोषित भगवानों की सूची अंतहीन हैं। वास्तव में, विवादास्पद स्व-घोषित भगवानों की संख्या वास्तविक धार्मिक प्रचारकों और आध्यात्मिक नेताओं की संख्या कही अधिक है। एक असली स्व-घोषित भगवान वही है जो बिना कुछ लिए अपने अनुयायियों को बुराई व गलत कार्य से बचाने के लिए उनका आध्यात्मिक मार्गदर्शन करे। लेकिन दुर्भाग्य से, कुछ स्व-घोषित भगवान कथित तौर पर पैसा कमाई के मिशन से जुड़े हुए हैं और आध्यात्मिकता के नाम पर ऐश-ओ-आराम वाला जीवन व्यतीत कर रहे हैं। यह समय जागने का है ताकि नकली स्व-घोषित भगवान के इरादों को भांँप सकें।