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स्वर्णिम चतुर्भुज क्या है?

May 19, 2017


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पिछली एनडीए सरकार की उपलब्धियों में से एक 5846 कि.मी. का स्वर्णिम चतुर्भुज (जीक्यू) राजमार्ग है। इसे दुनिया के सबसे लंबे राजमार्गों में नामित किया गया है। यह मूल रूप से राजमार्गों का एक नेटवर्क है जो देश के चार प्रमुख महानगरों को चार दिशाओं – दिल्ली (उत्तर), चेन्नई (दक्षिण), कोलकाता (पूर्व) और मुंबई (पश्चिम) में जोड़ता है – जिससे एक चतुर्भुज बन जाता है और इसीलिए इसका नाम गोल्डन चतुर्भुज (स्वर्णिम चतुर्भुज) है।

सबसे बड़े राजमार्ग की महत्वाकांक्षी परियोजना वर्ष 2001 में शुरू की गयी थी। राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) एवं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा संचालित इस परियोजना को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू किया गया था। वर्ष 1999 में इस परियोजना का आयोजन पूरा हुआ था लेकिन निर्माण कार्य आधिकारिक तौर पर 2001 में शुरू हुआ था। यद्पि यह 2006 तक पूरा होने का अनुमान था, परन्तु यह वास्तव में जनवरी  2012  में चालू हुआ था। स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना में नये एक्सप्रेस हाइवे का निर्माण शामिल है, जिसमें मौजूदा राजमार्गों के नवीनीकरण के लिए चार या छह लेन का विस्तार और मरम्मत शामिल है।

गोल्डन चतुर्भुज राजमार्गों के अंतर्गत आने वाले प्रमुख शहर

स्वर्णिम चतुर्भुज भारत के प्रमुख शहरों के बीच कुशल परिवहन लिंक प्रदान करता है जैसे नई दिल्ली; जयपुर, उदयपुर, अजमेर (राजस्थान); अहमदाबाद, गांधीनगर (गुजरात); मथुरा, वाराणसी, आगरा, कानपुर (उत्तर प्रदेश); मुंबई और पुणे (महाराष्ट्र); बैंगलोर (कर्नाटक); विशाखापटट्नम (आंध्र प्रदेश); चेन्नई (तमिलनाडु); भुवनेश्वर (उड़ीसा) कोलकाता (पश्चिम बंगाल) आदि।

स्वर्णिम चतुर्भुज के चारों वर्ग

खण्ड-1: यह राष्ट्रीय राजमार्ग 2 (एनएच 2) को दिल्ली से कोलकाता तक जोड़ता है। कुल विस्तार 1454 कि.मी. है दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों तक विस्तारित हैं। प्रमुख शहरों में दिल्ली, मथुरा, फरीदाबाद, आगरा, इलाहाबाद, फिरोजाबाद, कानपुर और वाराणसी शामिल हैं।

खण्ड II: यह कोलकाता से चेन्नई, एनएच 60 (खड़गपुर से बालासोर) और एनएच 5 (बालासोर से चेन्नई) तक एनएच 6 को कवर करता है। कुल खंड विस्तार 1684 कि.मी. है। राज्यों में पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा और तमिलनाडु शामिल हैं।

खण्ड III: कुल विस्तार 1290 कि.मी. है इसमें एनएच 4 (मुंबई से बेंगलुरु), एनएच 7 (बैंगलोर से कृष्णागिरि, तमिलनाडु) और एनएच 46 (कृष्णागिरी के पास चेन्नई) शामिल हैं। राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु शामिल हैं।

खण्ड IV: राष्ट्रीय राजमार्ग 8 (दिल्ली से किशनगढ़), राष्ट्रीय राजमार्ग 79 ए (अजमेर बायपास), एनएच 79 (नसीराबाद से चित्तौड़गढ़) और एनए 76 (चित्तौड़गढ़ से उदयपुर) के कुछ हिस्सों को शामिल करता है, यह खंड विस्तार 149 कि.मी. है। राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और नई दिल्ली शामिल हैं। दिल्ली, अजमेर, उदयपुर, गुड़ग्राम, जयपुर, गांधीनगर, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ता है|

स्वर्णिम चतुर्भुज की मुख्य विशेषताए

  • यह पूरे भारत में सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है।
  • यह दुनिया की पांचवीं सबसे लंबी राजमार्ग परियोजना है।
  • गोल्डन चतुर्भुज की कुल लंबाई 5,846 किलोमीटर है
  • गोल्डन चतुर्भुज भारत के 13 राज्यों के मध्य से गुजरती है।
  • गोल्डन चतुर्भुज केवल देश के राष्ट्रीय राजमार्गों का गठन करता है, न कि राज्य के राजमार्ग और ग्रामीण शहरी सड़को का।
  • इस परियोजना का अनुमान है कि इसमें 600 करोड़ रुपये खर्च होगें, लेकिन यह एक ऐसी परियोजना थी जो लगभग 58 अरब डॉलर में (अनुमानित लागत के मुकाबले) पूरी हो गयी।

देश के लिए लाभ

  • प्रमुख शहरों और बंदरगाहों के बीच तेज परिवहन नेटवर्क प्रदान करता है
  • भारत के प्रमुख कृषि, औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्रों को संपर्क मार्ग प्रदान करता है
  • देश के भीतर माल और लोगों के एक सामान गति प्रदान करता है
  • विभिन्न बाजारों तक पहुँच के माध्यम से छोटे शहरों में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को सक्षम करता है
  • किसान अपने उत्पाद की बिक्री और निर्यात के लिए प्रमुख शहरों और कस्बों तक पहुँचा सकता हैं, और जहाँ कम अपव्यय और लूट है।
  • इस्पात, सीमेंट और अन्य निर्माण सामग्री के निर्माण और अप्रत्यक्ष मांग के माध्यम से अधिक आर्थिक विकास|
  • ट्रक परिवहन को प्रोत्साहन देगा|