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Rate this {type} पहले कौन आया धर्म या सप्ताह के दिन? धर्म के अनुसार विभिन्न दिन अलग-अलग रीति-रिवाजों के साथ क्यों जुड़े हुए हैं और हमारे लिए कुछ चीजें प्रतिबंधित क्यों हैं। उदाहरण के लिए, हिंदू धर्म में मंगलवार और गुरुवार को मांसाहारी भोजन निषिद्ध है। उसी प्रकार, यह माना जाता है कि गुरुवार के दिन किसी को अपने बाल काटवाने या कपड़े नहीं धोने चाहिए। कुछ दिन उपवास रखना बेहतर है और अन्य दिनों में [...]

Rate this {type} निस्संदेह बलात्कार घोर अपराध है और भारत के लिए आज एक बड़ी चिंता का विषय भी है। कठोर दंड वाले नए कानून और फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना के बावजूद भी इन अपराधों पर रोकथाम नहीं हो पा रही है। खबरों के माध्यम से काफी संख्या में बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं और कुछ सवाल हमेशा हमारे मन में आते रहते हैं – क्या बलात्कार के लिए केवल दोषी व्यक्ति [...]

Rate this {type} भारत पेरिस समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में सबसे आगे है, रविवार 2 जुलाई 2017 को देश के करीब 1.5 मिलियन लोगों ने मध्य प्रदेश राज्य की नर्मदा नदी के पास एकत्र होकर 12 घंटे में 66 मिलियन पौधों का रोपण करके देश की मदद की। कई चीजों के मद्देनजर यह अमेरिका के फिलाडेल्फिया जैसे शहरों की पूरी आबादी के बराबर है, जो एक कारण के लिए काम करता है। वास्तव में, भारत [...]

Rate this {type} हम 2015 के पहले महीने के मध्य में पहुँच चुके हैं, लेकिन क्या आपने नये साल में कोई संकल्प लिया है? आइए हम इस साल कुछ नया करें। आइए हम इस साल समाज के लिए एक नया संकल्प लें। अगली बार जब आप कागज के टुकड़ों को फेंके, तब रुककर एक बार विचार करें। क्या आपको वास्तव में कागज के टुकड़े को फेंकने की जरूरत है या किसी अन्य उद्देश्य के लिए [...]

Rate this {type} भारत मुख्य रूप से एक कृषि समाज देश है इसकी आबादी का आधा हिस्सा अभी भी गाँवों में रहता है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में ग्रामीण क्षेत्र प्रमुख योगदानकर्ता है और इसलिए गाँवों में विकास की कमी का मतलब भारत में विकास की कमी है। सहकारी समितियां इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और ग्रामीण क्षेत्रों की वृद्धि एक प्रमुख हिसा बन रही हैं, जिससे सरकारी और निजी क्षेत्र [...]

Rate this {type} हम सब पैसा कमाने लिए काम करते हैं क्योंकि एक आरामदायक जीवन जीने और अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता होती है। ज्यादातर लोग कार्यालयों, दुकानों, कारखानों में काम करते हैं, कुछ लोग घर पर आराम से काम करने का आनंद लेते हैं। घर के कार्यालय की अवधारणा प्रत्येक गुजरते दिन के साथ लाभदायक है क्योंकि यह दिन-प्रतिदिन के कार्यक्रम में नम्यता सुनिश्चित करता है। आज कल कैरियर [...]

Rate this {type} कई नदियों और झीलों के रूप में पानी के प्रचुर प्राकृतिक स्रोतों पर विचार करते हुए देखे तो भारत एक समृद्ध देश है। देश को सही तौर पर “नदियों की भूमि” के रूप में उल्लेखित किया जा सकता है, भारत के लोग नदियों की पूजा देवी और देवताओं के रूप में करते हैं। लेकिन क्या विडंबना है कि नदियों के प्रति हमारा गहन सम्मान और श्रद्धा होने के बावजूद, हम उसकी पवित्रता, स्वच्छता [...]

Rate this {type} एक सिक्ख परिवार से संबंधित होने की वजह से मेरे बेटे का उपनाम सिंह है। एक दिन मैं उसको सिंह का अर्थ बता रही थी और हम इस दिन की चर्चा को किसी अन्य सामान्य चर्चा के रूप में लेकर भूल गए। लेकिन मेरे बेटे ने इस बात को किसी तरह से अपने दिमाग में याद रखा और कुछ दिनों के बाद, स्कूल से वापस आते वक्त, अपने पिता से कहा कि [...]

Rate this {type} आठ घंटे डेयरी के लिए, आठ घंटे परिवार के लिए और आठ घंटे सोने के लिए”- यह शब्द डॉ. वर्गीज कुरियन के हैं, इन्हें श्वेत क्रांति के पिता के नाम से जाना जाता है। कुरियन को उनकी पहल की वजह से और डेयरी क्षेत्र में भारी योगदान के कारण भी श्वेत क्रांति का पिता कहा जाता है। इसके अलावा छोटे शहर आनंद को विश्व प्रसिद्ध शहर बनाने और इसे भारत की दूध की [...]

Rate this {type} हाल ही में निर्भया बलात्कार पर प्रसारित बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री में, बलात्कारी और उनके बचाव पक्ष के वकीलों द्वारा किये गये असंवेदनशील और लिंग-पक्षपाती टिप्पणी की वजह से विवाद उत्पन्न हो गया था। इस डॉक्यूमेंट्री में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के समाज में प्रचलित एक ही मध्ययुगीन मानसिकता और लिंग पक्षपात पर प्रकाश डाला गया है। भारत में समस्या यह है कि यहाँ नैतिक मूल्यों और नीतियों पर औपचारिक शिक्षा [...]

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