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लाल कोट: दिल्ली का ‘वास्तविक’ लाल किला

June 1, 2017


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lal-kot-delhi-1024x768लाल कोट: दिल्ली का ‘वास्तविक’ लाल किला, हूबहू ‘लाल किला‘, दक्षिणी दिल्ली में एक सैन्य गढ़ है। यह लाल पत्थर से निर्मित, दिल्ली का पहला किला था।

शहर की ऐतिहासिक महिमा देखने के लिए इस किले का भ्रमण करना चाहिए।

लाल कोट का इतिहास

यह अपने समय का पहला रक्षात्मक किला है। लाल कोट का निर्माण 773 ई0 में, तोमर शासक अनंगपाल प्रथम द्वारा करवाया गया था। यह आयताकार आकार में बना है, जो 2.25 किमी की परिधि में फैला हुआ है।

इस किले को ”किला-ए-राय पिथौरा” भी कहा जाता है, जिसमें कुल सात दरवाजे हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध गजनी, सोहन फतेह और रणजीत हैं। इन्हें आईएनटीएसीएच द्वारा (भारतीय कला और सांस्कृतिक विरासत के लिए नेशनल ट्रस्ट) विरासत स्मारकों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

वर्तमान समय में, किला टूट रहा है लेकिन फिर भी टूटे किले से राज्य की प्राचीन काल की महिमा प्रदर्शित होती है। यात्री लाल रेत से बने पक्के मार्ग पर चल कर किले में घुसते हैं। अब यह स्थान केवल लाल कोट किले की गिरी हुई दीवार और गढ़ के साथ बचा हुआ है। हालांकि, किले की दीवार के ऊपरी हिस्से को देखकर लगता है कि इसकी मरम्मत करवाई जाती है। कुछ कदम मिट्टी और पत्थर पर चलने के बाद, आप कुतुब मीनार, एडम खान की कब्र और संजय वन देख सकते हैं।

किले की दीवार, जो किले में प्रवेश के लिए चिन्हित है, मेहरौली-कुटाब सड़क से दिखाई देती है क्योंकि यह सड़क दीवार के समानांतर चलती है।

बदरपुर-कुतुब रोड से भी लाल कोट गढ़ के अवशेष देख सकते हैं।

यात्रा का समय: सभी दिन खुला

प्रवेशः कुछ नहीं

फोटोग्राफ़ी शुल्क: शून्य

नजदीकी मेट्रो स्टेशन: केंद्रीय सचिवाल

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दिल्ली का लाल किला

स्प्लैश वॉटर पार्क, दिल्ली

द गार्डन ऑफ फाइव सेंसेस