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प्रत्येक भारतीय विदेशियों की इन रूढ़िवादी धारणाओं से तंग है

हमारा देश ऊर्जावान भूमि है या नहीं, लेकिन निश्चित रूप से रूढिवादियों का देश जरूर है। वास्तव में, यह काफी उपजाऊ भूमि है। प्रत्येक वर्ष लाखों विदेशी पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं तो स्वाभाविक है कि उनके मन में भारत के बारे में कोई तो छवि होगी जो उनको भारत की ओर आकर्षित करती है। लेकिन उनकी कुछ धारणाएं इतनी अपमानजनक होती हैं जो कि हम भारतीयों को फूहड़ मजाक या सीधे तौर [...]

चलिए बात करें अनदेखे मुद्दों पर

हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन में कई चीजें हमें कष्टप्रद लगती हैं। लेकिन कई चीजें ऐसी हैं जिनसे हम इतना तंग आ चुके हैं कि हम इन्हें अब बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमने इधर-उधर खोजबीन की, चारों ओर पूछा और कुछ चीजें ढूंढीं जिन्हें लोग अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते। उनमें से कुछ वास्तव में अनुचित और अतार्किक हैं। भारत किन चीजों पर प्रतिबंध लगाना चाहता है जानने के लिए इस लेख को पढ़िए। 1. [...]

नये साल पर नये संकल्प लेने का समय

पुराने साल की कुछ यादों को पीछे छोड़ते हुए हम बांहे फैलाकर नए साल का  स्वागत कर रहे हैं। मौज-मस्ती करने का समय है, हम नए साल को अलग-अलग अंदाज में मनाते हैं। क्रिसमस के त्यौहार को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाने के कुछ ही दिन बाद यह महत्वपूर्ण पल आता है। एक बार फिर से हमारे दिल की धड़कने तेज होने लगी हैं कि नया साल कैसा होगा? नए साल के आगमन के [...]

2018 की सफल महिलाएं

नए साल का स्वागत करने के साथ हमारी कुछ पुरानी यादें हमारे जहन में आती हैं। निश्चित रूप से वर्ष 2018 काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा, जिसमें कुछ का उतार-चढ़ाव काफी यादगार हैं। हमारी वंडर वुमन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि एक कदम पीछे रहने के दिन चले गए हैं। कई खूबसूरत महिलाओं ने यह दिखा दिया है कि अपने हुनर के साथ आगे बढ़ना कितना शानदार होता है, जो देश को [...]

गौ-रक्षा: क्या हम धर्म के नाम पर हत्यारे बन रहे हैं?

ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, वर्ष 2015 के बाद से गौ-रक्षा हिंसा में वृद्धि हुई है। गौरक्षा के नाम पर एक व्यक्ति द्वारा हर महीने कम से कम एक गाय को मारने की खबर मिलती ही रहती है जबकि हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद भी नियमित रूप से इन गैर कानूनी ढंग से प्राणदंड के मामलों की निंदा करते हुए ऐसा लगता है कि इन [...]

साल (2016) में बॉब डिलन को साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जबकि नोबेल प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि वह “महान अमेरिकी गीत परंपरा के भीतर नया काव्य अभिव्यक्ति बनाने के लिए” इसके योग्य थे। अन्यथा उनके आलोचक सोंचते हैं कि वह इसके योग्य नहीं थे। नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने का उन्माद अभी भी लोगों का उपभोग कर रहा है। इसी दौरान हम उन नोबेल पुरस्कार विजेताओं को देखें जो [...]

भारत अब भी एक विकासशील देश क्यों है? ब्रिटिशों ने भारत आकर 200 सालों तक इसे लूटा और यहां शासन किया। जब वे सन् 1947 में यहां से गए तब उन्होंने पीछे कुछ भी नहीं छोड़ा। भारत को सबकुछ शून्य से शुरु करना पड़ा। भारत अब भी एक विकासशील देश क्यों है यह साबित करने के लिए बार बार यही कारण गिनाए जाते हैं। लेकिन इन सब घटनाओं को बीते 66 साल हो चुके हैं [...]

भारत में परिवार नियोजन

भारत की जनसंख्या वर्तमान वर्ष में 1.26 बिलियन तक पहुँच गई है और मौजूदा जनसंख्या वृद्धि की दर पर विचार किया जाए तो वर्ष 2028 तक देश की आबादी चीन से अधिक हो जाएगी। यूएन की एक हालिया रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि हाल ही के वर्षों में परिवार नियोजन और परिवार कल्याण कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के कारण जनसंख्या वृद्धि की दर धीमी हो गई है, लेकिन फिर भी [...]

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

जन-धन योजना, मेक इन इंडिया और स्वच्छ भारत अभियान के सफल क्रियान्वयन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की है। 100 करोड़ रुपए के शुरुआती कॉर्पस के साथ यह योजना देशभर के 100 जिलों में शुरू की गई। हरियाणा में जहां बाल लिंगानुपात (सीएसआर) बेहद कम है, 12 जिले चुने गए है : रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, झज्जर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, सोनीपत, रोहतक, करनाल, कैथल, पानीपत और यमुना [...]

भारत की ग्यारहवीं राष्ट्रीय विकास योजना के अनुसार भारत में 300 मिलियन से अधिक लोग गरीब हैं। भारत ने महान प्रयासों के कारण वर्ष 1973 में 55% से वर्ष 2004 में लगभग 27% (326 मिलियन गरीब) गरीबों की संख्या कम करने में कामयाबी हासिल की है। हाल के अनुमानों (2011-12) के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में 216.5 मिलियन गरीब लोग हैं। अभी भी भारत की कुल आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे [...]