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छात्रों के लिए स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

July 24, 2017


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indian-independence-day-essay“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा”- नेताजी सुभाष चंद्र बोस

हमारा देश भारत प्राचीन भूमि के साथ एक गौरवशाली इतिहास रखता है। भारत को हमारी स्वतंत्र भावना, भविष्यवादी विचार, अनोखी परंपराओँ और समृद्धि की भरमार ने एक प्रतिष्ठित भूमि बनाया है। हम सोना, मसालों, इंडिगो (नील) और वस्त्रों का कारोबार करते हैं। शायद यह वही धन और उद्योग हैं जिसने मध्ययुगीन समय में भारत में आक्रमणकारियों को आमंत्रित किया। 1600 के दशक में जब ब्रिटेन के महत्वाकांक्षी उपनिवेशवादों ने एशिया के दूर दराज क्षेत्रों में अपनी पहुँच बना ली, तब भारत पर विजय प्राप्त करना उनका एक स्वाभाविक लक्ष्य बन गया था। आधुनिक भारतीय इतिहास में ब्रिटिश शासन के दिन सबसे अंधकारमय दिन थे। वे न केवल हमारे स्वदेशी उद्योगों को नष्ट करते थे बल्कि हमारे देश से धन और उत्पादित माल का अपने देश ग्रेट ब्रिटेन निर्यात कर देते थे। उन्होंने हमारे विरोध और आजादी के लिए किए गए संघर्ष को बेरहमी से कुचल दिया। देश के कोने-कोने से बहादुर पुरुष और महिलाएं आगे बढ़ीं – कुछ लोग शांति और अहिंसा अपनाकर आजादी के लिए लड़े और कुछ लोग क्रांतिकारी तरीकों से लड़े। बहुत सारे बलिदानों और अदम्य प्रतिरोध के बाद अंग्रेजों को महसूस होने लगा कि भारत में अब उनके गिने-चुने दिन रह गए हैं। हालांकि 1900 के मध्य तक, भारत के औपनिवेशिक स्वामी एकजुट भारत की आवाज को दबा न सके, लाखों भारतीयों ने अपनी आजादी की माँग की।

15 अगस्त 1947 को भारत एक बार फिर आजादी के रूप में जागा। लेकिन वास्तव में देश सोया नहीं था। भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने देश के लोगों को ऐतिहासिक व्याख्यान दिया और “भाग्य के साथ प्रयास” करने के लिए तैयार किया।

हर साल हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता की भावना तथा उन अनगिनत पुरुषों और महिलाओं के लिए जिन्होंने देश की आजादी हेतु अपने प्राणों की बलि दे दी, की श्रद्धा और श्रद्धांजलि को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। यह आजादी पूरी तरह से उनके कार्यों की वजह से हैं कि हम लोग स्वतंत्रतापूर्वक रहते हैं, स्वाभाविक कानूनी अधिकारों का आनंद लेते हैं, अपने जनादेश का इस्तेमाल करते हैं तथा अपने देश के प्रशासन में भाग लेते हैं। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, प्रत्येक भारतीय को इस पर गर्व होना चाहिए, यह उन वीरों के परिश्रम का ही परिणाम है।

भारत के प्रधानमंत्री द्वारा ऐतिहासिक लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और 21 तोपों की सलामी दी जाती है, जो इस दिन का खास पल होता है और इस दिन प्रत्येक भारतीय की आँख गर्व और देशभक्ति के आँसू से चमकती है। इस दिन प्रधानमंत्री एक गौरवशाली भाषण देते हैं, लाखों लोग अपने टेलीविजन के माध्यम से प्रधानमंत्री के निर्देशन को देख रहे होते हैं। इसलिए जब हमारे प्रधानमंत्री अपने भाषण में स्वास्थ्य-रक्षा और स्वच्छता की आवश्यकता पर बात करते हैं तो लाखों बच्चे और वयस्क स्वच्छ भारत अभियान के लिए पैदल चलने वाले सैनिक बन जाते हैं। जब वह मेक इन इंडिया के बारे में भाषण देते हैं, तो उद्योग बड़े पैमाने पर अपनी कायापलट करने लगते हैं और दुनिया की विनिर्माण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार हो जाते हैं। जब वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को संबोधित करते हैं, तब लाखों युवा पुरुष और महिलाएं स्वयं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए जोश के साथ आगे आते हैं।

स्वतंत्रता दिवस आजादी मनाने का दिन है, जिसमें हम विचार, कार्रवाई, भाषण, आंदोलन और जनादेश का आनंद लेते हैं। हालांकि दिल्ली राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले समारोहों का दिल (केन्द्र) है, लेकिन राज्यों की राजधानियाँ भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। स्कूलों और कॉलेजों में भी तिरंगा फहराया जाता है, स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित प्रदर्शन किये जाते हैं, गीत गाए जाते हैं और राष्ट्र के नायकों की महिमा का गुणगान किया जाता है। यह एक अनुस्मारक है कि हमने क्या हासिल किया है और किन मूल्यों को उद्धृत किया है। यह हमारे बच्चों को अच्छी सीख देता है और युवाओं को प्रेरित करता है।

भारत का स्वतंत्रता दिवस केवल उत्सव मनाने का ही दिन नहीं है बल्कि यह स्मरण और उपासना करने का भी दिन है। शहीदों ने हमारी आजादी, हमारे अस्तित्व को बचाने और देश की सेवा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया। हम देश के उन सैनिकों के प्रति अपना आभार प्रकट करते हैं जो अपनी खुशी, भलाई और सुरक्षा को दाँव पर लगाकर हमारी रक्षा करते हैं।

इस साल हम देश की संप्रभुता, राष्ट्रीय ध्वज “तिरंगा” और इसके नेताओं जैसे – महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, नेहरू, तिलक, गोखले, अम्बेडकर, भगत सिंह और अन्य लोगों का जश्न मनायेगें। राष्ट्र को शानदार प्रगति और विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए देश की उन्नति में आने वाली बाधाओं पर गौर करेंगे और अपने मूल्यों को आगे बढ़ाएंगे। हमारे देश “भारत” की सुरक्षा और स्वतंत्रता की पवित्रता हमारी मार्गदर्शकता होगी।

 

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