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केदारनाथ मूवी रिव्यु

December 8, 2018


केदारनाथ मूवी रिव्यु

निर्देशक – अभिषेक कपूर

निर्माता – रोनी स्क्रूवाला, प्रज्ञा कपूर, अभिषेक कपूर, अभिषेक नायर

कहानी – अभिषेक कपूर, कनिका ढिल्लों

कलाकार – सुशांत सिंह राजपूत, सारा अली खान

संगीत – अमित त्रिवेदी, हितेश सोनिक

सिनेमेटोग्राफी – तुषार कांती रे

संपादक – चंदन अरोड़ा

प्रोडक्शन कंपनी – आरएसवीपी मूवीज़, ब्वॉय इन द स्काई पिक्चर्स

कथानक – फिल्म केदारनाथ पुरानी बोतल में नई शराब की तरह है। इस फिल्म में दो युवा मंसूर (सुशांत सिंह राजपूत) और मंदाकिनी या मुक्कु (सारा अली खान) जो अलग-अलग धर्म से हैं, परिवार और समाज के सारे रीति-रिवाजों को भुलाकर एक-दूसरे से प्यार करने लगते हैं। पूरी फिल्म मुक्कु और मंसूर तथा उनके प्यार के इर्द-गिर्द घूमती है, जो उनके धर्म के मतभेदों के बावजूद उनको अलग नहीं कर पाती। मंसूर एक गरीब परिवार से संबंधित है और पिट्ठू का काम करता है। उसका काम तीर्थयात्रियों को अपनी पीठ पर लादकर मंदिर तक ले जाना है। मंसूर का जीवन खुशियों से भरा हुआ है और वह तीर्थयात्रियों की यात्रा को यादगार बनाने के लिए खून पसीना एक कर देता है। दूसरी तरफ, मुक्कु ऊंची जाति वाले एक धनी पंडित की बेटी है। मुक्कु बेहद जिद्दी, खुशमिज़ाज़ और अल्हड़ है। मुक्कु, कुल्लू (निशांत दहिया), जो एक व्यापारी है और वाणिज्यिक लाभ के लिए केदारनाथ के पवित्र शहर में होटल और लॉज बनाना चाहता है, की मंगेतर है। कुल्लु की मंगेतर होने के बावजूद वह मंसूर से प्यार कर बैठती है। फिल्म की पृष्ठभूमि 2013 में उत्तराखंड, केदारनाथ त्रासदी, जिसमें हजारों लोगों ने अपनी जानें गंवा दी थी, पर तैयार की गई है।

रिव्युः केदारनाथ सारा अली की डेब्यू फिल्म है और उन्होंने अपने डेब्यू में ही बहुत शानदार प्रदर्शन किया है। सारा ने एक जिद्दी और खुशमिजाज लड़की के तौर पर अपने पात्र को बाखूबी उकेरा है, जो सुंदरता और सादगी का मिश्रण भी है। उन्होंने इस फिल्म से एक नवांतुक के रूप में एक मजबूत प्रभाव छोड़ा है। सुशांत सिंह ने भी एक एक्शन अभिनेता, जो बहुत थोड़ी सी बात पर भड़क जाते हैं, के विपरीत शानदार प्रदर्शन दिया है। उन्होंने फिल्म के दौरान आसानी से और बहुत ताजगी के साथ काम किया है। उन्होंने एक गरीब मुस्लिम नौजवान के रूप में अपनी भूमिका को ईमानदारी से निभाया है। केदारनाथ में फिल्माये जाने के बाद भी इस फिल्म में प्रगाढ़ता का अभाव है। फिल्म का लेखन नीरस है और पूरी फिल्म में केदारनाथ औसत दर्जे का है। यह सारा और सुशांत का अभिनय है जो इस फिल्म को एक बार देखने लायक बनाता है।

हमारा फैसलाः अधिकृत पात्रों की कमी के बावजूद फिल्म अच्छी है। फिल्म में ऐसे दृश्य भी हैं जो दर्शकों के दिल के तार को छू लेते हैं। तो जाइए और इस फिल्म को देखिए, निश्चित रूप से यह फिल्म आपके वीकेंड को और अधिक मज़ेदार बना देगी।

स्टारः 3

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केदारनाथ मूवी रिव्यु
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