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बिहार महाभारतः अपनी पहली ही रैली में राहुल गांधी ने साधा नरेंद्र मोदी पर निशाना

September 20, 2015


Rahul Gandhi goes after Narendra Modi in his first Poll rally

बिहार के पश्चिम चंपारन जिले के राम नगर में अपनी पहली ही चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। “सूट-बूट” की टिप्पणी उन्होंने अपने भाषण में बार-बार इस्तेमाल की। राहुल गांधी ने भाषण में यह साबित करने की कोशिश की कि एक चाय बेचने वाला सूट-बूट वाले लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर किस तरह आम आदमी की कीमत पर उन्हें फायदा पहुंचा रहा है। लोगों ने बहुत उत्साहित होकर उनकी इस दलील का स्वागत किया। अपने भाषण में राहुल गांधी ने यह वादा किया कि वे बिहार में रोजगार लाएंगे, लेकिन कैसे करेंगे, यह नहीं बताया। सहयोगी दलों के प्रमुख नेताओं की गैर-मौजूदगी की वजह से रैली का स्वरूप फीका ही रहा। लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी ने जरूर राहुल के साथ मंच साझा किया।

जेडी(यू), आरजेडी और कांग्रेस सभी 243 सीटों के बंटवारे पर सहमत

पटना में कल एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जेडी(यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह ने घोषणा की कि “महागठबंधन” में राज्य की सभी 243 सीटों पर सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि जेडी(यू) और आरजेडी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। जबकि कांग्रेस 41 सीटों पर। लेकिन अब तक किसी भी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की सूची घोषित नहीं की है।

आरजेडी और कांग्रेस जैसे सहयोगी दलों के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए जेडी(यू) ने घोषणा की है कि 2010 में उसके पास जो 118 सीटें थी, उनमें से सिर्फ 79 सीटों पर ही वह उम्मीदवार उतारेगा। जेडी(यू) ने 26 सीटें आरजेडी के लिए जबकि शेष 13 सीटें कांगर्स के लिए खाली की है। सिर्फ यह जताने के लिए वह महागठबंधन के फायदे के लिए त्याग करने को तैयार है। दूसरी ओर आरजेडी ने सिर्फ दो सीटें जेडी(यू) के पक्ष में खाली की हैं, वहीं कांग्रेस ने अपनी मौजूदा सीटों में से कोई भी देने से इनकार ही किया है।

बीजेपी ने 99 उम्मीदवारों की दूसरी सूची घोषित की

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बिहार चुनावों के लिए 99 उम्मीदवारों की दूसरी सूची घोषित की। नड्डा के मुताबिक कई तबकों के पेशेवर, महिलाएं और युवाओं को टिकट दिया गया है। उन्होंने यह भी साबित किया कि पार्टी ने व्यापक प्रतिनिधित्व तय करने के लिए डॉक्टरों, इंजीनियरों, वकीलों और अन्य पेशेवरों को लिस्ट में रखा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लिस्ट में 60 प्रतिशत उम्मीदवार युवा हैं।

इस लिस्ट के साथ ही बीजेपी अब तक एनडीए की ओर से निर्धारित अपनी 160 सीटों में से 142 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। उन्होंने यह भी साफ किया कि 14 मौजूदा विधायकों की सीटें बदली गई हैं। चुनाव समिति की बैठक में नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, सुशील कुमार मोदी और शाहनवाज हुसैन समेत कई अन्य बड़े नेता मौजूद थे।

टिकट न मिला तो एलजेपी नेता पासवान के दामाद बने बागी

राम विलास पासवान के दामाद और दलित सेना के अध्यक्ष अनिल कुमार साधु ने अपने ससुर और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ बगावती रुख अख्तियार किया है। उन्होंने दलित सेना के जिला अध्यक्षों की आपात बैठक बुलाई है। उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर रविवार को राम विलास पासवान के पुतले जलाने की चेतावनी भी है।

