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भारतीय रुपयों और सिक्कों के बारे में जानकारी

July 16, 2018


भारतीय रुपयों और सिक्कों के बारे में रोचक तथ्य

भारतीय रुपयों और सिक्कों का इतिहास

क्या आपको पता है कि भारत में सिक्कों को सबसे पहले किसने जारी किया था? भारत में सिक्कों को सबसे पहले 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास शुरु किया गया था। सिक्कों के इतने जल्दी शुरु हुए चलन से मौद्रिक इकाईयों ने एक शानदार सफर तय किया और आजादी के पहले और बाद में विभिन्न शासकों के शासन में कई बदलाव देखे। अपने पूरे इतिहास में सिक्कों और मौद्रिक प्रणाली ने कई उतार चढ़ाव देखे। मुगल काल में संगठित मौद्रिक प्रणाली अस्तित्व में आई। अपनी निर्माण शैली के कारण शुरुआती सिक्कों को ‘पंच मार्क’ कहा जाता था।

भारतीय रुपयों और सिक्कों के बारे में दिलचस्प तथ्य

  • रुपया’ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द ‘रुपयक’ से हुई जिसका अर्थ ‘चांदी’ है और रुपया का संस्कृत में अर्थ ‘चिन्हित मुहर’ है।
  • रुपये का इतिहास 15 वीं सदी तक का है जब शेर शाह सूरी ने इसकी शुरुआत की थी। उस समय तांबे के 40 टुकड़े एक रुपये के बराबर थे।
  • मूलतः रुपया चांदी से बनाया जाता था जिसका वजन 11.34 ग्राम था। ब्रिटिश शासन के दौरान भी चांदी का रुपया चलन में रहा।
  • सन् 1815 तक मद्रास प्रेसिडेंसी ने फनम आधारित मुद्रा जारी कर दी थी। तब 12 फनम एक रुपये के बराबर था।
  • सन् 1835 तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की तीन प्रेसिडेंसियों बंगाल, बाॅम्बे और मद्रास ने अपने अपने सिक्के जारी कर दिए थे।
  • सन् 1862 में नए सिक्के जारी किये गए जिन्हें शाही मुद्रा कहा गया। इन पर महारानी विक्टोरिया की एक छवि और भारत का नाम था। आजादी के बाद भारत में पहला सिक्का सन् 1950 में जारी किया गया।
  • सन् 1861 में 10 रुपये के नोट के रुप में कागजी मुद्रा बैंक आॅफ हिंदुस्तान, जनरल बैंक आॅफ बंगाल और बिहार और बंगाल बैंक ने जारी किए। सन् 1864 में 20 रुपये का नोट आया। सन् 1872 में 5 रुपये का नोट आया। सन् 1900 में 100 रुपये का नोट आया। सन् 1905 में 50 रुपये का नोट आया। सन् 1907 में 500 रुपये का नोट आया और सन् 1909 में 1000 रुपये का नोट जारी हुआ।
  • भारतीय रिजर्व बैंक ने सन् 1938 से नोटों का उत्पादन शुरु किया। वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक भारत में मुद्रा जारी करने और प्रबंधन का काम करता है।
  • सन् 1947 में रुपये का दशमलवकरण हुआ। इसमें रुपये को 100 नए पैसे में बांटा गया। सन् 1964 में नया शब्द हटा दिया गया।
  • आजादी के समय रुपये को आनों में बांट दिया गया। 16 आने से एक रुपया बना। आने को फिर 4 पैसों और 12 पाई में बांटा गया। आजकल रुपया पैसों में बांटा जाता है जिसमें 1 रुपये में 100 पैसे होते हैं।
  • आजादी के बाद सिक्के ताम्र-निकल के बनते थे। उसके बाद एल्यूमिनियम के सिक्के सन् 1964 में आए। सन् 1988 में स्टेनलेस स्टील के सिक्के जारी किए गए।
  • सन् 2010 में भारतीय रुपये का प्रतीक अपनाया गया जो डी उदय कुमार ने बनाया था। इस प्रतीक को बनाने में लैटिन अक्षर ‘आर’ और देवनागरी के अक्षर ‘र’ का उपयोग हुआ है जिसमें दो लाइनों से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रतिनिधित्व होता है।
  • बैंक नोटों की वर्तमान श्रृंखला को महात्मा गांधी श्रृंखला कहा जाता है। इसे सन् 1966 में 10 रुपये के नोट से शुरु किया गया जिस पर महात्मा गांधी की छवि थी।
  • हर बैंक नोट पर 17 भारतीय भाषाओं में राशि लिखी जाती है।

1000 का सिक्का

भारत में पहली बार 75, 150 और 1,000 रुपये के सिक्कों को ढाला गया। यह भारतीय रिजर्व बैंक की प्लैटिनम जुबली, रवीन्द्रनाथ टैगौर की 150वीं जयंती और बृहदेश्वर मंदिर के 1000 साल होने के उत्सव में क्रमशः जारी किए गए थे।

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