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भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को उनका नाम कैसे मिला?

July 30, 2016


भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को उनका नाम कैसे मिला?

भारत एक बहुभाषी देश है और यह इसके राज्यों के नामों में स्पष्ट दिखता है क्योंकि यह नाम उन राज्यों की मूल भाषाओं से लिए गए हैं। ज्यादातर राज्यों के नाम संस्कृत भाषा से लिए गए हैं जो किसी समय में भारत की मुख्य भाषा थी। किसी क्षेत्र के इतिहास, भाषा और शासक ने भी उसके नाम में महत्वपूर्ण भमिका निभाई थी। अलग अलग राज्यों के नाम और उनके उद्गम के बारे में जानें।

आंध्र प्रदेश – आंध्र का संस्कृत में अर्थ ‘दक्षिण’ है। इस राज्य की जनजातियों का मूल नाम भी आंध्र था। मौर्य अधिकारियों, सातवाहन को आंध्र भृत्या कहा जाता था जिसका अर्थ ‘दक्षिण के अधिकारी’ होता है।

अरुणाचल प्रदेश – संस्कृत में ‘अरुणा’ का अर्थ ‘भोर की रोशनी’ और ‘अचल’ का अर्थ ‘पर्वत’ होता है।

असम – असम एक इंडो-आर्यन शब्द है जिसका अर्थ ‘असमान’ है। कुछ विद्वानों के अनुसार असम पर छह सदियों तक राज करने वाले अहोम शासकों के कारण राज्य का नाम असम पड़ा। अहोम शब्द भी असम से आया है।

बिहार – बिहार नाम संस्कृत से आया है और यह ‘विहार’ शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ ‘वास’ होता है। ‘विहार’ एक पाली शब्द है। पहले यह राज्य बौद्ध भिक्षुओं का विहार या वास था। समय के साथ ‘विहार’ बदलकर ‘बिहार’ हो गया। इसके साथ ही बिहार एक लोकप्रिय शहर का भी नाम था जो मुस्लिम हमलावरों का मुख्यालय था। उस शहर को आज बिहार शरीफ के नाम से जाना जाता है।

छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ क्षेत्र का नाम पहले ‘दक्षिण कौशल’ था। इसके नाम के बारे मेें कोई ठोस सबूत नहीं है। छत्तीसगढ में 36 किले हैं, शायद इसके नाम के पीछे यही एक कारण है।

गोवा – गोवा के नाम का अस्तित्व स्पष्ट नहीं है। मुमकिन है इसका उद्भव यूरोपीय या पुर्तगाली भाषा से हुआ हो। यह भी माना जाता है कि गोवा नाम संस्कृत के शब्द ‘गौ’ से आया है जिसका अर्थ ‘गाय’ होता है।

गुजरात – गुजरात गुज्जरों की भूमि है। गुजरात नाम ‘गुजरा’ से आया है जिन्हांेने 700 और 800 में क्षेत्र पर राज किया था।

हरियाणा – हरियाणा शब्द दो शब्दों से बना है ‘हरि’ और ‘आना’। ‘हरि’ का अर्थ है ‘विष्णु’ और ‘आना’ का अर्थ है ‘आगमन’। महाभारत काल में भगवान विष्णु यहां आए थे, इसलिए इसका नाम हरियाणा कहलाया।

हिमाचल प्रदेश – हिमाचल प्रदेश बर्फ से ढंके पर्वतों और कई देवताओं का राज्य है। यह शब्द संस्कृत से आया है। ‘हिम’ का अर्थ है ‘बर्फ’ और ‘अचल’ का अर्थ है ‘पर्वत’।

जम्मू-कश्मीर – जम्मू-कश्मीर एक खूबसूरत घाटी है जिसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है। इस घाटी को ‘ऋषि कश्यय की घाटी’ भी कहा जाता है जिससे कश्मीर शब्द आया है। भारत के ज्यादातर राज्यों के नाम की तरह यह भी संस्कृत से आया है जिसमें ‘का’ का अर्थ ‘पानी’ और ‘शिमिरा’ का अर्थ ‘सूखना’ है। जम्मू शब्द यहां के राजा जंबू लोचन से आया है।

