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एक मुगल मास्टरपीस – हुमायूं का मकबरा

June 1, 2017


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एक मुगल मास्टरपीस – हुमायूं का मकबरा

हुमायूं की मृत्यु के नौ साल बाद उनकी पत्नी बेगा बेगम (हज्जी बेगम) ने नई दिल्ली में हुमायूं का मकबरा बनवाया था। इसके निर्माण में पानी के चैनलों और फव्वारों के साथ मुगल शैली की वास्तुकला का उपयोग किया गया है। मकबरे के चारों ओर स्थित चारबाग उद्यान मकबरे को एक पारसी दृश्य प्रदान करता है, आराम करने के लिये यह एक बहुत अच्छा स्थान है। मकबरे की पूरी संरचना अपने आप में प्रभावशाली और अद्वितीय है। डबल गुंबददार ऊंचे और सजावटी कियोस्क (छतरियाँ) मकबरे का मुख्य आकर्षण हैं। कुल मिलाकर, पूरे स्मारक में लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का संयोजन अद्वितीय और आकर्षक है।

हुमायूं का मकबरा के बारे में कुछ त्वरित सुझाव और तथ्यः

  • उद्यान में बनाया गया भारत का यह पहला मकबरा है। तब से, यह भारत भर में मुगल युग के दौरान उद्यान में बनाये गये मकबरों की श्रृंखला का प्रेरणा स्त्रोत रहा है।
  • 1993 में यूनेस्को द्वारा इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया।
  • इसके निर्माण में 15 लाख रुपये की लागत होने का अनुमान लगाया गया था।
  • मुगल वंश के कई शासकों को यहाँ पर दफन किया गया है।
  • हुमायूं के मकबरा के दक्षिण-पश्चिम की ओर, नाई का मकबरा (नाई का गुम्बद) है।
  • इसी परिसर में अन्य स्मारकों में ईसा खान की मस्जिद और मकबरा, अरब सराय, नीला गुंबद और बू हलीमा का मकबरा शामिल है।
  • इस स्थान पर भोजन ले जाने की अनुमति नहीं है। पानी ले जा सकते हैं।
  • संध्याकालीन समय फोटोग्राफी के लिए सबसे अच्छा है।

स्थान : निजामुद्दीन दरगाह के सामने, मथुरा रोड, नई दिल्ली

समय : सप्ताह के सभी दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला है।

प्रवेश शुल्क : भारतीय- 10 रूपये प्रतिव्यक्ति, विदेशी- 250 रूपये प्रतिव्यक्ति

15 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए प्रवेश नि:शुल्क है।