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डिजिटल भारत कार्यक्रम के तहत क्या आता है?

July 3, 2018


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डिजिटल भारत कार्यक्रम के तहत क्या आता है?

“प्रौद्योगिकी लोगों के जीवन को बदल देती है। यह लोगों को आपस में जुड़ने में सक्षम बनाती है। गरीबी को कम करने की प्रक्रियाओं को सरल करने से, बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिये भ्रष्टाचार को खत्म करना, प्रौद्योगिकी की जीवन शैली हर जगह है। यह मानव प्रगति का एक साधन है”… नरेंद्र मोदी

1 जुलाई 2015 को इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय स्टेडियम में, औपचारिक रूप से डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह समय है कि मोबाइल फोन और इंटरनेट के माध्यम से मोबाइल सेवाओं और सुविधाओं को वितरित करने के लिए भारत सरकार मोबाइल प्रशासन संचालित करे। डिजिटल इंडिया देश के लोगों की सेवा करने के लिये देशव्यापी डिजिटल बुनियादी ढ़ाचे का निर्माण करने और ऑनलाइन मीडिया के माध्यम से भारतीयों को सशक्त बनाने के लिये भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है।

डिजिटल के अर्न्तगत भारत में क्या आता है?

संचार आधारिक संरचना और सेवाएं

  • भारत नेट: यह डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का आधार है। यह देश के हर हिस्से में इंटरनेट और दूरसंचार सेवाएं प्रदान करेगा, जिससे भारत भर में ब्रॉडबैंड को विस्तारित करके, गाँवों को जोड़ा जा सके। यह दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी परियोजना है।
  • बीएसएनएल का अगली पीढ़ी के लिए नेटवर्क (एक लैंडलाइन पर आवाज, डेटा और मल्टी मीडिया): बीएसएनएल ने अगली पीढ़ी के लिए नेटवर्क (एनजीएन) का उपयोग करने के लिए, वॉइस डाटा नेटवर्क जैसी विभिन्न उन्नत तकनीकों का उपयोग करके, दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के लिए, एक विशाल योजना तैयार की है। इसमें (इंटरनेट) वायरलेस नेटवर्क और मल्टीमीडिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और फिक्स्ड मोबाइल कनवर्जेन्स (एफएमसी) शामिल हैं। पहले चरण में, बीएसएनएल का लक्ष्य चार लाख ग्राहकों को जोड़ना है।
  • बीएसएनएल वाई-फाई सर्विसेज (वाई-फाई हॉटस्पॉट्स, जाने पर सस्ती कनेक्टिविटी): बीएसएनएल ने 2500 शहरों और कस्बों में वाई-फाई को चलाने की एक योजना भी तैयार की है, जिसमें भारत भर में प्रमुख पर्यटन स्थलों को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य 2 जी / 3 जी मोबाइल कनेक्टिविटी के जरिए सस्ती सहज कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

उत्पाद

  • डिजीलॉकर: यह प्रणाली सभी महत्वपूर्ण व्यक्तिगत दस्तावेजों को संग्रहित करने के लिए, आधार कार्ड धारक प्रत्येक भारतीय नागरिकों के लिए, विभिन्न सरकारी विभागों और एजेंसियों द्वारा जारी किए गए, अन्य आधिकारिक दस्तावेजों सहित एक ऑनलाइन भंडारण स्थान प्रदान करता है। सिस्टम एक समान संसाधन पहचान (यूआरआई) लिंक के माध्यम से डेटा को सुरक्षित साझा करने में भी मदद करता है।
  • राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एक वेबसाइट के अंतर्गत सभी सरकारी छात्रवृत्ति): यह पूरी छात्रवृत्ति प्रक्रिया को लागू करने का एकमात्र समाधान है। इस वेबसाइट में आप विभिन्न केन्द्रीय और राज्य मंत्रालयों, सरकारों और अन्य एजेंसियों द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न छात्रवृत्ति के लिए, आवेदन के साथ पंजीकरण भी कर सकते हैं। आप ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ ऑनलाइन आवेदन प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना छात्रवृत्ति को लाभार्थियों के खातों में धन के वितरण को प्रभावी और तेजी से भेजने में मदद करती है।
  • ई-हॉस्पिटल / ओआरएस: यह प्रणाली विशेष सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के साथ ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने की सुविधा देती है। इसका उद्देश्य आम आदमियों को कई घंटों तक इंतजार करने या डॉक्टरों की तलाश में अस्पतालों में घूमने से राहत प्रदान करना है। रोगी अपनी रिपोर्ट को ऑन-लाइन भी देख सकता है। वर्तमान में, ई-हॉस्पिटल सेवा राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल, स्पोर्ट्स इंजिरी सेंटर, दिल्ली और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैन्टल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेस, बेंगलुरु और एम्स में यह सुविधा उपलब्ध है। यह योजना देश भर में फैले विभिन्न अस्पतालों में सेवा का विस्तार करने के लिए है।
  • ई-साइन: यह डिजिटल इंडिया में पेश किया गया एक और उत्पाद है। ई-साइन या इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर एक आधार कार्ड धारक को सुविधा देता है, जो एक दस्तावेज पर डिजिटली रूप से हस्ताक्षर करता है, जिसे सेवा वितरण अनुप्रयोगों के साथ एकीकृत किया जा सकता है।
  • डिजिटाइज़ इंडिया प्लेटफार्म (डीआईपी): रिकार्ड कमरे एवं कार्यालयों के कागजात के ढेर को कम करने के लिए, भौतिक अभिलेखों को डिजिटाइज़ करना।