झारखंड – झारंखड झाड़ी की भूमि है। संस्कृत में ‘झाड़’ का अर्थ ‘जंगल’ और ‘खंड’ का अर्थ ‘भूमि’ है। झारखंड को ‘वनांचल’ भी कहा जाता है।

कर्नाटक – कर्नाटक शब्द ‘कारु’ और ‘नाद’ से आया है जिसका अर्थ ‘बुलंद’ और ’भूमि’ है।

केरल – भौगोलिक दृष्टि से केरल की उत्पत्ति समुद्र की अतिरिक्त भूमि से हुई थी। ‘केरल’ नाम के पीछे दो सिद्धांत हैं। एक सिद्धांत के अनुसार यह ‘चेरन्ना’ और ‘आलम’ शब्द से बना है जिसका अर्थ ‘जोड़ना’ और ‘भूमि’ है। दूसरे सिद्धांत के अनुसार ‘केरलम’ शब्द चेरा साम्राज्य से आया है जिसने 1 से 5वीं शताब्दी तक इस क्षेत्र पर राज किया। शाकेरल यद यह ‘चेरा आलम’ से आया हो बाद में वह बदलकर ‘केरलम’ हो गया हो। दूसरा सिद्धांत बहस का मुद्दा है। संस्कृत में ‘केरलम’ का अर्थ जोड़ी गई भूमि है।

मध्य प्रदेश – मध्य प्रदेश ‘सेंट्रल प्रोविंस’ का हिन्दी संस्करण है। आजादी के पहले अंग्रेज शासक इस राज्य के ज्यादातर भाग को ‘सेंट्रल प्रोविंस’ कहते थे। आजादी के बाद कई भाग इसमें शामिल हो गए। सन् 1950 में सेंट्रल प्रोविंस में, बरार में मकरई और छत्तीसगढ़ शामिल हुए ‘जो सेंट्रल प्रोविंस’ कहलाया।

महाराष्ट्र – महाराष्ट्र नाम के पीछे कई सिद्धांत हैं। संस्कृत में ‘महाराष्ट्र’ का अर्थ ‘महान देश’ है जो ‘महा’ और ‘राष्ट्र’ से मिलकर बना है। महाराष्ट्र ‘राष्ट्रीका’ नाम के कबीले से उत्पन्न हुआ है। इसका ब्यौरा अशोक के शिलालेखों में मिलता है। राष्ट्र भी शायद ‘रट्टा’ या ‘राष्ट्रकुटा’ से आया है। राष्ट्र शब्द की उत्पत्ति सारथी या रथ से भी हुई हो सकती है।

मणिपुर – मणिपुर का अर्थ है ‘रत्नों की भूमि’।

मेघालय – मेघालय का अर्थ है ‘बादलों की भूमि’। संस्कृत में ‘मेघ’ का अर्थ है ‘बादल’ और ‘आलय’ का अर्थ है ‘आवास’।

मिजोरम – मिजोरम शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है ‘मि’ यानि ‘लोग’ और ‘जो’ मतलब ‘पहाड़’।

नागालैंड – नागालैंड का अर्थ है ‘नागाओं की भूमि’।

ओडिशा – ओडिशा शब्द संस्कृत के ‘ओड्र विश्य’ या ‘ओड्र देस’ से आया है। अर्थ के बजाय यह शब्द मध्य भारत में रहने वाले लोगों के संदर्भ में बोला जाता है।

पश्चिम बंगाल – बंगाल का मूल शब्द संस्कृत का शब्द ‘वंगा’ है। इस शब्द के कई संस्करण बने जैसे फारसी में ‘बंगालह’, हिंदी में ‘बंगाल’ और बंगाली में ‘बांग्ला’। सन् 1905 में हुए विभाजन के बाद ‘पश्चिम’ शब्द भी इसमें जुड़ गया। सन् 1947 में दोबारा हुए विभाजन में पश्चिम बंगाल भारत का राज्य बन गया और पूर्व बंगाल एक अलग राष्ट्र बन गया जिसे बांग्लादेश कहा जाता है।

