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दिल्ली में मानव पुस्तकालय का उद्घाटन

June 20, 2017


human-library-hindiएक पुस्तकालय हमेशा पुस्तकों की, सूची अनुभाग में सूचकांक कार्ड के फेरबदल की आवाज, कुछ बहुत पुरानी पुस्तकों के पुराने पन्नों की खुशबू और अन्त में खामोशी की याद दिलाता है। एक पुस्तकालय की अवधारणा को बदलाने के लिए तैयार हो जायें। भारत ने दिल्ली में पहली मानव पुस्तकालय की शुरूआत की है, जिसका उद्घाटन रविवार, 18 जून 2017 को हुआ है। यह अवधारणा रोनी एबर्गेल के दिमाग की उपज है। जिन्होंने कोपेनहेगन ( डेनमार्क की राजधानी) में मानव पुस्तकालय की शुरूआत की थी, जिसके बाद मानव पुस्तकालय दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया और लगभग 80 देशों में इसकी स्थापना की गयी। भारत में भी इंदौर, हैदराबाद, मुंबई और अब दिल्ली में एक ह्यूमन लाइब्रेरी देखी जाएगी।

मानव पुस्तकालय

मानव पुस्तकालय की अवधारणा इस तथ्य से पैदा हुई थी कि मनुष्य स्वयं ज्ञान का सबसे बड़ा स्रोत है। मनुष्य स्वभाव से ही जिज्ञासु है, जो औसत ज्ञान के लिये मूलभूत आवश्यकता है। वास्तव में ज्ञान की उत्सुकता की वजह से आज मनुष्य सांस्कृतिक जागरूकता का प्रतीक है।

  • मानव पुस्तकालय में, जैसा कि नाम से पता चलता है, पुस्तकालय में पुस्तकों की जगह मनुष्य होगें।
  • विभिन्न पृष्ठभूमि वाले लोग, विशेषकर कुछ खास समुदायों के लोग जिनके पास कुछ पूर्व धारणाओं, पूर्वाग्रह, रूढ़िवादी और मनोरंजक और दिलचस्प कहानियों का ज्ञान है, को इसमें शामिल किया जायेगा। उनका यह कौशल अयोग्य था।
  • जीवन में सामान्य और सांसारिक लोगों के पास साझा करने के लिए कभी-कभी कुछ बहुत ही दिलचस्प अनुभव होते हैं।
  • एक मानव पुस्तकालय उपरोक्त लोगों को अपने अनुभवों को उन लोगों के साथ साझा करने देता है, जो उनके अनुभवों को जानने में रुचि रखते हैं।
  • इस अवधारणा के बारे में सबसे मनोरंजक बात यह है कि एक आगंतुक इन मानव पुस्तकों की सूची को देख सकता है और एक मानव पुस्तक को 20 से 30 मिनट की सीमित अवधि के लिए ले सकता है।
  • मानव पुस्तकों से एकमात्र आकांक्षा यह है कि वह पाठक या श्रोता पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ने में सक्षम होना चाहिए।
  • यह अवधारणा कुछ विशिष्ट रूढ़िताओं या करियर जवाबों और ज्ञान की खोज के लिए निकले अंतर्मुखी लोगों के लिए उपयोगी है। क्योंकि इन वार्तालापों पर कोई भी पुनर्विचार कर सकता है।
  • हालांकि भारत में यह अपेक्षाकृत नई अवधारणा है, जबकि ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अमेरिका में असंख्य मानव पुस्तकालय हैं।

मानव पुस्तकालय – दिल्ली

इस रविवार की दोपहर को लोगों की एक लंबी कतार को देखा गया, जो रीगल सिनेमा, कनॉट प्लेस के बगल में एक इमारत के बाहर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे। प्रतीक्षारत लोगों के बीच चर्चा का विषय निश्चित तौर पर मानव पुस्तकालय था जो मानव पुस्तक लेना चाहते थे। हाँ, मानव पुस्तकालय ने दिल्ली के लोगों को फैंसी (आधुनिक) बना दिया है।

इनोव 8 के दिल्ली अध्याय में 11 मानव पुस्तकों की सूची है जो अपने निजी जीवन की कहानियों को वर्णित कर रहे हैं। इस समय कुछ दिलचस्प विषय शामिल हैं जो इस प्रकार हैः

  • मादक पदार्थों की लत से संघर्ष (एक और उच्च)
  • जीवित कैंसर (कैंसर उत्तरजीवी)
  • घरेलू हिंसा से लड़ना (बिना रुके)
  • एक चाय विक्रेता से लेखक बनने वाला (चाय पत्तियाँ और पुस्तकें)
  • एकल महिला यात्री (घुमक्कड़)

मानव पुस्तकों को पढ़ने के लिए 20 मिनट निर्धारित किये गये हैं और अधिकतम पाँच लोगों को शामिल किया गया। हालांकि दिल्ली वासियों में जिज्ञासा पैदा करने की उम्मीद थी लेकिन मानव पुस्तकालय की अवधारणा का अनुभव करने वालों की भीड़ ज्यादा थी। आयोजकों ने उनको नंबरों में बाँट दिया। आयोजकों में से एक निष्कर्ष कौशिक ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि हर सप्ताहांत इसके लक्ष्य को हासिल कर लेगें। हम लोग छोटी संख्या को देखकर दंग रह गए थे, जबकि लगभग 950 लोगों को शामिल करने में सक्षम थे। हमें ‘किताबों’ से एक घंटा अतिरिक्त जारी रहने के बारे में पूछना होगा।”