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सरकार गरीबी उन्मूलन के लिए क्या कर रही है?

July 21, 2017


end-of-poverty-hindiसत्ता में आने के बाद से, मौजूदा एनडीए सरकार ने भारत की गरीबी के बोझ को कम करने के लिए कई योजनाएं चलायी हैं। प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) एक ऐसी ही योजना है। ऐसा लगता है कि आर्थिक रूप से वंचित लोग मूल बचत खाते, बीमा, क्रेडिट और आवश्यक पेंशन और प्रेषण जैसी विभिन्न वित्तीय सेवाओं तक पहुँच हासिल कर रहे हैं। इस योजना में निवेश करने वाले लोग जमा की गई राशि पर ब्याज पा सकते हैं और इसमें आकस्मिक दुर्घटना बीमा की राशि 1 लाख रुपए है। इस योजना के अन्तर्गत खोले गए खातों में न्यूनतम राशि की आवश्यक्ता नहीं होती है जिसे हमेशा खातो में बनाए रखा जाना चाहिए।

इस योजना में 30,000 रुपये का जीवन बीमा प्रदान किया जाता है और जिसे खाताधारक छह महीने के बाद ओवरड्राफ्ट सुविधा की सहायता से उपयोग में ला सकते हैं। एकल परिवार के लिए ओवरड्राफ्ट की अधिकतम राशि 5,000 रुपये है। पीएमजेडीवाई खाता धारकों को अन्य बीमा और पेंशन-आधारित वित्तीय सुविधाओं को दिलाने में भी मदद करता है। खाता धारकों को रूपे डेबिट कार्ड भी प्रदान किए गए हैं। इस योजना को 8 अप्रैल 2015 को शुरू किया गया था।

बीमा योजनाएं

9 मई को, कम आय वाले समूहों और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के सदस्यों के लिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) जैसी कुछ बीमा योजनाएं शुरू की गईं। पीएमजेजेबीवाई में 18 से 50 वर्ष की आयु के लोग शामिल किए गए हैं। इस योजना के तहत बीमा कराने वाले लोगों को 330 रुपये की सालाना बीमा किस्त का भुगतान करना होगा और उन्हें 2 लाख रुपये का जीवन सुरक्षा बीमा प्रदान किया जाएगा।

पीएमएसबीवाई 18 से 70 वर्ष की आयु के लोगों को शामिल करता है। इस बीमा की सालाना किस्त सिर्फ 12 रुपए है। खाताधारकों को दुर्घटना में आंशिक विकलांगता के मामले में 1 लाख रुपए और पूर्ण विकलांगता या मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी।

कृषि योजनाएं

किसान विकास पत्र को वर्ष 1998 में भारतीय डाक द्वारा पहली बार शुरू किया गया था, अब इसे फिर से शुरू किया गया है। इस योजना में किसान 1,000 रुपये से लेकर 10,000 और 5,000 से 10,000 रुपये तक के मूल्यवर्ग का निवेश कर सकते हैं। निवेशक 100 महीनों के बाद अपना पैसा दोगुना होने की उम्मीद कर सकते हैं। बचत प्रमाणपत्र योजना में एक समय में एक या कई व्यक्ति सम्मलित हो सकते हैं। खाताधारक 8.7% की ब्याज दर से ऋण प्राप्त कर सकते हैं और धन को अपने कार्यों में इस्तेमाल कर सकते हैं। कृषि अंबानी बीमा योजना उन किसानों की मदद करने की कोशिश करती है, जो प्राकृतिक आपदाओं के कारणों से वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं और जिसके कारण उनकी खेती में रुकावटें आ रही हैं और उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना देश के विभिन्न हिस्सों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने का प्रयास करती है।

ग्रामीण योजनाएं

प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरूआत 11 अक्टूबर 2014 में हुई थी, इस योजना में सांसदों को ग्रामीण विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सांसदों को जिम्मेदारी दी गई है कि उनके द्वारा तीन गाँवों में भौतिक, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचागत सुविधाओं का विकास वर्ष 2019 तक हो जाना चाहिए। वर्ष 2024 तक उन्हें आठ गाँवों को विकसित करना होगा। सांसदों को पहले गाँव का विकास वर्ष 2016 तक पूरा करना है। उम्मीद है कि वर्ष 2024 तक 6,433 आदर्श गाँवों का निर्माण हो जाएगा।

दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली की निरंतर आपूर्ति प्रदान करने के लिए जानी जाती है। राष्ट्रीय प्रशासन ने इस योजना के एक हिस्से के रूप में 75,600 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस योजना ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का स्थान ले लिया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 98 वीं जयंती के दिन ही 25 सितंबर 2014 को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना को शुरू किया गया था। यह योजना भारत के 18 से 35 वर्ष की आयु के ग्रामीण लोगों को रोजगार प्रदान करने का प्रयास करती है।

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा)

नरेगा विधेयक वर्ष 2005 में पारित हुआ था और यह वर्ष 2006 से प्रभावी हो गया था। यह वर्ष 2008 में नरेगा से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) बन गया। इस योजना के अन्तर्गत, पूरे देश के गाँव के लोगों के लिए 100 दिन के काम की गारंटी दी जाती है। यह एक सफल योजना रही है क्योंकि इसके कारण ग्रामीण इलाकों के गरीब लोगों के आय स्तर में वृद्धि हुई है। यह योजना लोगों की आवश्यकतानुसार उन्हें काम के अवसर प्रदान करती है। हालांकि इसमें ज्यादातर अकुशल शारीरिक श्रम शामिल है, लेकिन फिर भी यह आर्थिक रूप से गरीब लोगों के लिए कुछ सुरक्षा की सुविधाएं प्रदान करता है। इस योजना से मिलने वाली आय की मदद से गरीब लोगों को कुछ संपत्ति बनाने में मदद मिलती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थित में भी सुधार होता है। यह कार्यक्रम प्राथमिक रूप से ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया गया है।

इंदिरा आवास योजना (आईएवाई)

इंदिरा आवास योजना ग्रामीणों को आवास प्रदान करती है। इस योजना का उद्देश्य पूरे देश के गरीब लोगों को 20 लाख आवास प्रदान करना है और जिनमें 65% लाभार्थी ग्रामीण इलाकों के हैं। इस योजना के अनुसार, जो लोग अपना घर बनवाने में सक्षम नहीं हैं, उन लोगों की सहायता करने के लिए सब्सिडी वाले ऋण प्रदान किए जाते हैं। इस योजना को मूल रूप से वर्ष 1985 में शुरू किया गया था और फिर वर्ष 1998 से वर्ष 1999 में इसका नवीनीकरण किया गया था।

एकीकृत ग्रामीण विकास योजनाएं (आईआरडीपी)

एकीकृत ग्रामीण विकास योजना को दुनिया में अपनी तरह की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक माना जाता है। यह योजना भारत में सबसे गरीब लोगों के लिए आय की कमी से उत्पन्न परेशानियों के निवारण के लिए और संपत्तियाँ प्रदान करने के लिए बनाई गई है। यह योजना चयनित स्थानों पर वर्ष 1978 से वर्ष 1979 में शुरू की गई थी। हालांकि, नवंबर 1980 तक पूरा देश इस योजना के दायरे में आ गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्थाई संपत्ति बनाना और उन्हें लक्षित परिवारों को प्रदान करना है, ताकि उन्हें गरीबी रेखा से ऊपर लाया जा सके। इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली स्व-रोजगार योजना इसका एक प्रमुख घटक है।

भारत में गरीबी उन्मूलन के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कुछ अन्य योजनाएं निम्न हैं:

  • अन्नपूर्णा योजना
  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (एनआरईपी)
  • राष्ट्रीय मातृत्व लाभ योजना (एनएमबीएस)
  • ग्रामीण श्रम रोजगार गारंटी योजना (आरएलईजीपी)
  • राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (एनएफबीएस)
  • टीआरवाईएसईएम योजना
  • राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (एनओएपीएस)
  • जवाहर रोजगार योजना (जेआरवाई)
  • बंधुआ मुक्ति मोर्चा
  • स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना
  • संपत्ति के केंद्रीकरण को रोकने के लिए कानून का संशोधन करना
  • राष्ट्रीय सामाजिक सहायता योजना (एनएसएपी)
  • अंत्योदय योजना
  • ग्रामीण आवास योजना
  • लघु किसान विकास योजना (एसएफडीपी)
  • प्रधानमंत्री रोजगार योजना
  • सूखा क्षेत्र विकास योजना (डीएडीपी)
  • नेहरू रोजगार योजना (एनआरवाई)
  • बीस अंकीय योजना
  • शहरी गरीबों के लिए स्वयं रोजगार योजना (एसईपीयूपी)
  • कार्य योजना के लिए भोजन
  • प्रधानमंत्री की एकीकृत शहरी गरीबी उन्मूलन योजना (पीएमआईयूपीईपी)
  • न्यूनतम आवश्यकता योजना (एमएनपी)

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