स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी भाषण
हम 15 अगस्त 2016 को भारत की 70वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। कई छात्र, माता–पिता और शिक्षक इस दिन पर स्वतंत्रता पर अपने भाषण से अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं और वे अपने लिए मार्गदर्शक तलाश रहे हैं, जो उन्हें एक अच्छा भाषण तैयार करने में मदद कर सके।
माय इंडिया (मायइंडिया.इन) ने एक टेम्पलेट तैयार किया है, जिससे आप अपने शब्दों में एक बहुत अच्छा भाषण लिख सकते हैं। यह भाषण सामग्री के लिहाज से जितना समृद्ध होगा, उतना ही विषय पर केंद्रित भी होगा।
प्रासंगिक और रोचक सामग्री तैयार करना बेहद महत्वपूर्ण है
ध्यान रहे, यह भाषण भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह को मनाने के लिए है और आपके श्रोताओं में स्कूल के प्रिंसिपल, शिक्षक और साथी छात्र होंगे। ऐसे में ड्राफ्ट तैयार करने से पहले यह तय करना जरूरी है कि निर्धारित समय में आप क्या–क्या बोलने जा रहे हैं। उसका प्रवाह कैसा रहेगा।
एक बार अपने सब–हेडलाइंस तैयार कर लिए, तो फिर हर सब–हेडिंग के आधार पर सामग्री जुटाना शुरू कर दीजिए। इस बात पर ध्यान रखते हुए कि उस विषय के लिए आपने कितना वक्त निर्धारित किया है।
शुरुआत कैसे करें–
– शुरुआत हमेशा, प्रिंसिपल, वाइस–प्रिंसिपल, शिक्षकों और साथी छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए करें। इसमें आप यह बताने की कोशिश करें कि आज हम सब यहां क्यों जुटे हैं और राष्ट्र के लिए 15 अगस्त का क्या महत्व है।
– यह ध्यान रखें कि 15 अगस्त का 1947 में जो महत्व था, वह आज भी है। लेकिन उसकी प्रासंगिकता बदल गई है। 1947 में जब राष्ट्र का जन्म हुआ तब उसकी प्राथमिकताएं और फोकस कुछ और था और आज भारत मौजूदा परिस्थितियों के मुताबिक अपनी प्राथमिकताएं और फोकस तय कर रहा है।
– यह बताइए कि किस तरह स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने प्रतिबद्धता दिखाई। ब्रिटिश शासन से आजादी के संघर्ष में उनके समर्पण भाव के बारे में बताइए। यह भी बताइए कि हम उनसे क्या सीख सकते हैं ताकि उन्होंने जिन मूल्यों और न्याय के लिए संघर्ष किया, उसे आत्मसात कर सके या उन पर खरा उतर सके।
– आजादी के आदर्शों के बारे में बात कीजिए– यह बताइए कि अनेकता में एकता, समग्रता, सहनशीलता, समानता और लोकतंत्र ही भारत का मूल है।
– ब्रिटिश शासन से आजादी के लिए लोगों को एकजुट करने वाले सबसे बड़े नेताओं के बारे में बात कीजिए। किस तरह उन्होंने लोगों को एकजुट कर अपने अभियान को अंजाम दिया, यह बताइए। आप राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रेरक नेतृत्व के साथ ही स्वराज हासिल करने के लिए अहिंसा को हथियार बनाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की बात भी कर सकते हैं।
– आप यहां उन लोगों को याद कर सकते हैं, जिन्होंने अपनी शहादत से कई लोगों को आजादी के आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। आप इसकी शुरुआत मंगल पांडे से कर सकते हैं, जिन्होंने ब्रिटिश सेना के एक अनजान सिपाही के तौर पर बगावत छेड़ी, जो आगे चलकर 1857 का पहला स्वतंत्रता संग्राम कहलाया।
– किस तरह अमृतसर के जलियांवाला बाग हत्याकांड की भयावहता ने देश के सोए लोगों को जगाया और इस घटना ने आजादी की लड़ाई में लोगों को एकजुट करने में महती भूमिका निभाई।
– यह भी बताइए कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू जैसे क्रांतिकारियों की शहादत ने किस तरह अन्य लोगों को आजादी के आंदोलन से जुड़ने को प्रेरित किया।
– आप पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाल गंगाधर तिलक, सरोजिनी नायडू, मौलाना आजाद, आचार्य कृपलानी, खान अब्दुल गफ्फार खान जैसे नेताओं के बारे में भी थोड़ा बोलिए कि उन्होंने किस तरह स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया। आप अपनी जानकारी और उपलब्धता के मुताबिक अन्य सेनानियों का जिक्र भी अपने भाषण में कर सकते हैं।
उन ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में बताइए जिन्होंने भारत की आजादी के आंदोलन की नींव बनीं
– आपको उन बड़ी और ऐतिहासिक घटनाओं को याद दिलाना चाहिए, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। याद रखिए कि हर घटना को काफी कम शब्दों में बयां करना है। साथ ही यह भी बताना है कि उस घटना ने उस समय लोगों पर क्या असर किया।
