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लोकप्रिय स्व-घोषित भगवान और उनके अंधे अनुयायी

July 6, 2018


लोकप्रिय स्व-घोषित भगवान और उनके अंधे अनुयायी

भारतीय पुराणशास्त्र और साथ ही साथ इतिहास में कई ऐसे उदाहरण दर्ज है, जहाँ महान आत्माओं ने लोगों को धार्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए उनका मार्गदर्शन किया है। जैसे कि संत कबीर, गुरू नानक और अन्य लोगों ने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से लोगों के जीवन को एक अर्थ दिया है। उन महान आत्माओं ने लोगों की पीड़ा को कम किया और समाज की भलाई के लिए काम किया है।

आज, अनेक स्व-घोषित भगवान भारत में विस्तृत रूप से कोने-कोने में पाए जा सकते हैं। लेकिन वर्तमान समय में, इनमें से कुछ ही है जो मानवता की भलाई करने की आकांक्षा रखते है। यह स्व-घोषित भगवान सजीले आश्रमों में बलवान अंगरक्षकों (बाडीगार्ड) के घेरे में रहते है, साथ ही इनका शक्तिशाली राजनीतिक संबंध भी होता है और इन स्व-घोषित भगवानों के भाषण एवं सत्संग सुनने के लिए इनके लाखों अनुयायी हजारों रुपये दान स्वरूप देते है। लेकिन आध्यात्मिकता की इन सभी चीजों के पीछे एक भयावह दुनिया है जिसमें संदिग्ध लेनदेन, बलात्कार,  जमीन हथियाने,  हत्याएं और अन्य ऐसी घृणित कार्यप्रणालियों का सर्वोच्च अधिपत्य है। ऐसा होने पर भी उनके अंधे भक्तों के लिए, यह स्व-घोषित भगवान पुण्यात्मा हैं जो कोई भी गलत काम नहीं कर सकते हैं। एक ऐसा ही मामला स्व-घोषित भगवान राम रहीम का है जिनको बलात्कार के मामलों में अपराधी ठहराया गया है। जैसे ही फैसला सुनाया गया वैसे ही हरियाणा में उनके अनुयायियों ने हिंसात्मक हमले किए और दिल्ली के कुछ हिस्से में जो कुछ उनके रास्ते में मिला उनमें आग लगा दी। यहाँ पर हम पांच विवादास्पद स्व-घोषित भगवान का उल्लेख कर रहे हैं, जो गैरकानूनी कार्य प्रणालियों में शामिल है और अभी भी उनके बड़े अंध-भक्त हैं।

गुरमीत राम रहीम सिंह

कई स्व-घोषित भगवानों में से राम रहीम नवीनतम है जिनको पिछले कुछ वर्षों में गलत कार्यों के लिए दोषी पाया गया है, 1990 में राम रहीम डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बन गये। स्व-घोषित भगवान राम रहीम विभिन्न आपराधिक मामलों में फंसे हुए हैं। 25 अगस्त 2017 को सीबीआई अदालत ने 2002 में एक महिला भक्त के साथ बलात्कार करने के लिए राम रहीम को अपराधी ठहराया गया था। उसी वर्ष (2002), राम रहीम पर एक पत्रकार राम चंदर छत्रपति और डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या करने के भी आरोप लगाए गए थे। 25 अगस्त को उनके खिलाफ फैसला आने के बाद उनके अनुयायियों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किए, जिनमें 30 से ज्यादा लोग मारे गये थे और करीब 80 लोग घायल हो गए।

आसाराम बापू

आसाराम बापू का जन्म 1941 में हुआ था। जिनके भारत और विदेशों में 400 से अधिक आश्रम और बड़ी तदाद में इनके अनुयायी हैं। आसाराम बाबू एक अत्याधिक विवादस्पद व्यक्ति हैं और कई मामलों में फंसे हुए हैं। 2013 में एक 16 वर्षीय लड़की ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। 2008 में आसाराम और उनके बेटे पर दो लड़कों की हत्या करने का भी आरोप लगाया गया था और साथ ही यह जमीन अधिग्रहण मामले में भी शामिल है। 2012 के दिल्ली बलात्कार के मामले में आसाराम बापू का विवादास्पद बयान की व्यापक रूप से निंदा की गई थी। उन्होंने टिप्पणी की थी कि बलात्कार की शिकार हुई लड़की भी अपनी दशा की स्वयं जिम्मेदार थी और सुझाव दिया कि उसको हमलावरों को भाई कहकर पुकारना चाहिए था और इससे उसकी इज्जत और जान बच सकती थी।

