Home / / 48 घंटे में कोलकाता के दर्शनीय स्थल

48 घंटे में कोलकाता के दर्शनीय स्थल

August 5, 2016


48 घंटे में कोलकाता के दर्शनीय स्थल

48 घंटे में कोलकाता के दर्शनीय स्थल

कोलकाता की दो दिन की ट्रिप

कोलकाता को आज भी कई लोग कलकत्ता नाम से जानते और पुकारते हैं। इस शहर की अपनी एक आत्मा है। कोलकाता की यात्रा आपको डॉ. व्हू की तार्डिस की सवारी का अनुभव देगी। तार्डिस को नहीं जानते! कोई बात नहीं, यह वही मशीन है जो आपको समय और अंतरिक्ष की सैर करवाती है। इस महानगर के कई इलाके अभी भी ऐसे हैं, जो अंग्रेजों की कॉलोनी वाले भारत की याद दिलाते हैं। पुरानी पुरानी ब्रिटिश और बंगाली इमारतें जैसे कि राइटर्स बिल्डिंग और मार्बल पैलेस। गर्मजोशी से भरे लोग, जो चाय के कप पर दिनभर की खबरें आपके साथ साझा करने को तैयार दिखते हैं। इतना ही नहीं, सजा हुआ आईटी हब, नया शहर, बड़े-बड़े ऑफिस, तेज दौड़ते फ्लाईओवर और नए अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स और मॉल्स के लिए निरंतर चल रहा निर्माण आपको तत्काल आज में लौटने को मजबूर कर देगा।
यदि आपके पास कोलकाता में वीकेंड बिताने का ही वक्त है और आप इन 48 घंटे में शहर का हर रंग देखना, हर सुर सुनना और हर स्वाद चखना चाहते हैं तो यह गाइड आपके लिए कारगर साबित होगी-

पहला दिन

फ्लरी ब्रेकफास्ट– 8.30 बजे

फ्लरी कोई यूरोपीय कैफे नहीं है। फ्लरी कोलकाता के मुख्य मार्ग, पार्क स्ट्रीट पर है। यह एक संस्थान है। यह फेमस टीरूम और बैकरी 1927 में बनी थी। शहर का अनुभव अधूरा है यदि आपने यहां कॉन्टीनेंटल ब्रेकफास्ट नहीं किया।

सेंट पॉल्स कैथेड्रल – 10 बजे – कोलकाता में सेंट पॉल्स कैथेड्रल

ब्रेकफास्ट के बाद सीधे राजसी ठाठ-बाट वाले सेंट पॉल कैथेड्रल पहुंचिए। यह कलकत्ता डायोसिस की सीट है। यह कैथेड्रल 1847 में जनता के लिए खुला था और यह एक गोथिक रिवाइवल स्ट्रक्चर है। स्टेन ग्लास विंडो वाले इस प्राचीन सफेद कैथेड्रल की देखभाल इस तरह की गई है कि उसकी खूबसूरती आज भी कायम है। आप यहां एक मोमबत्ती जरूर जलाना चाहेंगे।

विक्टोरिया मेमोरियल- 11.00 बजे

सेंट पॉल के पास ही ऐतिहासिक विक्टोरिया मेमोरियल है। आप जैसे ही पैदल चलना शुरू करते हैं, सफेद पत्थर से बनी इंडो-सारसेंटिक रिवाइवल स्टाइल से बनी यह इमारत आपको विक्टोरिया काल की याद दिलाती है। यह मेमोरियल 1921 में बनाया गया था। वह भी क्वीन विक्टोरिया की याद में। इस स्मारक में बना संग्रहालय, उसकी शानदार नक्काशी, बड़े मैनीक्योर गार्डन और पत्थर-बिछे रास्ते खुद-ब-खुद इतिहास में ले जाने के लिए काफी है।

बिड़ला प्लेनेटोरियम- 12.30 बजे

सड़क पर सामने ही कोलकाता का बिड़ला प्लेनेटोरियम है। बौद्ध स्तूप स्टाइल की स्थापत्य शैली और बड़े गोलाकार डोम की वजह से इसे दूर से पहचाना जा सकता है। यह एशियाई महाद्वीप का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा बड़ा प्लेनेटोरियम है। अंतरिक्ष विज्ञान पर होने वाले शो शैक्षणिक और सूचनात्मक होते हैं। यदि आप सही समय पर 12.30 बजे पहुंच सके तो आपको हिंदी में शो भी देखने को मिल जाएगा।
न्यू मार्केट (स्ट्रीट फूड और शॉपिंग) – 1.30 बजे
वक्त लंच का है और आपके पास कई विकल्प हैं। आप पारंपरिक रेस्टोरेंट के लंच से कुछ हटकर चाहते हैं तो आप यहां का स्ट्रीट फूड भी आजमा सकते हैं। कोलकाता भारत में स्ट्रीट फूड की राजधानी हैं। आप सीधे न्यू मार्केट चले जाइए, यह मार्केट शहर के सबसे पुराने शॉपिंग इलाकों में से एक होने के बाद भी अपना नाम आज भी कायम रखे हुए हैं। आप न्यू मार्केट में फेमस ‘शेक्स एंड सैंडविच’ स्ट्रीट शॉप पर जाकर सैंडविच का एक बाइट जरूर लें। मार्केट में खड़े फूड ट्रक्स में से किसी एक से काठी रोल्स या चाउमिन भी चख सकते हैं। आपको जो भी खाना हो, खाइए लेकिन लंच का अंत नाहौम की पैस्ट्री से ही करें। शहर की यह सबसे पुरानी कन्फेक्शनरी शॉप 1902 में खुली थी और आज भी लोकप्रिय है।