– भारत छोड़ो आंदोलन, महात्मा गांधी का दांडी मार्च और विभाजन के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगों के बारे में थोड़ा बोलने के साथ ही आप भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और खुदीराम बोस के साथ ही उन अन्य अपरिचित क्रांतिकारियों की बात भी कर सकते हैं जिन्होंने अपनी शहादत दी।
– आपके भाषण के दौरान आप रबींद्रनाथ टैगोर और स्वामी विवेकानंद के साथ ही जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस, वीर सावरकर, सरोजिनी नायडू, बाबा साहब अंबेडकर और राम मनोहर लोहिया जैसे नेताओं के प्रेरक मार्गदर्शन के बारे में भी बोलना चाहिए। उनके योगदान के साथ ही उनके संदेशों की प्रासंगिकता पर जोर होना चाहिए।
घटनाएं:
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1957 में मंगल पांडे और सिपाहियों की क्रांति, रानी लक्ष्मीबाई की ब्रिटिश राज के खिलाफ बगावत और उनकी शहादत
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1905 में बंगाल का विभाजन। धार्मिक आधार पर बंगाल का विभाजन काफी दर्दनाक रहा। इसका दूरगामी असर हुआ।
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महात्मा गांधी के प्रेरक नेतृत्व ने देश को एकजुट किया और उनके अहिंसा के सिद्धांत ने देश को आजादी हासिल करने में मदद की।
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13 अप्रैल 1919 का जलियांवाला बाग हत्याकांड
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असहयोग आंदोलन
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पूर्ण स्वराज का आह्वान
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दांडी मार्च
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भारत छोड़ो आंदोलन
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विभाजन
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संविधानः हमारे संविधान का महत्व और किस तरह वह हमारी एकता, समग्रता और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की नींव बना, यह बताइए
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रियासतों को भारतीय संघ में शामिल होने के लिए राजी करनाः भारत को एकजुट करने में सरदार पटेल की भूमिका अहम है। उन्होंने भारत को मौजूदा स्वरूप देने के लिए हरसंभव कूटनीति का सहारा लिया। संघवाद के सिद्धांत के आधार पर भारत एकजुट हुआ। खासकर ऐसे वक्त जब बड़े देश टूट रहे थे, तब संघवाद के सिद्धांत को मजबूती दी हमारे संविधान ने।
टीपः ऊपर बताई गई घटनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करने के लिए आपको रिसर्च करनी होगी और उन घटनाओं के बारे में पढ़ना होगा। तभी आप उन घटनाओं का संदर्भ जान सकेंगे और उनका इस्तेमाल अपने भाषण में अच्छे से कर सकेंगे। यह भी ध्यान रखें कि इनके बारे में बहुत ज्यादा नहीं बोलना है, संक्षेप में ही बोलना है।
पूर्व की घटनाओं की प्रासंगिकता के साथ ही आज के भारत के बारे में बोलिए
– यह बताइए कि भारत विश्व का अध्यात्मिक गुरु है। भारत ने ही स्वस्थ जीवन और अंदरूनी शांति के लिए आयुर्वेद, योग और ध्यान जैसे मंत्र दुनिया को दिए हैं।
– स्वामी विवेकानंद और उनके विश्व बंधुत्व व सह–अस्तित्व के संदेश का उल्लेख कीजिए। यह भी बताइए कि श्री अरबिंदो ने खुद को एक क्रांतिकारी से अध्यात्मिक नेता के तौर पर कैसे परिवर्तित किया। आज भी वे किस तरह समाज और लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
– इस बात पर जोर दीजिए कि एक राष्ट्र के तौर पर हमें पूर्व की घटनाओं से सबक लेने की जरूरत है, जिनकी वजह से हम लंबे वक्त तक गुलाम बने रहे। हमें अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की बताई बातों को हमेशा याद रखना चाहिए। आखिर उनके संघर्ष की वजह से ही हम आज आजाद हैं, जो हमें यूं ही मिल गई हैं।
– आज की चुनौतियों के बारे में भी संक्षेप में बात करना जरूरी है, जिनकी वजह से धर्मनिरपेक्षता, समग्रता और लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा हो रहा है। इस बात पर भी जोर दे कि इन ताकतों से मिलकर लड़ना होगा। यहां, आप महात्मा गांधी के इस संदेश का उल्लेख कर सकते हैं कि किसी अन्य लोगों को बदलने से पहले खुद को बदलना होगा।
