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अहमदाबाद बना भारत का पहला विश्व विरासत शहर

July 13, 2017


heritage-cityगुजरात राज्य के 606 वर्ष पुराने वाल्ड सिटी अहमदाबाद को विश्व विरासत शहर (डब्ल्यूएचसी) के रूप में घोषित किया गया है। अहमदाबाद अब भारत का पहला विश्व विरासत शहर का सम्मानित स्थान रखता है। इससे पहले भारत की कई इमारतें विश्व विरासत में घोषित की जा चुकी है। यह घोषणा पोलैंड के क्राको शहर में आयोजित एक बैठक में की गई, जिसमें यूनेस्को द्वारा शनिवार 8 जुलाई 2017 को ट्विटर पर यह सूचना दी गई कि अहमदाबाद को विश्व विरासत शहर के रूप में दर्जा दिया गया है।

यूनेस्को के लिए भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिर कंबोज ने ट्विटर पर कहा, “मैं बहुत रोमांचित होकर घोषणा कर रही हूँ कि अहमदाबाद को यूनेस्को द्वारा भारत का पहला विश्व विरासत शहर घोषित किया गया है।”

जून में, यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के सदस्यों ने अहमदाबाद का दौरा किया था, लेकिन अहमदाबाद के नामांकन को डब्ल्यूएचसी (विश्व विरासत शहर) के रूप में स्थगित कर दिया गया था क्योंकि वे अहमदाबाद के वाल्ड सिटी के शहरी कपड़ों, स्थानों और इमारतों के “अवशिष्ट सार्वभौमिक मूल्यों” से संबंधित आधिकारिक दस्तावेजों से संतुष्ट नहीं थे।

अहमदाबाद

अहमदाबाद 5.43 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, अहमदाबाद के वाल्ड सिटी को 600 वर्ष पहले सम्राट अहमद शाह ने बसाया था। महात्मा गांधी जी ने ब्रिटिश राज से भारत को स्वतंत्रत करवाने के लिए अपना संघर्ष अहमदाबाद से ही शुरू किया था। सदियों पुराने घरों के समूह वाले पड़ोसियों के साथ, यह शहर निश्चित तौर पर एक जीवित विरासत है और इस तरह 2016 में नामांकन प्रक्रिया के दौरान मुंबई और दिल्ली को प्राथमिकता दी गई थी।

सप्त विश्वविद्यालय के एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर रवीन्द्र वासवदा ने अपनी टीम के साथ छह साल का समय लिया और नामांकन के लिए वाल्ड सिटी के दस्तावेज डाल दिये।

अहमदाबाद के शिलालेख के दौरान रुचिर कंबोज़ ने कहा, “600 वर्षों से अहमदाबाद शांतिप्रिय शहर के रूप में पहचाना जाता रहा है, इस ऐतिहासिक शहर में महात्मा गांधी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम की शुरूआत की थी। अहमदाबाद शहर हिंदू और जैन मंदिरों की सुंदर नक्काशियों के साथ भारत-इस्लामी वास्तुकला और हिंदू मुस्लिम कला एवं एकता के बेहतरीन उदाहरणों के रूप में स्थापित है। और इससे अधिक, यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के उद्देश्य का प्रतीक है क्योंकि इस शहर में विकास तेजी से होता है।”

अहमदाबाद विश्वविद्यालय में विरासत प्रबंधन केंद्र के निर्देशक देबाशीश नायक, जिन्होंने वाल्ड-सिटी अहमदाबाद को पहले विरासत के रूप में घोषित करवाने के लिए इस पर कार्य करना शुरू कर दिया था। उनको विश्वास है कि अब शहर के नागरिक वास्तुकला और संस्कृति के रूप में शहर की समृद्ध विरासत के संरक्षण के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। उन्होंने नागरिकों को डब्लूएचसी (विश्व विरासत शहर) के खिताब को प्राप्त करने का श्रेय दिया और उनका मानना है कि वे उत्साह के साथ एक राष्ट्रीय खिताब मिलने के उदाहरण को कायम रखेगें।

अहमदाबाद के नगरपालिका आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा, “1996 में जब हमने विरासत प्राप्त करने की कोशिश की थी, तो यह एक छोटे से चरण के रूप में शुरू हुआ था। तब से लोगों ने विरासत प्रबंधन के लिए समर्पित होकर अधिक प्रयास किया है। अब हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम पूरी तरह से शहर के 2,600 अचल विरासत स्थलों को बनाए रखें।”

वास्तुकार और संरक्षण विशेषज्ञ राजदीप राउत के मुताबिक, अहमदाबाद और उसके नागरिकों को अब डब्ल्यूएचसी (विश्व विरासत शहर) का खिताब बनाए रखने में कड़ी मेहनत करनी होगी और देश के बाकी हिस्सों के प्रोफेशनल, नागरिक औऱ हिस्सेदारों को इस चीज को उदाहरण के रूप में लेकर इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। उनको यह भी उम्मीद है कि इस शीर्षक से संपत्ति की कीमतों में तेजी से वृद्धि होगी।

भविष्य की योजनाएं

अहमदाबाद शुरूआत से 19वीं शताब्दी के प्रसिद्ध कालूपुर में स्थित स्वामीनारायण मंदिर से 15वीं शताब्दी की जामा मस्जिद तक एक दैनिक विरासत सैर का आयोजन कर रहा है। अहमदाबाद में लोकप्रिय रूप से ‘मंदिर से मस्जिद’ के रूप में जाना जाने वाला मार्ग पुराने शहर के कई क्षेत्रों और पहलुओं के अलावा 20 प्रमुख स्थानों को शामिल करता है। निश्चित रूप से निकट भविष्य में डब्ल्यूएचसी (विश्व विरासत शहर) के खिताब का प्रभाव पर्यटन उद्योग में तेजी से दिखाई देगा, इससे राज्य की आमदनी बढ़ेगी। नागरिक स्तर पर स्थापित किए गए वैश्विक मानकों के अनुरूप अहमदाबाद को समृद्ध करने और गुजरात में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं:

  • अहमदाबाद नगर निगम ने शहर के लिए एक कार्य योजना तैयार कर ली है, उस पर काम भी शुरू कर दिया है और शहर के तय कुछ क्षेत्रों को सुव्यवस्थित करने की योजना बन रही है, साथ ही शहर की रूपरेखा पर यातायात की भीड़ का स्थायी समाधान करना है।
  • मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने 1-15 अगस्त 2017 तक एक विरासत त्यौहार की भी घोषणा की।
  • राज्य नागरिक निकाय का विस्तृत विरासत मार्ग का नक्शा तैयार कर रहा है, निर्माण-स्थल के विवरण के साथ साइनबोर्ड, पर्यटकों द्वारा आसान मार्गनिर्देशन के लिए मार्ग-सूचक स्तंभ स्थापित किए जाएंगे।
  • विश्व धरोहर अहमदाबाद के सरंक्षण के लिए वार्षिक बजट का फिर पुर्नोत्थान किया जा रहा है।
  • यूनेस्को घोषणा में सूचीबद्ध लगभग सभी 54 विरासत स्थलों को जोड़ने वाली एक बस सेवा की भी योजना है, जो आपको सभी विरासत स्थलों का भम्रण कराएगी।
  • एमआईसीए वानी, एमआईसीए के छात्रों द्वारा संचालित कम्युनिटी रेडियो स्टेशन ने अहमदाबाद में 44 विरासत स्थलों के लिए ऑडियो गाइड रिकॉर्ड किए हैं जिससे पर्यटकों को अहमदाबाद की समृद्ध विरासत को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।