शॉपिंग के लिए निकले हैं तो मान लीजिए कि न्यू मार्केट आपके लिए स्वर्ग हैं। यहां आपको पारंपरिक बंगाली कंठ, टांट और जामदानी साड़ियों से लेकर क्वालिटी जूते, बैग्स और पर्स से लेकर जंक ज्वैलरी और घरेलू वस्तुओँ से कपड़े तक मिलते हैं। कम शब्दों में कहना हो तो यहां सबकुछ मिलता है। सड़क पर वस्तुएं बेचने वालों मोलभाव जरूर करें, जैसा कि स्थानीय लोग करते हैं।

इंडियन म्जुयिजम 3 बजे – कोलकाता में इंडियन म्युजियम

न्यू मार्केट से सीधे इंडियन म्युजियम का रास्ता पकड़िए। यह भारत के सबसे बड़े और पुराने संग्रहालयों में से एक है। हो सकता है कि आपको पूरा म्युजियम देखने का वक्त न मिले या आप सभी वस्तुओं को न देख सके, लेकिन मिस्त्र से लाई गई ममी जरूर देखें। पालियो-एंथ्रोपॉलॉजी गैलरी भी बेहद रोचक है।

औतराम घाट पर बोटिंग – 5.30 बजे

म्युजियम से औतराम घाट जाएं। यह हुगली नदी के किनारे स्थित है। किसी भी नाववाले की मदद लीजिए और वह आपको हावड़ा ब्रिज और उसके पीछे तक लेकर जाएगा। कोलकाता में सूर्यास्त देखने के लिए इस टावरिंग ब्रिज से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती।

पार्क स्ट्रीट पर डिनर और नाइटलाइफ – 8 बजे के बाद

अब आप पार्क स्ट्रीट पर जाकर कोलकाता की नाइट लाइफ और डिनर का लुत्फ उठा सकते हैं। पार्क स्ट्रीट पर कई सारे रेस्त्रां हैं, जहां लाइव म्युजिक, बार और पब हैं। वीकेंड पर यहां अच्छी-खासी भीड़ जुटती है।

दूसरा दिन

दक्षिणेश्वर मंदिर- 6 बजे – कोलकाता में दक्षिणेश्वर मंदिर

दिन की शुरुआत कोलकाता के पास स्थित दक्षिणेश्वर मंदिर से करें। यह मंदिर हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित है। रानी रशमोनी ने 1855 में इसे बनवाया था। मंदिर की मुख्य देवी भवतारिणी (काली) है, जिसकी आराधना संत रामकृष्ण परमहंस खुद करते थे।

बेलूर मठ- 7.30 बजे

दक्षिणेश्वर मंदिर से आप सीधे बेलूर मठ के लिए निकल जाइए। रामकृष्ण मठ और मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की थी। यह मंदिर सभी धर्मों के लोगों का स्वागत करता है। यहां एक खूबसूरत बगीचा है। पैक किया हुआ नाश्ता अपने साथ रखे और हुगली नदी के किनारे ही पिकनिक मना लें।

निक्को पार्क- 10.30 बजे – कोलकाता में निक्को पार्क

कोलकाता में निक्को पार्क रोचक और मनोरंजक पार्क है। यहां बच्चों के लिए कई झूले लगे हैं। आप परिवार के साथ यहां वाटर राइड का आनंद ले सकते हैं।

चाइनाटाउन (लंच) – 1.30 बजे

चाइनाटाउन जाकर आप ऑथेंटिक चाइनीज खाने का लुत्फ उठा सकते हैं। चीनी आबादी ने 1820 में यहां आना शुरू कर दिया था। यहां भारत की सबसे बड़ी चीनी बसाहट है।

साइंस सिटी – 2.30 बजे

चाइनाटाउन के ठीक सामने कोलकाता की फेमस साइंस सिटी है। 1997 में शुरू की गई साइंस सिटी में साइंस और टेक्नोलॉजी का बेहतरीन इस्तेमाल प्रस्तुत किया गया है। यह सभी आयु समूह के लोगों के लिए एक शैक्षणिक अनुभव है।

ट्राम राइड – 5 बजे

कोलकाता की अपनी यात्रा ट्राम में बैठे बिना खत्म न करें। कोलकाता देश का इकलौता ऐसा शहर है और दुनिया के कुछ ही शहरों में से एक, जहां आज भी ट्राम चल रही हैं। पार्क सर्कस से ट्राम पर बैठिए और शहर का लंबा चक्कर लगाकर लौटिए।

जो भी कोलकाता में ज्यादा वक्त गुजारना चाहते हैं, उनके लिए शहर में और भी आकर्षण हैं। हाल ही में बनकर तैयार हुए न्यू टाउन इको पार्क के अलावा बिड़ला मंदिर, मार्बल पैलेस, शहीद मीनार, बिड़ला इंडस्ट्रीयल एंड टेक्नोलॉजिकल म्युजियम, अलीपुर जूलॉजिकल गार्डन्स, कालीघाट मंदिर, एक्वाटिका, रवींद्र सरोवर लेक और नाखोड़ा मस्जिद कोलकाता के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।