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Category Archives: History

भारत के द्रविड़ कौन थे?

कुछ लोग दावा करते हैं कि द्रविड़ मूलतः भारत के उत्तरी भाग में रहते थे और बाद में आर्यों द्वारा इन्हें देश के दक्षिणी भाग में रहने के लिए बाध्य किया गया था। इसलिए भारत में लगभग 28 प्रतिशत द्रविड़ हैं और दक्षिण भारत में रहने वाले द्रविड़ अपनी मुख्य भाषा द्रविड़ के साथ-साथ तमिल, मलयालम, तेलुगू, कन्नड़ और तुलु का भी प्रयोग करते हैं। द्रविड़ भाषा के तीन उपसमूह हैं, अर्थात् उत्तरी द्रविड़, केन्द्रीय [...]

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हमारी आजादी की लड़ाई का कोई भी संदर्भ असंख्य महिलाओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की पहचान किए बिना पूर्ण नहीं होगा, जिसमें अधिकतम महिलाएं अशिक्षित एवं गरीब परिवारों की थीं और जिन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को अपना भरपूर समर्थन दिया था, जबकि उस समय महिलाओं को घर से बाहर निकलने पर भी पाबंदी लगाई जाती थी। ये महिलाएं गुप्त रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के लिए खाना बनाती थीं और उनके लिए संदेश वाहकों का काम [...]

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तंजावुर में बृहदेश्वर मंदिर - प्राचीन भारत का एक वास्तुशिल्प चमत्कार

भगवान शिव को समर्पित बृहदेश्वर मंदिर या पेरूवुदईयार कोविल मंदिर तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित है। यह मंदिर भारत की सबसे सुंदर वास्तुकला स्थलों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण 1010 ईस्वी में चोल वंश के शासक राजराज चोल प्रथम ने करवाया था। बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण शाही समारोहों और सम्राट की शक्ति और दृष्टि को प्रदर्शित करने के लिए किया गया था। चोल वंश की कला और वास्तुकला बहुत ही शानदार थी, [...]

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एक प्राचीन शहर के बारे में जानकारी: तक्षशिला

एक यात्री के रूप में जब आप तक्षशिला में कदम रखेगें, तब आपको 5वीं शताब्दी के समय की अस्तित्वमय एक अलग ही दुनिया का अनुभव होगा। यहाँ आने पर आपको लगेगा कि भगवान बुद्ध, मैसेडोनिया का सिकंदर, सम्राट अशोक और सम्राट कनिष्क सभी लोग साक्षात सामने ही हैं। तक्षशिला पर 327 ईसा पूर्व में सिंकदर (अलेक्जेंडर) ने कब्जा कर लिया था और बाद में यह मौर्य राजवंश के शासन के अधीन हो गया था। राजा [...]

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सुभाष चंद्र बोस का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

जैसे ही ब्रिटिश के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास की बात आती है, तो  महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी व्यक्तियों में सुभाष चंद्र बोस का नाम विशेष रूप से आता है। शुरूआत से ही, अति महत्वाकांक्षी बोस ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने का फैसला कर लिया था, यह जानने के बावजूद कि यह मार्ग मुश्किलों से भरा हुआ है, फिर भी वह इसमें शामिल हो गए थे। शुरुआत सुभाष चन्द्र बोस, जिन्हें प्यार से [...]

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द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की भूमिका और इसके प्रभाव

आज भी कुछ भारतीयों को यह पता होगा कि भारत ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने मित्र राष्ट्रों को लड़ने के लिए 25 लाख स्वयं सेवक सैनिकों और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 15 लाख सैनिकों का योगदान दिया था। ये अत्यंत बहादुर सैनिक बहुत ही विनम्र और जरूरतमंद पृष्ठभूमि वाले थे, परंतु वे धरती पर, समुद्र में और हवा में बहुत ही भयानकता के साथ लड़े थे। दोनों युद्धों में, ब्रिटिश भारतीय सेना [...]

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भारत के लिए सरदार पटेल का दृष्टिकोण

भारत के आयरन मैन (लौह पुरुष) सरदार वल्लभ भाई पटेल को आधुनिक भारत का वास्तुकार माना जाता है। हाल ही में वित्त मंत्री जी ने घोषणा की थी कि गुजरात में इस महान व्यक्ति की एक बड़ी सी प्रतिमा बनाने के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। यह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है कि वह सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण करके उनको श्रद्धांजलि दें। “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” [...]

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सुल्तानपुर लोधी में ऐतिहासिक गुरुद्वारा

कल्पना कीजिए कि ऐसी जगह जाकर आपको कैसा अनुभव होगा जहाँ पर गुरु नानक देव जी (सिख के पहले गुरु) ने अपने जीवन के 14 साल बिताए हो। निश्चित रूप से आप स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस करेंगे। पंजाब राज्य के कपूरथला जिले में सुल्तानपुर लोधी एक ऐसी ही जगह है जहाँ पर आप जाकर स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस करा सकते हैं। गुरु नानक देव जी यहाँ के नवाब की इन्वेंट्री स्टोर (मोदीखाना) पर काम करते [...]

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रानी पद्मावती कौन थीं? - तथ्य, कल्पना और किवदंती

निर्देशक संजय लीला भंसाली की प्रसिद्ध रचना (फिल्म) पद्मावती में मुख्य कलाकार दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह हैं और संभावना की जाती है कि यह ऐतिहासिक फिल्म 1 दिसंबर 2017 को रिलीज होगी। इस फिल्म की लागत 200 करोड़ रुपए है। यह फिल्म काफी विवादों के घेरे में है और विभिन्न समूहों द्वारा इस फिल्म की आलोचनाएं भी की जा रही हैं। असल में, प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने निर्देशक के खिलाफ हिंसा [...]

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भारतीय सिनेमा का इतिहास उन्नीसवीं शताब्दी के पहले का है। 1896 में, ल्युमेरे ब्रदर्स द्वारा शूट की गई पहली फिल्म का प्रदर्शन मुंबई (बंबई) में किया गया था। लेकिन वास्तव में सिनेमा का इतिहास तब बना, जब लोकप्रिय हरिश्चंद्र सखाराम भाटवडेकर को सावे दादा के रूप में जाना जाता था, ल्यूमेरे ब्रदर्स की फिल्म के प्रदर्शन से बहुत अधिक प्रभावित होकर उन्होंने इंग्लैंड से एक कैमरा मंगवाया था। मुंबई में उनकी पहली फिल्म हैंगिंग गार्डन [...]

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