निर्मल बाबा

निर्मल बाबा अपने बेहद लोकप्रिय सार्वजनिक प्रवचन के लिए भारत भर में अच्छी तरह से जाने जाते है। भारत के विभिन्न चैनलों पर उनके प्रवचन दिखाए जाते हैं और कई अन्य देशों में भी इनका व्यापक अनुसरण करने के योग्य बनाया है। उन पर धोखाधड़ी, जालसाजी, अवैज्ञानिक और अंध विश्वास फैलाने के आरोप लगे है। दोषारोपण के बाद भी, उनके टीवी कार्यक्रम अंधविश्वास को प्रोत्साहित कर रहे थे, मई 2017 में, इलाहाबाद के उच्च न्यायालय ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को मामले की जाँच का आदेश दिया गया था। इससे पहले 2014 में, निर्मल बाबा पर 3.5 करोड़ का सर्विस टैक्स (सेवा कर) चोरी करने का आरोप था।

सत्य साईं बाबा

2011 में, सत्य साईं बाबा का निधन हो गया था। जो अपने भक्तों के बीच अत्यधिक सम्मानित थे। बाबा ने परोपकारी जैसे कार्य करके प्रसिद्धि प्राप्त की थी जो कि आम लोगों के लिए कर पाना असंभव था। वह अन्य वस्तुओं जैसे अंगूठियाँ, हार, घड़ियाँ और हवा में राख उत्पन्न करना और चमत्कारिक रूप से लोगों को स्वस्थ कर सकते थे, उन्होनें भक्तों और विरोधियों दोनों के बीच लोकप्रियता हासिल की। अपने भक्तों के लिए उनका यह चमत्कार एक ईश्वरीय शक्ति का संकेत था लेकिन यह संदेहवादी चाल से ज्यादा कुछ नहीं था। पिछले कुछ वर्षो में इन पर नकली चमत्कार, बाल शोषण, धन की हेराफेरी और यौन शोषण जैसे कई आरोप लगाए गए। सत्य साईं बाबा पर एक हत्या करने का भी आरोप है।

रामपाल दास

रामपाल एक इंजीनियर से बाबा बन गए, जो स्व-घोषित भगवान और कबीर पंथ के नेता हैं। उनका मानना ​​है कि कबीर सर्वोच्च देवता है और उनका संप्रदाय मूर्ति पूजा, व्यभिचारी और अस्पृश्यता आदि का विरोधी है। हालांकि, रामपाल एक विवादास्पद व्यक्ति हैं, जिनको 2014 में, हत्या,  राजद्रोह, हत्या करने की कोशिश, अवैध हथियारों की इकठ्ठा करने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। 2006 में, वह आर्य समाज के भक्तों से भिड़ गए जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी।

उनके दोषसिद्धि होने के बाद भी लोग बाबाओं में क्यों भरोसा करते हैं?

बाबा न केवल मीठा बोलने वाले है बल्कि ये निपुण जादूगर और चालबाज भी हैं। लोग हमेशा चमत्कार करने वालों की तरफ खींचते चले जाते है, लोगों को लगता कि इनके पास कोई ईश्वरीय शक्ति है। यह स्व-घोषित भगवान चालबाजी करने में निपुण है, जो भोले-भाले लोगों को प्रभावित करने में सक्षम हैं। लोग आम तौर पर आश्वासन पाने के लिए इन बाबाओं के संपर्क में आते हैं और बदले में स्व-घोषित भगवान के चमत्कार का आभार प्रकट करते है। अगर उन लोगों के जीवन में कुछ अच्छा होता है, तो लोगों को लगता है कि यह सब बाबा के आशीर्वाद के कारण हुआ है। जो लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं, वह लोग भी बाबाओं की तरफ आकर्षित होते हैं, जो बदले में उनका लाभ उठाते हैं। उदाहरण के लिए, टीवी पर एक बाबा ने अपने भक्त को लाल चटनी खाने या न खाने की सलाह दी और बदले में समोसे के साथ हरी चटनी का इस्तेमाल करने को कहा। यह आश्वासन भी दिया जाता है कि बाबा सभी व्यक्तियों के दुखों को कम करेगें। इन बाबाओं से लोग इतनी गहराई से जुड़े होते हैं कि जब स्व-घोषित भगवान किसी गंभीर मामले में फंसते हैं, तो लोग विश्वास नहीं करते हैं। आखिरकार, ये बाबा कोई गलत काम नहीं कर सकते हैं।

इसलिए, जब तक भारत में अज्ञानता और अंधविश्वास मौजूद रहेगा, इन ढोंगी बाबाओं का व्यापार बढ़ना जारी रहेगा।