Rate this {type} भारत अब भी एक विकासशील देश क्यों है? ब्रिटिशों ने भारत आकर 200 सालों तक इसे लूटा और यहां शासन किया। जब वे सन् 1947 में यहां से गए तब उन्होंने पीछे कुछ भी नहीं छोड़ा। भारत को सबकुछ शून्य से शुरु करना पड़ा। भारत अब भी एक विकासशील देश क्यों है यह साबित करने के लिए बार बार यही कारण गिनाए जाते हैं। लेकिन इन सब घटनाओं को बीते 66 साल [...]

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Rate this {type} ब्रैस्ट कैंसर की शुरूआत स्तन कोशिकाओं के अनियंत्रित विकास से होती है जो बाद में जमा होकर ट्यूमर का रुप ले लेती हैं।उसे अक्सर स्तनों में एक गांठ के रूप में महसूस किया जा सकता है। आमतौर पर महिलाएं ही इस बीमारी का शिकार बनती हैं, हालांकि, पुरुष भी इस कैंसर से ग्रस्त हो सकते हैं, क्योंकि कोशिकाएं शरीर के किसी भी भाग में जमा हो सकती हैं या अन्य हिस्सों में [...]
Rate this {type} भारत में ग्रामीण शिक्षा भारत की ज्यादातर आबादी आज भी गांवों में बसती है इसलिए भारत में ग्रामीण शिक्षा का विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है। ‘शिक्षा की वार्षिक स्थिति पर रिपोर्ट’ नाम के सर्वे से पता चलता है कि भले ही ग्रामीण छात्रों के स्कूल जाने की संख्या बढ़ रही हो पर इनमें से आधे से ज्यादा छात्र दूसरी कक्षा तक की किताब पढ़ने में असमर्थ हैं और सरल गणितीय सवाल भी हल [...]

Rate this {type} हालांकि स्वतंत्रता के बाद से भारत के विकास की कहानी के बारे में कुछ लोगों की अपनी एक अलग राय है, कुछ अन्य लोगों का मानना है कि देश का प्रदर्शन छह दशकों में बहुत निराशाजनक रहा है। यकीनन यह सत्य है कि पंचवर्षीय योजनाएं विकास की गति तेज करने के लिए विशिष्ट क्षेत्रों को लक्षित करती हैं, फिर भी अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हो रहे हैं। अपना देश विकसित देशों के [...]

Rate this {type} भारतीय रुपयों और सिक्कों का इतिहास क्या आपको पता है कि भारत में सिक्कों को सबसे पहले किसने जारी किया था? भारत में सिक्कों को सबसे पहले 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास शुरु किया गया था। सिक्कों के इतने जल्दी शुरु हुए चलन से मौद्रिक इकाईयों ने एक शानदार सफर तय किया और आजादी के पहले और बाद में विभिन्न शासकों के शासन में कई बदलाव देखे। अपने पूरे इतिहास में [...]

Rate this {type} भारतीय डाक प्रणाली, पूरे देश में 1.5 लाख से ज्यादा डाकघरों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क होने का दावा करती है। यह 150 से अधिक वर्षों से चली आ रही छोटी बचत योजनाओं के साथ-साथ संचार का आधार भी रही हैं। डाकघर बहुमुखी कार्यो को करने और संदेश भेजने तथा बचत योजनाओं के अलावा फॉर्म बिक्री व बिल संग्रह आदि जैसी साधरण सेवाओं से भी संबंधित है। निश्चित रूप [...]

Rate this {type} एक कहावत प्रचलित है- “कि सुबह का नाश्ता राजा की तरह, दोपहर का भोजन साधारण आदमी की तरह और रात का भोजन भिखारी की तरह करना चाहिए। यह कहावत लंबी नींद लेने के बाद सुबह के लिए एकदम सही प्रतीत होती है। किसी को भी अपने दिन की शुरुआत पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक आहार के साथ करने की जरूरत होती है। नाश्ता पूरे दिन के लिए एक शक्ति के रूप में कार्य करता [...]

Rate this {type} 23 अक्टूबर 2016, जब देश एक उज्ज्वल और रंगीन दिवाली मनाने के लिए तैयार हो रहा था, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने एक बड़ा झटका दिया और यह घोषणा की कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर, देश के पूर्वी तट पर एक गहरा दबाव तेज हो रहा है। डर था कि एक चक्रवात ओडिशा राज्य को प्रभावित करेगा और दीवाली की छुट्टी पर पश्चिम बंगाल तक पहुँच जाएगा। हालांकि, 26 अक्टूबर तक यह [...]

Rate this {type} 15 अगस्त 1947 को आजादी के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले 7 दशकों में एक लंबा सफर तय कर चुकी है। 200 साल की अधीनता और भारत के प्राकृतिक संसाधनों के निष्कर्षण के बाद जब औपनिवेशिक शासन खत्म हुआ, तब भारतीय अर्थव्यवस्था का हाल बहुत ही बुरा था। गरीबी में रहने वाली आबादी का लगभग आधा हिस्सा लगातार पड़ने वाले अकाल के कारण परेशान था और पुराने उद्योग जनसंख्या की जरूरतों को [...]

Rate this {type} प्रत्येक देश के लिए कच्चा तेल एक आवश्यक वस्तु बन गया है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा इसी प्राकृतिक संसाधन पर निर्भर है। पिछले कुछ दशकों में, कच्चे तेल ने वैश्विक बाजारों की स्थिति में प्रभावशाली भूमिका निभाई है साथ ही सरकारों के बीच फसाद की जड़ भी रहा है। भारत, जो 80 प्रतिशत कच्चे तेल का आयात करता है और पेट्रोलियम निर्यात करने वाले देश, ओपेक (ओपीईसी) के संगठन [...]