2010 के विधासनभा चुनावों में साधु ने मसौरी की विधानसभा सीट 53,000 वोटों के अंतर से जीती थी। वे इस बार कुटुंबा से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन एनडीए ने यह टिकट जीतन मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन को दे दी। साधु इस बात से भी नाराज हैं कि एलजेपी नेता राम विलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस के साथ ही उनके भतीजे और सांसद रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज को भी टिकट दिया गया है।

टिकट आवंटन- परिवारवार का ही दबदबा

राजनीति भी अब पेशा बन चुका है। कुछ नेताओं के लिए तो यह “पारिवारिक व्यवसाय” बन चुका है। मौजूदा बिहार चुनावों में, सभी पार्टियों के बड़े नेता अपने बेटों, बेटियों और रिश्तेदारों को चुनावी मैदान में उतार रहे हैं। ताकि अपनी राजनीतिक ताकत को मजबूती दे सके। आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटों- तेजस्वी और तेज प्रताप को राजनीति में उतारा है। एलजेपी चीफ राम विलास पासवान अपने बेटे चिराग पासवान और भाई पशुपति कुमार पारस के साथ ही अपने भतीजे प्रिंस राज को आगे बढ़ा रहे हैं। हम के चीफ जीतन मांझी भी कैसे पीछे रहते, उन्होंने अपने बेटे संतोष कुमार सुमन को टिकट दिलवाया है। बीजेपी ने भी अपने उपाध्यक्ष सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर को टिकट दिया है।

लेकिन वंशवादी राजनीति का श्रेय कांग्रेस को जाता है। कांग्रेस के पहले परिवार को पहचान की मोहताज नहीं है। लेकिन पार्टी के ही कई अन्य नेता हैं, जो विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट, जितिन प्रसाद और कार्ती चिदंबरम शामिल है। कुछ नाम अन्य पार्टियों के भी हैं। उदाहरण के लिए एनसी से उमर अब्दुल्ला, बीजेडी से कलिकेश सिंह देव और आईएनएलडी से अजय सिंह चौटाला। सूची कभी खत्म नहीं होगी और आम लोग आश्चर्य करते रहेंगे कि ये लोग उनका प्रतिनिधित्व कैसे कर रहे हैं?

चर्चा में नेताः सीपी ठाकुर, बीजेपी (जन्म 3 सितंबर 1931)

चंद्रेश्वर प्रसाद ठाकुर का जन्म भूमिहार बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। शैक्षणिक गतिविधियों में रुचि होने की वजह से उन्होंने पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने एमडी, एमआरसीपी और यूके से एफआरसीपी किया। काला अजार के दौरान उन्होंने अपने कामों के लिए प्रसिद्धी पाई।

उसके बाद वे जल्द ही राजनीति में सक्रिय हुए। 1984 में पहली बार लोक सभा के लिए चुने गए। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर सेवाएं दी। जल संसाधन (नवंबर 1999-मई 2000), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण (मई 2000 से जून 2002) और लघु उद्योग; पूर्वोत्तर विकास (जनवरी 2003-मई 2004) रहे।

चर्चा में विधानसभा क्षेत्रः अररिया

अररिया जिला मुख्यालय है और यह बिहार के पूर्वोत्तर में भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है। इसे 1990 में पुर्णिया जिले से काटकर अलग किया गया था। अररिया में मुस्लिम आबादी ज्यादा है। इसे पिछड़े क्षेत्र के तौर पर पहचाना गया है। अररिया से होकर कोसी नदी भी गुजरती है। मानसून के दौरान बाढ़ आना यहां के लिए सामान्य है। 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी 28,06,200 है। इनमें पुरुष 14,60,878 और महिलाएं 13,45,322 है।

2010 विधानसभा चुनाव परिणामः

  • 2010 विधानसभा चुनावों में विजेताः जाकिर हुसैन खान, एलजेपी
  • जीत का अंतरः 18,061 वोट्स; 05% कुल वैध मतों का
  • निकटतम प्रतिद्वंद्वीः नारायण कुमार झा, बीजेपी
  • पुरुष वोटरः 66,410; महिला वोटरः 62,111; कुलः 1,28,555
  • मतदान प्रतिशतः 59.34%
  • पुरुष उम्मीदवारः 14; महिला उम्मीदवारः 0
  • मतदान केंद्रः 215

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