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महिला युगल में सानिया बनीं वर्ल्ड नंबर 1

August 29, 2016


महिला युगल में सानिया बनीं वर्ल्ड नंबर 1

महिला युगल में सानिया बनीं वर्ल्ड नंबर 1

बारबोरा स्ट्रायकोवा के साथ नई भागीदारी भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा के लिए अच्छी खबर लाई है। हाल ही में खत्म हुए रियो डि जेनेरो के ग्रीष्मकालीन ओलिम्पिक खेलों में निराशाजनक नतीजों के बाद सानिया ने 21 अगस्त को सिनसिनाटी ओपन जीत लिया। इसके साथ ही वह वुमंस टेनिस एसोसिएशन (डब्ल्यूटीए) की डबल्स रैंकिंग में टॉप पर आ गई हैं। फाइनल मुकाबले में सानिया और स्ट्रायकोवा ने मार्तिना हिंगिस और कोको वांडेवेघे को सीधे सेट्स में 7-5, 6-4 से हराया। वैसे, यह बात गौर करने योग्य है कि हिंगिस के साथ ही खेलकर सानिया डबल्स फार्मेट में विश्व की शीर्ष रैंक हासिल कर सकी है।

ओलिम्पिक का हैंगओवर उतरा

हाल ही में खत्म हुए ओलिम्पिक्स में मिर्जा से काफी उम्मीदें थी। उन्होंने सिंगल्स के साथ ही डबल्स में भी भाग लिया था। हालांकि, वह दोनों ही इवेंट्स में पदक तक पहुंचने में नाकाम रहीं। उनके साथ-साथ पूरे देश की पदक उम्मीद भी टूट गई थी। हालांकि, एक पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर सानिया ने न केवल ओलिम्पिक की असफलता को पीछे छोड़ा बल्कि चेक गणराज्य की स्ट्रायकोवा के साथ नई भागीदारी की मदद से खिताब भी जीत लिया।

ओलिम्पिक्स में हिंगिस का प्रदर्शन कैसा रहा?

मिर्जा क मुकाबले हिंगिस के लिए रियो ओलिम्पिक अच्छा रहा। उन्होंने टिमेआ बासिनकी के साथ मिलकर स्विट्जरलैंड के लिए रजत पदक जीता था।

दोनों की जोड़ी क्यों टूटी?

हिंगिस और मिर्जा, दोनों ने ही यह साफ कर दिया था कि एक टीम के तौर पर उनकी यादगार यात्रा शुरू करने से पहले उन्होंने जो लक्ष्य रखे थे, उसके मुताबिक परिणाम नहीं आ रहे थे। इसी वजह से दोनों ने टीम तोड़कर अलग होने का फैसला किया। हालांकि, अक्टूबर में सिंगापुर में होने वाली डब्ल्यूटीए टूर चैम्पियनशिप में दोनों को एक साथ देखने की उम्मीद की जा रही है।
दोनों ने अपने संयुक्त बयान में कहा था कि उनकी युगल जोड़ी ने तीन ग्रैंड स्लैम के साथ ही 11 डब्ल्यूटीए डबल्स खिताब जीते हैं। हालांकि, इससे दोनों की उम्मीदें भी बढ़ गई है। पिछले कुछ महीनों से वे मनचाहे परिणाम नहीं हासिल कर पा रहे थे।

हिंगिस और मिर्जा ने भावुक होकर कहा था कि हमारा फैसला पेशेवर है और हालिया प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन के आधार पर लिया है।

उनकी साझेदारी शुरू कैसे हुई थी?

हिंगिस और मिर्जा मार्च 2015 में पहली बार साथ आए थे। उन्होंने बेहतरीन तरीके से शुरुआत की थी। पहले ही झटके में इंडियाना वेल्स, चार्ल्सटन और मियामी के खिताबों पर कब्जा जमाया था।

बेहतरीन रिश्ता

हिंगिस और मिर्जा, दोनों ने ही कहा कि भले ही पेशेवर तौर पर वह अलग हो गई हो, उनकी दोस्ती अटूट है। बीते कुछ समय में दोनों काफी नजदीक आ गई थी और उनकी यह दोस्ती आगे भी कायम रहेगी। दोनों ने यह भी कहा कि वे अक्टूबर में सिंगापुर में होने वाली डब्ल्यूटीए फाइनल्स में साथ खेलने की इच्छुक हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस घोषणा से मीडिया में दोनों के अलग होने से जुड़ी खबर पर लग रही अटकलों पर विराम लग जाएगा।

कारण जो भी हो, टूट चुकी जोड़ी के प्रशंसकों को अक्टूबर का इंतजार करना आसान नहीं लग रहा। कई लोग ऐसे हैं जो दोनों को अलग होते नहीं देख सकते। उन्हें लगता है कि दोनों को कुछ और वक्त साथ खेलना था। कुछ तो अभी भी दोनों के साथ आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। आखिरकार, इस जोड़ी ने भारत में कई प्रशंसकों को गर्व महसूस कराया है और वह चाहते हैं कि दोनों आगे भी साथ आकर उन्हें ऐसी ही फीलिंग कराती रहेंगी।