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दिल्ली के कालका जी मंदिर में अपनी मनोकामनाओं को पूरा करें

May 24, 2017


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कालका जी मंदिर, नई दिल्ली – सफेद संगमरमर से बनी मंदिर की संरचना

स्थानः कालका जी, नई दिल्ली

भारतीय विरासत की प्रमुख विशेषताओं में असंख्य मंदिरों की उपस्थिति है जो पूरे देश में हिंदुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हमारी राजधानी में कई प्राचीन हिंदू मंदिर हैं जो सैकड़ों वर्ष पहले निर्मित किये गए थे। दिल्ली के प्राचीन मंदिरों के बारे में बात करते हुए मेरे दिमाग में आने वाला पहला नाम कालाका जी मंदिर का है।

यह मंदिर देवी काली का निवास है जिन्हें माता काली के नाम से जाना जाता है, जो दुर्गा देवी का अवतार हैं। ऐसा मन जाता है कि काली देवी का यह मंदिर स्वनिर्मित है और उस समय का है जब कि जब देवी ने राक्षस रक्तबीज को मारने के लिए अवतार लिया। कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत के समय भगवान कृष्ण और पान्डवों ने इस मंदिर में देवी की पूजा की थी। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर 1764 ई. में बनाया गया था लेकिन मंदिर की वर्तमान संरचना 20वीं शताब्दी में भक्तों के योगदान से बनाई गई है।

मंदिर की संरचना संगमरमर और काले पमिस पत्थरों से की गयी है। यह एक बरामदा के साथ बारह तरफा संरचना है जो हर तरफ से मुख्य परिसर से जुड़ी है। मंदिर के अंदर का काला पत्थर काली देवी को दर्शाता है साथ ही बिना किसी दिखावे के मंदिर परिसर एक साधारण संरचना है। मंदिर परिसर में काली धर्मशाला को विशेष रूप से आगंतुकों के विश्राम की सुविधा के लिए बनाया गया है।

करोड़ों भक्त चरम भक्ति के साथ हर साल कालका जी मंदिर में आते हैं। लेकिन मंदिर में आने का मुख्य समय नवरात्रि त्यौहार के दौरान आता है जब मंदिर उत्सव की तरह सजाया जाता है। पूरे परिसर को एक दुल्हन की तरह सजाया जाता है और मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मंदिर भी “मनोकामना सिद्ध पीठ” के रूप में लोकप्रिय है जिसका अर्थ है कि आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। यह तीर्थ पूरे देश से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है जिनमें से कुछ अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए यहाँ आते हैं और कुछ सिर्फ ध्यान और प्रार्थना के साथ माता काली का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं।

समय: सुबह 4 बजे से रात्रि 11.30 बजे तक (सोमवार को बंद रहता है)

बंद: सुबह 11.30 बजे से 12 बजे तक और शाम 3 बजे से शाम 4 बजे तक

प्रवेश: सभी के लिए नि:शुल्क

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