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दादरी बना हरियाणा का 22वां जिला  

November 12, 2016


दादरी- हरियाणा का नया जिला 

दादरी- हरियाणा का नया जिला

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 18 सितंबर 2016 को दादरी को नया जिला बनाने की घोषणा की। इस घोषणा के साथ ही दादरी राज्य का 22वां जिला हो गया। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार दादरी को जिले का दर्जा देने की प्रक्रिया शुरू कर देगी। यह उम्मीद की जा रही है कि जिला बनने के बाद दादरी के विकास की प्रक्रिया में तेजी आएगी। खट्टर के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इसे 1992 से ही जिला मान रहा है। उस समय संघ ने उपसंभागीय स्तर पर प्रतिनिधि नियुक्त किए हैं, जिस तरह जिलों में प्रतिनिधि नियुक्त किए जाते हैं।

पूर्व सरकारों की आलोचना

उस समय दादरी में खट्टर एक आरएसएस प्रतिनिधि हुआ करते थे। खट्टर ने आदत के मुताबिक पूर्व सरकारों की आलोचना का कोई मौका नहीं गंवाया। उन्होंने पंचकुला, यमुनानगर और पलवल को जिले का दर्जा देने के फैसले पर सवाल उठाए। साथ ही दादरी की अनदेखी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर पूर्व सरकारों का यह डर भी जता दिया कि यदि दादरी को जिला बना देते तो यह अन्य जिलों के मुकाबले तेजी से आगे निकल सकता था।

दादरी में विकास परियोजनाएं

खट्टर ने यह भी कहा कि पिछले कुछ बरसों में, जब से भाजपा की सरकार राज्य में बनी है तब से, इस क्षेत्र में 112 करोड़ रुपए के विकास कार्य शुरू किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने 45 करोड़ रुपए की लागत के नौ से ज्यादा परियोजनाओं का शिलान्यास खुद किया है। इनमें पानी की पाइपलाइन से लेकर फुटपाथ बनाने तक की परियोजना शामिल है।

और भी नए जिले कतार में…

हरियाणा की राज्य सरकार ने एक उप-समिति बनाई है, जो जिलों, तहसीलों और उपसंभागों के पुनर्गठन पर काम कर रही है। यह उप-समिति ने कुछ उपसंभागों को जिला बनाने की सिफारिश की है। इनमें गोहाना और हांसी भी शामिल है। हालांकि, लोगों को लग रहा है कि उपरोक्त बताए गए उपसंभाग इस बार इतने भाग्यशाली नहीं रहे।

आम लोगों की प्रतिक्रिया

चरखी दादरी में बोंद खुर्द गांव के सरपंच राधेश्याम ने लोगों की खुशी का इजहार किया। उन्हें उम्मीद है कि पानी की कमी, सड़क कनेक्टिविटी और इलेक्ट्रिसिटी, जैसी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। अब तक इन समस्याओं के समाधान के प्रयास ही नहीं हो रहे थे।

राजनीतिक विरोधियों की प्रतिक्रिया

खट्टर के मुखर आलोचकों में से एक हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने दादरी को जिले का दर्जा दिए जाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने यह भी कहा कि दादरी को जिले का दर्जा देने का प्रस्ताव कांग्रेस का था। उन्होंने ही इस मामले को आगे बढ़ाया था। भाजपा उनके किए कामों का श्रेय ले रही है। हुड्डा ने यह भी साफ किया कि अब फोकस विकास पर होना चाहिए, राजनीति पर नहीं।

हरियाणा का बदलता आकार

हरियाणा का गठन 1 नवंबर 1966 को हुआ था। पंजाब से अलग कर इसे बनाया गया था। उस समय इसमें सात जिले थे, जो इस प्रकार हैः

अंबाला

गुड़गांव

हिसार

जींद

करनाल

महेंद्रगढ़

रोहतक

यह जिले 1971 से 1980 के बीच में बनाए गएः

1972- सोनीपत और भिवानी

1973- कुरुक्षेत्र

1975- सिरसा

1979 – फरीदाबाद

यह जिले 1981 से 1990 के बीच जोड़े गएः

1989- रेवाड़ी, कैथल और पानीपत

1990 – यमुनानगर

यह जिले 1991 से 2000 के बीच जोड़ गए

1995 – पंचकुला

1997- फतेहाबाद और झज्जर

मेवात 2005 में एक जिला बना, जबकि पलवल 2008 में जिले के स्वरूप में सामने आया

दादरी के आंकड़े  

दादरी की आबादी 5 लाख है। इसमें 170 गांव हैं, जो तीन विकासखंडों में बंटे हुए हैं- चरखी दादरी, बढरा और बोंड कलां।