जामुन के औषधीय गुण
ब्लैक प्लम को आम तौर पर जामुन कहा जाता है। दिखने में छोटा यह फल चमत्कारिक है। हममें से कई लोग जामुन के फायदों के बारे में नहीं जानते हैं। यह जून से अगस्त महीनों के बीच उपलब्ध रहता है। यह मर्टेसियाई परिवार का सदस्य है। यह फल वैसे तो पर्पल रंग का होता है और स्वाद में बहुत अनूठा खट्टा–मीठा।
हम यहां जामुन से स्वास्थ्य को होने वाले लाभ और उसके इस्तेमाल के बारे में बात कर रहे हैं:
– यह डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें लो ग्लायसेमिक इंडेक्स है, जो शुगर और स्टार्च को ऊर्जा को बदलने में मदद करता है। इस तरह ब्लड शुगर का स्तर भी कम होता है;
– इसमें आयरन बड़ी मात्रा में होती है। यह एक बेहतरीन रक्तशोधक या ब्लड प्युरीफायर है। ऑक्सीजनेटेड ब्लड सप्लाई सुनिश्चित करता है।
– इसमें विटामिन ए और सी की मात्रा भी अच्छी खासी होती है, जो त्वचा को स्वस्थ, तरोताजा और मुंहासों से मुक्त रखने में मदद करते हैं।
– जामुन आंखों के लिए भी अच्छा है।
इस फल के साथ–साथ इसकी बीज, पत्तियां और छाल भी अलग–अलग इस्तेमाल में आते हैं:
– बीजों का पाउडर बनाकर जब उसे दही के साथ लिया जाए तो वह किडनी के स्टोन भी तोड़ देता है।
– बीजों के पाउडर को दूध के साथ मिलाकर त्वचा पर चलाने से मुंहासे तेजी से कम होते जाते हैं।
– छाल और बीजों का पाउडर अपच और दस्त जैसे गैस्ट्रिक डिसआर्डर के इलाज में भी उपयोगी है।
इस फल में कई गुण हैं। इसका रस याददाश्त का स्तर बढ़ाने में मददगार होता है। एनीमिया, अस्थमा जैसी श्वास से संबंधित बीमारियों के साथ ही दांत और मसूड़ों में भी यह काफी उपयोगी है।
कैसे खाएं:
जामुन को काले या सादे नमक के साथ खाना उपयोगी है। बेहतर होगा कि यह नमक आप जामुन पर छिड़कें और फिर खाएं। बाजार में जामुन कई प्रकारों में उपलब्ध है– जामुन जैम, मुरब्बा, जैली, ज्यूस और कई अन्य प्रकारों में।
कुछ नुकसान भी हैं:
– जिन मरीजों की सर्जरी हुई हैं, उन्हें जामुन खाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे ब्लड शुगर का स्तर नीचे जाने का खतरा रहता है।
– जामुन को कभी भी खाली पेट न खाएं; कुछ न कुछ खाने के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।
– जामुन खाने के बाद एक घंटे पहले और बाद तक दूध का सेवन न करें , यह बहुत जरूरी है।
और आखिर में, जामुन के दाग बहुत दिन तक रहते हैं, इस वजह से खाते समय सावधानी बरते।