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इलाहाबाद में अलोपी देवी मंदिर

May 17, 2018
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इलाहाबाद में अलोपी देवी मंदिर

इलाहाबाद में अलोपी देवी मंदिर

स्थान: अलोपीबाग, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश

असंभव की संभावना वह है जो कि हम ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास रखते हैं। हमारे जीवन में होने वाली बहुत सी चीजें इतनी अद्भुत लगती हैं कि हम उन्हें एक चमत्कार के रूप में मानते हैं। बिल्कुल वैसे ही जैसे इलाहाबाद में अलोपी देवी मंदिर की कहानी। गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के पवित्र संगम के पास स्थित यह मंदिर सबसे आश्चर्यजनक मंदिरों में से एक है जहाँ मैं पहले कभी नहीं गई। अलोपी मंदिर 18 शक्तिपीठों में से एक है , जिसे उन सभी शक्तिपीठों में से सबसे पवित्र माना जाता है। मंदिर की विशिष्टता इस तथ्य में निहित है कि यहाँ पूजा करने के लिए किसी भी देवता की कोई मूर्ति स्थापित नहीं है।

अलोपी देवी मंदिर के प्रांगण में, लकड़ी का कुंड है, जिसे नई दुल्हन की “डोली” भी कहा जाता है। इस लकड़ी की शिल्प की पूजा पूरे देश के लोगों द्वारा निष्ठा से की जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार, जब भगवान शिव अपनी पत्नी सती के जले हुए शरीर को लेकर पूरे आसमान में भ्रमण कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने भगवान शिव के दर्द को दूर करने के लिए अपने चक्र को सती के शव पर छोड़ दिया। तत्पश्चात जहाँ-जहाँ सती के शरीर के अंग गिरे वह सभी स्थान पवित्र हो गये और उन्हें “शक्तिपीठ” के रूप में माना गया। अलोपी देवी मंदिर वह स्थान है जहाँ पर सती के शरीर का अंतिम भाग गिरा था, यहीं से सती का संपूर्ण शरीर लुप्त हो गया था। इसलिए इस जगह को अलोपी के नाम से जाना जाने लगा जिसका मतलब है विलुप्त होना।

यहाँ के स्थानीय लोगों के पास सुनाने के लिए एक और कहानी है! उनके अनुसार, अलोपी माता नव विवाहित दुल्हन हैं, जो लुटेरों द्वारा बारात पर हमला किये जाने पर लकड़ी की गाड़ी से गायब हो गईं थी। दुल्हन का आश्चर्यजनक ढंग से गायब होना एक चमत्कार के रूप में माना गया था और उस स्थान पर मंदिर बनवाया गया, ताकि दिव्य दुल्हन की पूजा की जा सके।

अलग-अलग लोग, अलग-अलग तरह की कहानियां। फिर भी, देश भर के हजारों श्रद्धालु लगातार अलोपी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते है। नवरात्रि का त्यौहार यहाँ भव्य रूप से अत्यंत धूमधाम और आनंद के साथ मनाया जाता है।

चाहे विश्वास के लिए या पूजा के अनोखे तरीके के लिए, फिलहाल जो भी कारण हो, अलोपी मंदिर जाना निश्चित रूप से अति आवश्यक है!

समय: सुबह 4 से रात्रि 10 बजे तक

प्रवेशः निःशुल्क