Rate this {type} 5 मार्च 1931 को लंदन द्वितीय गोल मेज सम्मेलन के पूर्व, महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हस्ताक्षर करके एक राजनीतिक समझौता किया गया था, जिसे गांधी-इरविन समझौता के रूप में जाना जाता है। गांधी-इरविन समझौता की पृष्ठभूमि? मार्च और अप्रैल 1930 के बीच, महात्मा गांधी ने समुद्री जल से नमक का उत्पादन करने के लिए, समुद्र के तटीय गाँव दांडी से नमक सत्याग्रह या नमक मार्च की शुरुआत [...]
Rate this {type} भारत के महान सम्राट मौर्य ने (340 ईसा पूर्व – 298 ईसा पूर्व) अपने शासनकाल में, पहली बार भारत को एक सत्ता के रूप में एकीकृत किया। उनके शासनकाल से पूर्व दक्षिण एशिया अधिकांशतः छोटे – छोटे राज्यों में बँटा हुआ था, जबकि गंगा के मैदानों पर नंद वंश का शासन था। चंद्रगुप्त मौर्य ने अधिकांश भारतीय उपमहाद्वीप पर विजय प्राप्त करके भारत को राजनीतिक एकता प्रदान की और मौर्य साम्राज्य की [...]
Rate this {type} भारत छोड़ो आंदोलन ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय इतिहास के सबसे बड़े आंदोलनों में से एक है। इस आंदोलन ने भारत में लंबे समय से चले आ रहे ब्रिटिश औपनिवेशकों के कानून (शासन) से आजादी प्राप्त करने में बहुत मदद प्रदान की है। महात्मा गाँधी द्वारा 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के बॉम्बे सत्र में ब्रिटिश शासन के तत्काल अंत की मांग के लिए नागरिक अवज्ञा आंदोलन चलाया, इस [...]
Rate this {type} आज के दक्षिणी भारत पर दूसरी और नौवीं शताब्दी के मध्य पल्लव वंश का शासन था, जो कि उनकी महान वास्तुकला के लिए जाना जाता है। पल्लव वंश प्राचीन भारत के सबसे महत्वपूर्ण राजवंशों में से एक था, यह दक्षिण भारत में एक प्रमुख शक्ति थी। वर्तमान में कांची के नाम से जाना जाने वाला शहर पल्लवों के शासनकाल में कांचीपुरम नाम से उनकी राजधानी था। तेलगु, तमिल और संस्कृत उनकी मुख्य [...]
Rate this {type} सिंधु घाटी सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता या सिंधु सभ्यता या सिंधु नदी घाटी सभ्यता) दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। सिंधु नदी बेसिन और इसकी उपनदियां वर्तमान में पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत से मिलती जुलती सभ्यता का विकास करती थीं। भारत में सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल हरियाणा के राखीगढ़ी में और दूसरा सबसे बड़ा गुजरात के धोवालवीरा में स्थित है। ईंटों का अच्छी तरह से उपयोग करके नियोजित शहरों का [...]
Rate this {type} भारतीय इतिहास के दो चरणों को वास्तव में ‘भारत का स्वर्ण युग ‘ के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, क्योंकि उस समय देश में शांति, विकास और समृद्धि थी। गुप्त साम्राज्य के समय प्राचीन भारत की तीसरी शताब्दी और 6 वीं शताब्दी सीई के मध्य का भारत का स्वर्ण युग था और दूसरा दक्षिण भारत में चोल वंश के समय के मध्ययुगीन भारत की 10 वीं और 11 वीं शताब्दी सीई [...]
Rate this {type} 1919 में अमृतसर में नरसंहार – इतिहास में जलियांवाला बाग ज्यादातर नरसंहार के रूप में जाना जाता है। यह भारत के इतिहास में सबसे खौफनाक घटनाओं में से एक है। जैसा कि इतिहास से पता चलता है कि मौत की घटनाओं का अमानवीय सिलसिला जनरल रेजिनाल्ड डायर के कारण शुरू हुआ था। यह घटना 13 अप्रैल रविवार के दिन हुई थी जब पूरा पंजाब बैसाखी का जश्न मना रहा था। बैसाखी एक [...]
Rate this {type} 25 जून 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए निर्धारित है। नवनिर्वाचित डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा होगी। यह दो दिन का दौरा अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन (25 और 26 जून) में होगा जहां प्रधानमंत्री मोदी विवादास्पद मुद्दों पर राष्ट्रपति के साथ वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए एजेंडा डोनाल्ड ट्रम्प के साथ कुछ विवाद स्पद मुद्दों पर [...]
Rate this {type} मेरे स्वर्गीय पिता गुरु गोबिंद सिंह के बहुत बड़े प्रशंसक थे, वे पूरी तरह से उनकी कई शिक्षाओं के ऋणी थे। लगभग दैनिक आधार पर मेरे पिता द्वारा बताए गए उनके मूल मूल्यों का अनुकरण करते हुए 10 वें गुरु- गुरु गोबिंद सिंह जी के 10 उपदेश के बारे में मेरे रचनात्मक विचारः गुरु गोबिंद सिंह का मानना था कि जो कुछ भी उन्होंने प्राप्त किया और जो कुछ उनके पास था, [...]
Rate this {type} संस्कृति और धर्म, कला और भाषा के क्षेत्र में चहुँमुखी विकास के कारण मध्यकालीन अवधि भारत के इतिहास की एक महत्वपूर्ण अवधि है। यह अवधि भारतीय संस्कृति पर अन्य धर्मों के प्रभाव की साक्षी है। मध्यकालीन अवधि को चिह्नित करने की शुरूआत राजपूत वंश से हुई है। इस अवधि को शास्त्रीय काल के बाद के युग के नाम से भी जाना जाता है। मध्यकालीन अवधि 8 वीं से लेकर 18 वीं शताब्दी [...]