– हमारी समृद्ध विरासत को कायम रखते हुए, आधुनिक विज्ञान व प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए एक आधुनिक राष्ट्र का निर्माण करने की जरूरत पर बात कीजिए।
महान लोगों की उक्तियों का इस्तेमाल अपना संदेश प्रभावी बनाने के लिए करें। साथ ही अपनी बातों को प्रासंगिक बनाने के लिए भी उनका इस्तेमाल करें।
भाषण खत्म करने के वक्त क्या कहे–
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बेहतर नागरिक कैसे बने, आगे कैसे बढ़े, यह बताने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के नेताओं की उक्तियों का सहारा लें।
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आप लिंकन, कैनेडी, चर्चिल, मंडेला और एपीजे कलाम जैसी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की कुछ यादगार उक्तियों का इस्तेमाल कर सकती हैं।
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यह याद रहे कि आपका भाषण बेहतर नागरिक बनने के साथ ही हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के मूल्यों के प्रति वचन और प्रतिबद्धता की अपील के साथ खत्म होना चाहिए।
भाषण का वक्त
अपने भाषण को लिखने और तैयारी करने के बाद उसकी रिहर्सल बेहद महत्वपूर्ण है। जब आप पहला ड्राफ्ट तैयार कर लें तो उसे भाषण के लहजे में जोर–जोर से पढ़े। इससे आपको यह भी पता चल जाएगा कि उस भाषण की गति क्या होना चाहिए। वह भाषण आपके लिए निर्धारित वक्त में खत्म होता है या नहीं यह देखना भी जरूरी है।
यदि आपका भाषण आपके लिए निर्धारित से ज्यादा वक्त ले रहा है तो यह बेहद जरूरी है कि स्पीड बढ़ाए या उसमें काट–छांट करें ताकि उसे समय पर खत्म किया जा सके।
वह नेता जिनकी ओर लोग देखते हैं:
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महात्मा गांधी
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जवाहरलाल नेहरू
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सरदार वल्लभभाई पटेल
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बाल गंगाधर तिलक
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मौलाना आजाद
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सुभाष चंद्र बोस
वह प्रसिद्ध कवि और लेखक, जिनके काव्य ने लोगों को आजादी के लिए लड़ने को प्रेरित कियाः
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बंकिम चंद्र चटर्जी
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रबींद्रनाथ ठाकुर
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सुब्रमण्यम भारती
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अल्लामा इकबाल
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काजी नजरुल इस्लाम
अध्यात्मिक नेता जो मार्गदर्शक बनेः
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स्वामी विवेकानंद
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श्री अरबिंदो
शहीद जो आजादी के लिए लड़ते हुए मारे गएः
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मंगल पांडे
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लाला लाजपत राय
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भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव
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खुदीराम बोस
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चंद्र शेखर आजाद
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राम प्रसाद बिस्मिल
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उधम सिंह
यहां कुछ ही नाम दिए गए हैं। आप इसमें और नाम जोड़कर इसे लंबा कर सकते हैं।
आजादी से पहले की वैज्ञानिक उपलब्धियां:
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आर्यभट्ट
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सुश्रुत
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सीवी रमन
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रामानुजन
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जगदीश चंद्र बोस
आप विज्ञान के क्रमिक विकास में भारत के योगदान के संबंध में इन वैज्ञानिकों के नामों का उल्लेख कर सकते हैं।
आजादी के बाद वैज्ञानिक उपलब्धियां
