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जानिए डिजी यात्रा कैसे बना रही है आपकी उड़ानों को बेहद आसान!

October 8, 2018
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जानिए डिजी यात्रा कैसे बना रही है आपकी उड़ानों को बेहद आसान!

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 4 अक्टूबर 2018 को बहुप्रतीक्षित पहल “डिजी यात्रा” की घोषणा कर दी। एक बार आवेदन के तहत, यह न केवल भारत को डिजटल बनाने को लेकर एक लंबी छलांग होगी, बल्कि यात्रियों के लिए हवाई यात्रा को भी बेहद आसान बना देगी।

पहली बार “डिजी यात्रा” की पहल केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने एक साल पहले की थी। जैसा कि यह पहल इस समय उन्नति पर है, यहाँ पर इसके बारे में कई बातें दी गईं हैं जिसे आपको जानने की जरूरत है !

कैसे काम करती है डिजी यात्रा?

जैसा कि स्वयं इसके नाम से ही स्पष्ट होता है “डिजी यात्रा” – यानी कि यात्रा का डिजटलीकरण। अर्थात, अगर चीजें काम करती हैं तो जल्द ही आप अपने दस्तावेजों के भारी-भरकम बोझ से आजाद होकर विमानों में उड़ान भरने मे सक्षम हो जाएंगे। आपको अपने साथ ले जाने की जरूरत है केवल अपनी मुस्कराहट। तो यह कैसे काम करती है?

  • डिजी यात्रा या डीवाई के लिए चुने जाने वाले यात्रियों को सेवाओं का लाभ उठाने के लिए जरूरत होगी एक अद्वितीय डिजी यात्रा आईडी की।
  • इसके लिए, सरकार एक केन्द्रीयित पंजीकरण पोर्टल पेश करेगी।
  • आईडी कार्ड बनवाने के लिए निम्नलिखित विवरण की आवश्यकता होगी – नाम, ई-मेल आईडी, फोन नंबर, एक तस्वीर, साथ ही एक पहचान पत्र।
  • एक बार अद्वितीय रूप से बनाए गए “डिजी” आईडी का उपयोग करने वाले यात्री को पहली बार प्रस्थान के लिए एक बार सत्यापन कराने की आवश्यकता होगी।
  • पहली बार सत्यापन के बाद, डिजी आईडी को बॉयोमीट्रिक्स डेटाबेस में सफलतापूर्वक सहेज लिया जाएगा।
  • आगामी टिकट बुकिंग पर, यात्रियों को खरीद के समय अपनी अद्वितीय डिजी यात्रा आईडी जमा करनी होगी।
  • हवाई अड्डे पर, आपके मोबाइल फोन में प्रदत्त क्यूआर कोड और चेहरा पहचानने की तकनीक की वजह से आपका चेहरा ही “बोर्डिंग पास” का काम करने लगेगा।
  • एक बार अंदर प्रवेश करने के लिए सारी औपचारिकताएं – जैसे चेक-इन, बैगेज ड्रॉप इत्यादि को पूरा कर लेने पर फेशियल स्कैन सुलभ हो जाती है, इस प्रकार आपके समय की बचत के साथ-साथ आपकी परेशानी भी कम हो जाती है।

डिजी यात्रा के कार्यान्वयन के बाद सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए सभी सामान्य सुरक्षा जाँच प्रक्रियाएं समान रहेंगी। फिर भी, यदि योजनाबद्ध तरीके से पहल काम करती है, तो यह हवाई यात्रा – यात्रियों के साथ-साथ अधिकारियों के लिए भी आसान हो जाएगी।

कब से ले पाएंगे इस सुविधा का लाभ?

4 अक्टूबर को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने मीडिया को बाताया था कि डिजिटल यात्रा के लिए केंद्रीय मंच फरवरी 2019 से परिचालित होगा। शुरुआती चरण में, एक ही समय में बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे हवाई अड्डे परियोजना के लिए तैयार होंगे। चार और हवाई अड्डे, अर्थात्- कोलकाता, वाराणसी, विजयवाड़ा और पुणे अप्रैल 2019 तक डिजी यात्रा के लिए तैयार हो जाएंगे।

इस डिजिटल सिस्टम प्रबंधन के तहत एक बार इन छह हवाई अड्डों के सफल संचालन के बाद, इसे दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों में कार्यान्वित कर दिया जायेगा।

एक ऐतिहासिक नवाचार?

भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) को उम्मीद है कि अंततः सभी हवाईअड्डे अपने प्राधिकरण के तहत डिजी यात्रा के साथ बहुत ही आसानी से कार्य करेंगे। इसी के साथ, हमेशा की तरह ‘उत्सुक‘ बोर्डिंग यात्रियों के लिए यह एक राहत की बात है। साथ ही एक बार जब यात्री हवाईअड्डे के अंदर प्रवेश करता है तो कई बार सत्यापन कराने की आवश्यकता को, समाप्त कर देने के बाद डिजी यात्रा मानव-शक्ति को काफी हद तक कम करने में सहायक होगी।

अधिकारियों ने सफलता के साथ नई परियोजना की घोषणा कर दी है, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह आगामी वर्षों में यह कैसे काम करती है। यह जानने के लिए, हमारे साथ बनें रहिए।

 

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डिजी यात्रा आपकी उड़ानों को बना रही है बेहद आसानः जानिए इसके बारे में !
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 4 अक्टूबर 2018 को बहुप्रतीक्षित पहल “डिजी यात्रा” की घोषणा कर दी। एक बार आवेदन के तहत, यह न केवल भारत को डिजटल बनाने को लेकर एक लंबी छलांग होगी, बल्कि यात्रियों के लिए हवाई यात्रा को भी बेहद आसान बना देगी।यहां पर आपको जरूरत है इसके बारे में जानने की।
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