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छात्रों और शिक्षकों के लिए गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर निबंध

January 24, 2019
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छात्रों और शिक्षकों के लिए गणतंत्र दिवस

कई साल पहले नियति द्वारा सुनिश्चित हमने एक प्रयास किया था और अब वह समय आ गया है जब हम पूरी तरह से या कुछ हद तक अपनी प्रतिज्ञा को निभाएंगे जो बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज आधी रात को जब पूरी दुनिया सो रही होगी तब भारत नए जीवन और स्वतंत्रता के साथ उठेगा”।

इन्हीं ऐतिहासिक शब्दों के साथ पं.जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता का अभिवादन करते हुए कहा था कि भारत और भारतीयों को काफी दशकों के संघर्ष और बलिदान के बाद यह आजादी प्राप्त हुई है। स्वतंत्रता प्राप्त करने के बावजूद भारत एक महान लोकतंत्र नहीं बन पाया था, जो अब है। किंग जॉर्ज VI राज्य के प्रमुख के रूप में एक संवैधानिक राजशाही बने रहे। करीब ढाई साल बाद, 26 जनवरी 1950 को जब भारत का संविधान लागू हुआ, तो भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र बन गया और उस दिन से लेकर आज तक हमारा देश भारत गणराज्य बना हुआ है। हम प्रत्येक वर्ष इस महत्वपूर्ण अवसर को 26 जनवरी के दिन भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।

हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं?

भारत के गणतंत्र दिवस का महत्व इस तथ्य से परे है कि यह देश के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है। गणतंत्र दिवस का यह दिन लोगों द्वारा भारत के संविधान को अपनाने का प्रतीक है। भारत के हमारे संविधान की चर्चा की प्रस्तावना के संकल्प में “संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणतंत्र” जैसे कई रूप शामिल हैं। इसके प्रत्येक तथ्य इसका आदर्श है, जिस पर इसकी नींव रखी गई है और जिसके आधार पर इस राष्ट्र का निर्माण हुआ है। गणतंत्र दिवस हमें इस पवित्र दस्तावेज में निहित सर्वोच्च अहमियत, जिसे हम अपना संविधान कहकर बुलाते हैं, उसका स्मरण कराता है।

गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय गौरव का एक दिन है। सैन्य गौरव का भव्य प्रदर्शन हमें यह याद दिलाता है कि हमारे क्षेत्रीय संप्रभुता की सुरक्षा कई वीरों के बलिदान से होती है। हम प्रत्येक वर्ष जो उन्नति हासिल करते हैं, वह हमें विकास के रास्ते पर और आगे ले जाती है, जिसका हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने सपना देखा था। यह एक अनुस्मारक है कि हम अपने संवैधानिक गारंटी के आधार पर मौलिक अधिकारों के साथ दावा कर सकते हैं, लेकिन उसी समय हम उन मौलिक कर्तव्यों का भी पालन करने के लिए बाध्य होते हैं, जो यह संविधान निर्धारित करता है।

गणतंत्र दिवस समारोह

प्रत्येक वर्ष हम अपने गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) को बहुत ही उत्साह के साथ मनाने के लिए उत्सुक रहते हैं। राष्ट्रपति का आगमन, झंडा फहराना, 21 तोपों की सलामी, सैन्य दल का जुलूस, राज्य की झांकियाँ, स्कूल के बच्चों द्वारा किए गए प्रदर्शन, इनमें से प्रत्येक कार्यक्रम गणतंत्र दिवस के महत्व को समझाने का प्रयास करते हैं और देश के प्रति हमें गर्वित करते हैं। हालांकि, गणतंत्र दिवस समारोह के दिन बहुत से कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। दिन की शुरुआत में अमर जवान ज्योति पर राष्ट्रपति उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने जाते हैं, जिन्होंने देशभक्ति की वेदी पर अपने जीवन का बलिदान कर दिया है। इस दिन पर दिए गए वीरता पुरुस्कार हमें साहस और वीरता के महत्व की सीख देते हैं। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले युवा बच्चों की उपस्थिति का उद्देश्य हमें निस्वार्थ कर्मों से प्रेरित करना है।

गणतंत्र दिवस देश के लोगों को उचित मार्गदर्शन के लिए भी प्रेरित करता है। हम मुख्य अतिथि के आगमन के लिए तत्पर रहते हैं, फिर चाहें वह किसी अनुकूल देश से सामान्य रूप से एक उच्च पदाधिकारी हो या फिर राज्य या सरकार का प्रमुख। यह गणतंत्र दिवस बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह हमें देश और हमारे खुद के बीच राजनयिक, आर्थिक और सैन्य संबंधों के बारे में बताता है। इस वर्ष हम एक अभूतपूर्व घटना के साक्षी बनने के लिए तैयार हैं। 10 दक्षिण पूर्व एशियाई देशों – ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के प्रमुख, अतिथि के रूप में गणतंत्र दिवस समारोहों में भाग लेने की तैयारी में हैं। यह सबसे महत्वपूर्ण अतिथि हैं क्योंकि भारत महाद्वीप के अन्य देशों के साथ अपने संबंधों को स्थापित करने पर जोर दे रहा है।

निष्कर्ष

जब हमसे पूछा जाता है कि “गणतंत्र दिवस क्या है”? तो हम केवल परेड और इस तथ्य का उल्लेख कर सकते हैं  कि यह एक राष्ट्रीय अवकाश है। दूसरी तरफ, हम दिन को महत्वपूर्ण बनाने के लिए, विभिन्न सम्मेलनों के आयोजन को प्रतिबिंबित करने को चुन सकते हैं और संविधान का महत्व जो एक अखिल दस्तावेज है, जो भारत की विविधता को सम्मिलित करता है और समानता, न्याय और स्वतंत्रता को कायम करता है ।

इस वर्ष जब हम अपने गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के बारे में बात करें तो यह राष्ट्रीय निर्माण प्रक्रिया के लिए रहस्यमय व्यक्तिगत प्रतिबद्धता के स्थान से हो। हमारा देश विस्तृत हो सकता है, लेकिन हम इसके आधार-खण्ड हैं और यह गणतंत्र दिवस हमें खुद को मजबूत बनाने और देश को गर्वित करने के लिए खुद को देश के प्रति समर्पित करने का स्मरण कराता है। इस साल गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर हमारी महत्वाकांक्षा और हमारी प्रतिज्ञा ही हमारा सपना बने।

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