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विक्रम साराभाई– अंतरिक्ष और परमाणु विज्ञान में योगदान के लिए
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होमी भाभा– आण्विक विज्ञान में योगदान के लिए
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एपीजे अब्दुल कलाम – अंतरिक्ष और रक्षा में अहम योगदान के लिए
आप नए उभरते भारत के बारे में बात करते हुए इन वैज्ञानिकों के नामों का उल्लेख कर सकते हैं।
प्रेरक व्यक्तियों की उक्तियां:
पंडित जवाहरलाल नेहरूः
नेहरू जी ने 14-15 अगस्त 1947 की आधी रात को अपना प्रसिद्ध ‘ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी’ (यानी भाग्य के साथ भेट) वाला भाषण दिया था। इस भाषण को भारत के इतिहास में अब तक के सबसे महान भाषणों में गिना जाता है। आप अपने भाषण में इस उक्ति का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही उस जादुई पल को भी याद कर सकते हैं जब भारत को गोरों की गुलामी से मिली थी।
महात्मा गांधीः
“आप दुनिया में जो भी बदलाव देखना चाहते हो, उसकी शुरुआत खुद से करो”
राष्ट्रपिता के यह प्रसिद्ध शब्द थे। यह शब्द पूरी दुनिया में उनकी सरलता और आत्मावलोकन के लिए याद किए जाते हैं। जब तक हम खुद में बदलाव नहीं लाते, तब तक किसी और से बदलाव की अपेक्षा करना बेमानी है। जब आप मौजूदा वक्त की बात करेंगे तो इस उक्ति का इस्तेमाल कर बता सकते हैं कि हमें महात्मा के इन सूत्र वाक्यों को गंभीरता से लेकर काफी कुछ सीखना होगा।
“ऐसे जियो, जैसे कल ही मरने वाले हो। ऐसे सीखो, जैसे कभी मरने ही नहीं वाले।”
यह सभी के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है। महात्मा गांधी के शब्द हमें बताते हैं कि जिंदगी के हर पल को ऐसे जियो, जैसे आज का दिन हमारे लिए आखिरी हो। लेकिन सीखने की प्रक्रिया को जिंदगीभर जारी रखना होगा।
सुभाष चंद्र बोसः
“जय हिंद।”
सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज (भारतीय राष्ट्रीय सेना यानी आईएनए) में चलने वाला यह सैल्यूट और अभिवादन आज भी प्रसिद्ध है।
“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा”
यह वाक्य सुभाष चंद्र बोस के एक प्रसिद्ध भाषण का हिस्सा था, जो उन्होंने लोगों को आईएनए में शामिल होने की अपील करते हुए दिया था। जब हम स्वतंत्रता संग्राम में नेताओं की ओर से लोगों से जुड़ने का आह्वान का जिक्र करेंगे, वहां इस उक्ति का इस्तेमाल सर्वदा उचित होगा।
बंकिम चंद्र चट्टोपाध्यायः
“वंदे मातरम”
यह सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए एक प्रेरक शब्द रहे। चट्टोपाध्याय की प्रसिद्ध साहित्य रचना आनंदमठ ने इसे और मशहूर किया। यह राष्ट्र गीत है, जो हमारे राष्ट्रगान जन गण मन के अतिरिक्त है।
भगत सिंहः
“इंकलाब जिंदाबाद
वैसे तो इसे सबसे पहले हसरत मोहानी ने लिखा। लेकिन प्रसिद्ध किया महान क्रांतिकारी और शहीद भगत सिंह ने।
मदन मोहन मालवीयः
“सत्यमेव जयते”
बाल गंगाधर तिलकः
“स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा।”
यह काका बाप्तिस्टा की प्रसिद्ध उक्ति है, जिसका इस्तेमाल बाल गंगाधर तिलक ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आजादी की अपनी अपील में किया था।
रामप्रसाद बिस्मिलः
“सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।”
यह वाक्य बिस्मिल आजिमाबादी की लिखी प्रसिद्ध कविता का हिस्सा है, जो बाद में ब्रिटिश शासन के खिलाफ रामप्रसाद बिस्मिल का नारा बना।
अंतरराष्ट्रीय नेताओं की भी कुछ प्रसिद्ध उक्तियां हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता हैः
जेएफ कैनेडी, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति
“यह मत पूछो कि तुम्हारा देश तुम्हारे लिए क्या कर सकता है, यह पूछिए कि आप अपने देश के लिए क्या कर सकते हैं…”
यह प्रसिद्ध शब्द कैनेडी के उस भाषण के हैं, जो उन्होंने अमेरिका को महान बनाने के लिए युवा अमेरिकियों से कहे थे।
अब्राहम लिंकन, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति
“जैसे मैं गुलाम नहीं बन सकता, वैसे ही मैं किसी का मालिक भी नहीं बन सकता। इसमें ही लोकतंत्र को लेकर मेरे विचार बसते हैं।”
यह प्रसिद्ध उक्ति आज के हिसाब से सबसे ज्यादा प्रासंगिक है। इसमें लोकतंत्र और समानता के मूल्यों की प्रतिध्वनि मिलती है। भारत में भी तो हम इन्हीं मूल्यों को पोषित करते हैं।