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विद्रोह स्मारक या दिल्ली की यादगार मीनार

April 24, 2018
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विद्रोह स्मारक या दिल्ली की यादगार मीनार

विद्रोह स्मारक: 1857 के विद्रोह का प्रतीक

स्थानः रानी झांसी रोड पर, कश्मीरी गेट, नई दिल्ली

एक सदी से पहले, जब भारत ब्रिटिश राज के आधीन था, तो इस औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध कुछ बहादुर स्वभाव वाले व्यक्तियों ने विद्रोह शुरू किया था, जिसे “स्वतंत्रता की पहली लड़ाई” के नाम से जाना जाता है। स्वतंत्रता आसान नहीं थी, क्योंकि क्रूर अंग्रेजों से जूझते हुए हजारों सैनिकों ने अपनी जान गँवा दी थी। उनकी वीरता और बलिदान का प्रतीक यह स्मारक, अब उनकी याद दिलाता है।

दिल्ली में रानी झांसी रोड पर स्थित यह स्मारक, मूल रूप से अंग्रेजों द्वारा विद्रोह में शहीद हुए दिल्ली क्षेत्र के सैन्यदल के अधिकारियों और सैनिकों का सम्मान करने के लिए बनवाया गया था। 15 अगस्त 1972 को, भारत की आजादी की 25 वीं वर्षगांठ पर, भारतीय सैनिकों की याद दिलाने वाले विद्रोह स्मारक का नाम बदल दिया गया था और इसका नाम बदलकर “अजीतगढ़” रख दिया गया था। इस स्मारक पर, ब्रिटिश शासन के विरूद्ध सबसे पहले विद्रोह करने वाले शहीदों के नाम भी अंकित हैं।

विद्रोह स्मारक विक्टोरियन गोथिक शैली से निर्मित एक अष्टकोणीय लंबी और शंकुनुमा मीनार है। यह द्विस्तरीय चबूतरेनुमा संरचना पर स्थित 33 मीटर ऊँची इमारत है, जिसमें लाल बलुआ पत्थर से निर्मित एक सजावटी दरवाजा और इसके शीर्ष तक पहुँचने के लिए एक भी सीढ़ी है। यह कमला नेहरू रिज फॉरेस्ट की समृद्ध हरियाली से घिरा हुआ है, जो इस स्मारक को अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करने का काम करता है। इस विद्रोह स्मारक के ऐतिहासिक महत्व या इसकी शानदार वास्तुकला या सिर्फ प्रेतवाधित होने के कारण, यहाँ अक्सर लोगों की बहुत भीड़ दिखाई पड़ती है।

समय: सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक

प्रवेश शुल्क: निःशुल्क।

निकटतम मेट्रो स्टेशन: कश्मीरी गेट

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