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कैलाशनाथ मंदिर, तमिलनाडु

May 29, 2017


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कैलाशनाथ मंदिर – कांचीपुरम में सबसे पुरानी संरचना

स्थान: कांचीपुरम, तमिलनाडु

हिंदू देवताओं के देवता सर्वोच्च तपस्वी भगवान शिव की पूजा सम्पूर्ण भारत में की जाती है। देश के हर कोने में उनके मंदिर स्थापित हैं लेकिन तमिलनाडु मे शिवालय की संख्या सबसे ज्यादा है।

मंदिरों की भूमि, तमिलनाडु में 2500 के आसपास शिव मंदिर होने का दावा है। शिव मंदिर हिंदुओं के लिए बहुत महत्व रखते है। तमिलनाडु के सभी प्राचीन मंदिरों में सबसे पुराना कांचीपुरम का कैलाशनाथ मंदिर है। तमिलनाडु के कांचीपुरम शहर में स्थित, कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण 685 ई.पू. से लेकर 705 ई.पू. तक हुआ था। मंदिर का निर्माण कार्य पल्लव शासक राजसिम्हा ने शुरू किया था लेकिन यह उनके पुत्र महेंद्र वर्मा पल्लव ने पूरा करवाया था।

मंदिर की वास्तुकला बलुआ पत्थर पर वास्तुशिल्प नक्काशी द्रविड़ शैली का एक बढ़िया उदाहरण है। भगवान शिव के 58 छोटे तीर्थ विभिन्न रूप में मुख्य मंदिर के चारों ओर बने हैं। मंदिर की दीवारें विभिन्न सुंदर रंगों और भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्तियों से सजी हुई हैं। लोकप्रिय विश्वास के अनुसार, युद्ध के समय मंदिर राजा को आश्रय प्रदान करता था।

मंदिर उपयुक्त रूप से शहर की हलचल से दूर एक देहाती उपनगर में स्थित है। मंदिर की ओर चेहरा करके घुटने टेके हुए एक विशाल नंदी प्रवेश द्वार के सामने खड़ा है।

इस मंदिर का वास्तुशिल्प सौंदर्य तमिलनाडु के अन्य सभी मंदिरों से अलग है। इस मंदिर की अनूठी विशेषताओं में से एक 16 पक्षीय शिवलिंग मुख्य मंदिर में काले ग्रेनाइट से बना हुआ है। हजारों श्रद्धालु महाशिवरात्रि के समय मंदिर की यात्रा करते हैं। आपको अपनी बारी के लिए लंबी कतारों में घंटों तक इंतजार करना पड़ता सकता है।

समय: सुबह 6:00 बजे से  दोपहर 12:00 बजे तक और 4:00  बजे से  शाम 7:00 बजे तक

प्रवेश: निःशुल्क

फोटोग्राफीः अंदर के पवित्र स्थान को छोड़कर अन्य स्थानों पर फोटोग्राफी की अनुमति है।

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