Home / / प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘स्टैंड अप इंडिया’ पहल की शुरूआत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘स्टैंड अप इंडिया’ पहल की शुरूआत

May 24, 2017


Stand-up-India-initiative-hindiप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अप्रैल 2016 को नोएडा में ‘स्टैंड अप इंडिया’ पहल की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य भारत में उद्यमशीलता और विशेषकर महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लोगों को बढ़ावा देना है। 5 अप्रैल को दलित प्रतीक बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि के अवसर पर इस पहल को शुरू किया गया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली भी अपनी पार्टी के 16 दलित सांसदों के साथ नोएडा में आयोजित समारोह में उपस्थित थे। आगामी राज्यसभा चुनावों को उचित समय समझते हुए  , दलित वोटों को अपनाने के लिए,इस पहल कि शुरुआत की गई । क्योंकि उत्तर प्रदेश के कुल मतदाताओं में 20% दलित मतदाता शामिल हैं। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि “स्टैंड अप इंडिया” पहल के जरिये प्रत्येक भारतीय को सशक्त बनाना और उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने के लायक बनाना है। “जल्द ही नौकरी तलाश करने वाला एक नौकरी प्रदाता बन जायेगा”।

प्रक्रिया

इस प्रक्रिया का नेतृत्व देश के लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) के साथ दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डीआईसीसीआई) और विभिन्न क्षेत्र-विशेष संस्थानों के साथ किया जायेगा। एसआईडीबीआई और नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवेलपमेंट (नाबार्ड) के कार्यालयों को “स्टैंड अप कनेक्ट सेंटर्स” (एसयूसीसी) के नाम से जाना जायेगा। यह योजना बैंक ऋण को सुविधाजनक बनाकर देश के कम-विकसित क्षेत्रों तक पहुँचाने के लिए, इस योजना में संस्थागत ऋण संरचना का लाभ उठाने का प्रस्ताव है।

इस पहल की मुख्य विशेषतायें

  • यह आसान ऋण के साथ उद्यमिता को बढ़ावा देने की एक पहल है।
  • इस पहल में महिलाओं सहित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों को अपने गैर-कृषि व्यवसायों के लिए आसानी से ऋण प्राप्त करने में मदद मिलेगी, यह ऋण राशि 10 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच होगी।
  • इस योजना में लगभग 2.5 लाख महत्वाकांक्षी युवा उद्यमियों से देश के विभिन्न भागों के 1.25 लाख बैंक शाखाओं से आसान ऋण पाने के लिए अनपढ़ समुदायों को सम्मिलित किया जायेगा।
  • इसका मतलब यह है कि बैंकों की प्रत्येक शाखाएं, एक दलित व्यक्ति या एक आदिवासी महिला को ऋण का प्रावधान सुनिश्चित करेंगी।

डेबिट कार्ड जिसे रूपे कहा जाता है

महिलाओं और एससी और अनुसूचित जनजाति समुदायों के सदस्यों, जो व्यापार के उद्देश्य के लिए ऋण  लेना चाहते हैं, इनको रूपे नामक एक डेबिट कार्ड प्रदान किया जायेगा, जो कार्यशील पूँजी निकालने में मदद करेगा। अन्य व्यापक समर्थन में पूर्व-ऋण प्रशिक्षण, ऋण की सुविधा, आढ़त और व्यापार शामिल है।

ई-रिक्शा का विस्तार

उसी दिन, इस पहल को शुरु करने के साथ, प्रधान मंत्री मोदी ने भारतीय माइक्रो क्रेडिट (बीएमसी) के सहयोग से प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 5,100 ओएलए नामक ई-रिक्शा वितरित किए। ये ई-रिक्शा दिल्ली एनसीआर में सभी जगह चलायें जायेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने एक मोबाइल एप्लिकेशन भी जारी किया है जिसके तहत रुपे कार्ड और जन धन के जरिए ई-रिक्शा का ऑर्डर किया जा सकता है।

Like us on Facebook

Recent Comments

Archives
Select from the Drop Down to view archives