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बोध गया : शांति और ज्ञान का वास

May 11, 2018
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बोध गया : शांति और ज्ञान का वास |

बोध गया : शांति और ज्ञान का वास |

स्थानः गया जिला, बिहार से 17 कि.मी. की दूरी पर स्थित

माना जाता है कि बौद्ध धर्म का उद्भव भारत में हुआ था और यही कारण है कि भारत बौद्ध धर्म के कई तीर्थ स्थलों का पोषक है। बौद्धों के सबसे पवित्र स्थलों में से एक स्थल, बिहार राज्य के गया जिले में स्थित है। इसे बोध गया के नाम से भी जाना जाता है, यह वही (पवित्र) स्थल है जहाँ गौतम बुद्ध को एक वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

बोध गया निरंजना नदी के तट पर स्थित, बिहार का एक छोटा सा गाँव है जिसे पहले उरुवेला के नाम से जाना जाता था। इस स्थान का इतिहास 500 ईसा पूर्व का है। परम ज्ञान की खोज में वर्षों भ्रमण करने के बाद, राजकुमार गौतम सिद्धार्थ, बोधी वृक्ष के नीचे ध्यान लगाकर बैठ गए। तीन दिनों तक गहन ध्यान के बाद, उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और उसके बाद ये बुद्ध, ‘एक प्रबुद्ध’ के नाम से जाने गए। सदियों बाद, मौर्य सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को पुनस्थापित और प्रचारित किया और बौद्ध भिक्षुओं के लिए असंख्य स्थलों का निर्माण किया। अशोक द्वारा निर्मित मुख्य मठ (स्थल) महाबोधि मंदिर है, जो अब एक विश्व धरोहर स्थल हैं।

इस पवित्र स्थल का इतिहास कई शिलालेखों और प्रलेख में मिलता है। इस स्थल को 18 वीं शताब्दी में केवल बोध गया के नाम से जाना जाता था। इस स्थल के उद्भव और प्रतिष्ठा से जुड़ी कई कहानियां और मान्यताएं हैं। बोध गया को अत्यंत पवित्र माना जाता है और इस स्थल की यात्रा न केवल बौद्ध अनुयायियों, बल्कि दुनिया भर के बहुत से लोगों आते है। यह बुद्ध और बौद्ध धर्म के इतिहास के बारे में बहुत कुछ बताने वाली इस पवित्र जगह पर जाना वास्तव में एक शानदार अनुभव है

बोध गया कैसे पहुँचेः बोध गया, हवाई यात्रा, रेलवे और सड़क के मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। बोध गया से निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन 17 कि.मी दूर गया में स्थित हैं।

सचेत करने वाले सुझाव:

  • धोखेबाज पर्यटक मार्गदर्शकों से सावधान रहें जो आपसे अतिरिक्त पैसा लेकर ठग सकते हैं।
  • सड़क विक्रेताओं और दुकानदारों से ठीक से मोल-भाव करने के बाद ही कुछ खरीदें।