Rate this {type} केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 जारी किया, एक वार्षिक रिपोर्ट जो भारत के 500 शहरों और नगरों की नगर पालिकाओं में स्वच्छता की दर पर आधारित है। 2017 की रिपोर्ट के अनुसार इंदौर (मध्य प्रदेश) नंबर 1 पर, भारत के सबसे साफ शहर के रूप में एवं भोपाल (मध्य प्रदेश) नंबर 2 के स्थान पर है तथा गोंडा (यू.पी.) और भुसावल (महाराष्ट्र) गंदगी की श्रेणी में सबसे [...]
Rate this {type} प्रधानमंत्री का रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 में चार लाख से अधिक नौकरियाँ उत्पन्न कर रहा है। यह वर्ष 2000 में घोषित किया गया था और औपचारिक रूप से वित्तीय वर्ष 2008-09 में चालू किया गया। पीएमईजीपी को क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम के रूप में वर्णित किया जा सकता है जो मूल रूप से ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम (आरईजीपी) और प्रधानमंत्री रोजगार योजना (पीएमआरवाई) का एक संयोजन है। इस कार्यक्रम का संचालन सूक्ष्म, [...]
Rate this {type} आरबीआई के सख्त होने से बैंक के बड़े ऋण बकाएदारों को अब और अधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। मंत्रिमंडल ने सिर्फ एक अध्यादेश के माध्यम से बैंकिंग विनियमन अधिनियम की धारा 35 ए में संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इसे राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजा गया है। 31 दिसंबर, 2016 को बैंकों की गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियाँ (एनपीए) 6.07 लाख करोड़ रूपये पार कर गई हैं, जिनमें [...]

Rate this {type} महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम क्या है? राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 नरेगा एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जो कि देश में ग्रामीण मजदूरों को रोजगार और आजीविका प्रदान करने के लिए प्रयास करती है। समावेशी और समग्र विकास को एक वास्तविकता बनाने के प्रयास में, नरेगा को एक श्रम कानून के रूप में पारित किया गया तथा 2006 में 200 जिलों में कार्यान्वित किया गया था। 2008 तक, यह पूरे [...]
Rate this {type} किसी भी देश के आर्थिक विकास में बिजली सबसे महत्वपूर्ण कारक है। जनरेशन, ट्रांसमिशन और वितरण सहित पावर सेक्टर श्रृंखला का सबसे महत्वपूर्ण खंड वितरण क्षेत्र है। बिजली क्षेत्र के वितरण में कुशल प्रबंधन अनिवार्य है क्योंकि यह उपयोगिताओं और उपभोक्ताओं के बीच तालमेल के रूप में कार्य करता है। आज बिजली क्षेत्र में वास्तविक चुनौती कार्य कुशलता में है। हालांकि, राज्यों में वितरण उपयोगिता की खराब वित्तीय स्थिति के कारण वितरण नेटवर्क में अपर्याप्त [...]
Rate this {type} पिछले महीने के अंत में, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया था कि उनकी सरकार वार्षिक वित्तीय चक्र अप्रैल-मार्च का पालन करने के लिये औपनिवेशिक विरासत को दूर करने पर विचार करेगी। इस प्रकार के कदम से बजट और टैक्स से संबंधित पूरी प्रणाली को एक नया आयाम मिल सकता है। केंद्र सरकार द्वारा इस बदलाव के परिणामों का अध्ययन करने तथा इस पर अपने सुझाव केंद्रीय मंत्रिमंडल को सौपने [...]
Rate this {type} भारत सरकार ने जन औषधि कार्यक्रम का शुभारंभ 2008 में किया और इसे अभियान की भांति चलाने की योजना है। जन औषधि अभियान, प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा मार्च में एक आत्मनिर्भर व्यापार मॉडल का फिर से शुभारंभ किया गया है। फायदे के लिए नहीं, बल्कि न्यूनतम लाभ के सिद्धांत के आधार पर, इस कार्यक्रम को सभी तक कम कीमत पर गुणवत्ता वाली दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य [...]
Rate this {type} भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, हालांकि यह एक राष्ट्र के रूप में काफी नया है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा (क्षेत्रफल में सातवां और दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश) लोकतांत्रिक देश है। भारत में संविधान 26 जनवरी, 1950 को तैयार किया गया था जो कि दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत में लोकतंत्र को एक अच्छी तरह से तेल की हुई मशीन की तरह काम [...]
Rate this {type} रायपुर में एक समारोह में बोलते हुए, रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हाल ही में कहा था कि, ” रेल का विकास देश के विकास के लिये होगा।” वास्तव में, रेलवे देश को अपनी सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक और रणनीतिक योजनाओं पर किस तरह का मूल्य प्रदान करता है, सुरेश प्रभु के वक्तव्य को अतिशयोक्ति के रूप में नहीं देखा जा सकता था। यह वास्तव में देश की जीवन रेखा है जिसनें 1853 [...]

Rate this {type} जब यूरोपीय पहली बार भारत में आए, तो उन्हें सबसे बड़ा डर एक बीमारी का था। मलेरिया एक आसानी से लगने वाली बीमारी थी, जो जल्द वार कर पीड़ित व्यक्ति को मार डालेती है। कुनैन (सिनकोना की छाल) की खोज तक मलेरिया घातक माना जाता था। 19 वीं सदी के मध्य तक कई अन्य दवाएं विकसित हुईं, जिससे दुनिया भर में मलेरिया की वजह से होने वाली मौतों में कमी हुई है। [...]