पंजाब – पंजाब का अर्थ ‘पांच नदियों की भूमि’ है। यह शब्द इंडो-ईरानी शब्द ‘पुंज’ यानि ‘पांच’ और ‘आब’ यानि ‘पानी’ से बना है।

राजस्थान – संस्कृत में ‘राजा’ शब्द का अर्थ ‘राज करने वाला’ होता है। इसे पहले ‘राजपूताना’ यानि ‘राजपूतों की भूमि’ कहा जाता था।

सिक्किम – सिक्किम शब्द तिब्बती भाषा के शब्द ‘डेनजोंग’ से आया है। यह शब्द लिंबू मूल के दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें ‘सू’ का अर्थ है ‘नया’ और ‘ख्यिम’ का अर्थ है ‘महल’।

तमिलनाडु – ‘तमिल’ का अर्थ है ‘मीठा अमृत’ और ‘नाडु’ का तमिल में अर्थ है ‘राष्ट्र’ या ‘देश’। तमिलनाडु का अर्थ है ‘तमिलों का देश’।

त्रिपुरा – त्रिपुरा भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है। इसके नाम के पीछे कई सिद्धांत हैं। ‘त्रिपुरा’ शब्द ‘तिपरा’ से लिया गया हो सकता है, जिसका अर्थ होता है ‘क्षेत्र के रहवासी’। यह शब्द दो कोकबोरोक शब्दों से लिया गया हो सकता है ‘तई’ और ‘पारा’ जिसका अर्थ है ‘पानी’ और ‘पास’। यह नाम उदयपुर की देवी ‘त्रिपुर सुंदरी’ से भी लिया गया हो सकता है। एक अन्य सिद्धांत यहां के नाम के विषय में ये है कि यह नाम इस राज्य के राजा रहे ‘त्रिपुर राजा’ के नाम से भी लिया गया हो सकता है।

उत्तर प्रदेश – उत्तर प्रदेश नाम का मतलब है ‘उत्तरी प्रांत’ या ‘उत्तर का राज्य’।

उत्तराखंड – नए राज्य ‘उत्तरांचल’ के नाम का अर्थ है ’उत्तरी पहाड़’। यह राज्य सन् 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर बना था। इसका नाम बदलकर ‘उत्तराखंड’ यानि ‘उत्तर की भूमि’ किया गया।

अंडमान और निकोबार – अंडमान का अर्थ है ‘द्वीपों का भगवान’। इसका मूल नाम ‘हंदुमान’ यानि ‘हनुमान’ है। संभव है ‘निकोबार’ शब्द चोल राजवंश से आया हो और ‘नक्कवरम’ नाम दिया गया हो जिसका तमिल में अर्थ है ‘नग्न आदमी’।

चंडीगढ़ – इस खूबसूरत शहर को उसका नाम ‘चंडी देवी’ के चंडी मंदिर पर रखा गया है जिसे स्थानीय लोग अपना रक्षक मानते हैं।

दिल्ली – दिल्ली को इसका नाम कहां से मिला यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है। 50वीं सदी ईसा पूर्व में मौर्य वंश के राजा ने इस शहर का निर्माण किया और संभव है कि उन्होंने इस शहर का नाम दिया हो। दिल्ली का हिंदी में अर्थ ‘ढीला’ है और यह नाम शहर के तोमारा शासकों ने दिया था। उस समय के सिक्कों को भी ‘देहलीवाल’ नाम से जाना जाता था। कुछ विद्वानों का मानना है कि दिल्ली का मूल नाम ‘दिल्लीका’ है।

लक्ष्यद्वीप – लक्ष्यद्वीप का अर्थ है ‘एक लाख द्वीप’।

पोंडिचेरी – पोंडिचेरी को ‘पुदुचेरी’ भी कहा जाता है। तमिल शब्द ‘पुदुचेरी’ का मतलब ‘पुदु’ अर्थात ‘नया’ और ‘चेरी’ अर्थात बस्ती।

दो और केन्द्र शासित प्रदेश हैं, ‘दादर और नगर हवेली’ और ‘दमन और दीव’। इनके नाम के उद्गम के बारे में निश्चितता से नहीं कहा जा सकता।