पोर्टल

  • डिजिटल इंडिया पोर्टल और मोबाइल ऐप: डिजिटल इंडिया पोर्टल डिजिटल भारत के लिए एक समर्पित पोर्टल है और डिजिटल इंश्योरेंस मोबाइल ऐप के रूप में इसका मोबाइल आधारित एप्लीकेशन भी है। (Http://www.digitalindia.gov.in/)
  • माईगोव मोबाइल ऐप: माईगोव एप नागरिक आकर्षक मंच का एक मोबाइल संस्करण है, जहाँ नागरिक अपने विचारों को साझा कर सकते हैं और समाज एवं पूरे देश के विभिन्न मुद्दों और समस्याओं से जुड़े सुझावों का प्रस्ताव दे सकते हैं।

माईगोव पोर्टल

  • स्वच्छ भारत मिशन ऐप: इस ऐप से लोगों के बीच स्वच्छता अभियान के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करके, स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों से जुड़ने के लिए विकसित किया गया है।

संस्थान और नीतियां

  • लचीले इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए राष्ट्रीय केंद्र (शोध के माध्यम से अत्याधुनिकता प्राप्त करना)
  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स के लिए उत्कृष्टता केंद्र (आईओटी)
  • डिजिटल भारत के तहत ई-गवरनेंस की नीतिगत पहल
  • इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निधि (ईडीएफ)

डिजिटल भारत के नौ स्तंभ

  1. राजमार्ग पर ब्रॉडबैंड सुविधा
  2. मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए यूनिवर्सल एक्सेस
  3. पब्लिक के लिए इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम
  4. ई-गवरनेंस द्वारा प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार को सुधारना
  5. ई-क्रांति द्वारा सेवाओं का इलेक्ट्रॉनिक वितरण
  6. सभी के लिए जानकारी
  7. इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण
  8. नौकरियों के लिए आईटी
  9. प्रारंभिक कृषि कार्यक्रम

हाल ही में हुए परिवर्तन

  • भारत ने 500 रेलवे स्टेशनों पर 500 मुफ्त वाईफाई एफआई के लिए गूगल के साथ मिलकर काम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिलिकॉन वेली की यात्रा के दौरान कई कंपनियों के साथ हाथ मिलाया।
  • सरकार ने ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क द्वारा 6,00,000 गाँवों को जोड़ने की भी कोशिश की गई है।
  • सरकार में डिजिटल इंडिया प्रोग्राम – सतवंत जगवानी, अखिल भारतीय आईआईटी-जेईई-एडवांस्ड टॉपर 2015 के लिए चार ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किए हैं; जिसमें आत्म-घोषित “नैतिक हैकर”, अंकित फ़ैडिया; प्रणव मिस्त्री, एक कंप्यूटर वैज्ञानिक और ‘6 वीं सेंस’ के लेखक; और क्रती तिवारी, आईआईटी-जेईई-एडवांसड गर्ल टॉपर 2015 शामिल हैं।

बीएसएनएल ने ग्रामीण भारत में 100 हॉट-स्पॉट स्थापित करने के लिए फेसबुक के साथ भागीदारी

सरकार के डिजिटल इंडिया ड्राइव के एक हिस्से के रूप में, फेसबुक पश्चिमी और दक्षिणी भारत के ग्रामीण इलाकों में 100 वाई-फाई साइट्स स्थापित करने के लिए सरकारी बीएसएनएल के साथ साझेदारी कर रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हॉटस्पॉट्स की स्थापना क्वाड ज़ेन द्वारा की जा रही है, जिसे बीएसएनएल द्वारा चुना गया है और फेसबुक इन वाई-फाई हॉटस्पॉट्स को प्रायोजित करने के लिए प्रति वर्ष 5 करोड़ रुपये खर्च करेगा।

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