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पुरुष यौन शोषण और भारत

अगस्त 2018 में, एक नाबालिग ने अपने 3 स्कूली साथियों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया और बाद में उन्हें यौन अपराध अधिनियम (पीओसीएसओ), 2012 के तहत बच्चों के संरक्षण के लिए दोषी ठहराया गया। पीड़ित कक्षा 4 का एक छात्र था, जबकि अपराधी कक्षा 7, 8 और 10 के छात्र थे। हालांकि यह मामला अदालत तक पहुँचने में कामयाब रहा, लेकिन ऐसे कई अन्य मामले हैं जिन पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसका कारण [...]

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कैदियों के अधिकार या मानवाधिकार?

Prisoner’s rights or human rights? कथित तौर पर मिली जानकारी के अनुसार, 1981 में, बिहार की जेल में पुलिस अधिकारियों द्वारा संदिग्ध अपराधियों को सुइयों से और एसिड डालकर अन्धा कर दिया गया था। यह मामला, खात्री बनाम बिहार राज्य का है और अब इसे भागलपुर ब्लाइंडिंग केस के रूप में भी जाना जाता है। 2015 में, निर्भया मामले में एक नाबालिक बलात्कारी स्वतंत्र व्यक्ति के रूप बाल सुधार गृह से बाहर आ गया। जबकि, [...]

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समलैंगिकता अपराध है या नहीं?

उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर करने संबंधी याचिकाओं पर महत्वपूर्ण सुनवाई जारी की है। सुनवाई के दूसरे दिन केंद्र ने धारा 377 के तहत गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में डालते हुए इस मामले पर अनुरोध करते हुए कहा है, कि समलैंगिकता अपराध है या नहीं इस बात का फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगी। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ कर रही है। पीठ के पांच जजों में [...]

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भारत में मानव तस्करी

  भारत में मानव तस्करी को समाप्त करना होगा नशीली दवाओं और हथियारों के कारोबार के बाद मानव तस्करी विश्व भर में तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है। संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार ‘किसी व्यक्ति को डराकर, बलप्रयोग कर या दोषपूर्ण तरीके से भर्ती, परिवहन या शरण में रखने की गतिविधि तस्करी की श्रेणी में आती है’। दुनिया भर में 80 प्रतिशत से ज्यादा मानव तस्करी यौन शोषण के लिए की जाती है, और [...]

वर्ष 2007 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था, कि “महिलाओं और बच्चों के अधिकार तथा उनकी आकांक्षाओं का एक समावेशी और न्याय संगत समाज के प्रति हमारे अभियान में सर्वोपरि महत्व है। “देश में किए गए बहुत से उपायों के अलावा, शायद ही कभी भारतीयों ने यह सवाल पूछा होगा कि मेरा बच्चा कितना सुरक्षित है? भारत में, बालशोषण को काफी गलत समझा जाता है। अधिकांश माता-पिता सुरक्षा शर्तों [...]

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निस्संदेह बलात्कार घोर अपराध है और भारत के लिए आज एक बड़ी चिंता का विषय भी है। कठोर दंड वाले नए कानून और फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना के बावजूद भी इन अपराधों पर रोकथाम नहीं हो पा रही है। खबरों के माध्यम से काफी संख्या में बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं और कुछ सवाल हमेशा हमारे मन में आते रहते हैं – क्या बलात्कार के लिए केवल दोषी व्यक्ति ही जिम्मेदार हैं [...]

कुछ घावों को कभी नहीं भरा जा सकता है। हमारी मातृभूमि पर हुए हमले हमारी आत्मा पर हमेशा बने रहते हैं। 12 मार्च 1993 को बॉम्बे (मुंबई) शहर में होने वाला सीरियल बम विस्फोट, एक ऐसा ही घाव है। मुंबई के माफिया दाऊद इब्राहिम और उनकी अपराध सिंडिकेट डी कंपनी (टाइगर मेमन और याकूब मेमन के साथ) द्वारा नियोजित और निष्पादित बम विस्फोटों में 257 लोगों की मौत हो गई थी और 713 लोग घायल [...]