Home / / एआईसीटीई कम एडमिशन वाले इंजीनियरिंग कॉलेजों को करने जा रहा है – बंद

एआईसीटीई कम एडमिशन वाले इंजीनियरिंग कॉलेजों को करने जा रहा है – बंद

August 14, 2017


aicteअखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने कहा, कि वह भारत में तकनीकी शिक्षा में सुधार के लिए उन नियामक संस्थाओं को बंद कर देगा, जो पिछले 5 सालों में अपनी क्षमता से 30% कम एडमिशन कर पाए हैं। यह घोषणा एआईसीटीई के अध्यक्ष सहस्रबुद्धे ने 11 अगस्त 2017 दिन शुक्रवार को की थी। उन्होंने एक सम्मेलन में कहा, “पिछले कुछ सालों में, एसीआरई देश में सक्रिय रूप से इंजीनियरिंग कॉलेजो की संख्या में कमी करने का काम कर रही है, क्योंकि इससे शिक्षा की गुणवत्ता कम हो रही है और माँग भी कम हो रही है।”

इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए डिवाइंडलिंग डिमांड

एसीटीईडी (तकनीकी सहयोग और विकास एजेंसी) द्वारा एकत्र आँकड़ों के अनुसार, देश में एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित 10,063 शैक्षणिक संस्थान हैं, जिसकी प्रवेश क्षमता प्रत्येक वर्ष लगभग 37 लाख विद्यार्थी है। हालांकि, ये सभी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं हैं। इसका मतलब है कि इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम, मैनेजमेंट स्टडीज, हॉस्पिटल प्रबंधन, आर्किटेक्चर, फार्माकोलॉजी और अन्य संबंधित विषयों सहित तकनीकी शिक्षा के इच्छुक छात्रों के लिए हर साल लगभग 37 लाख सीटें उपलब्ध हैं। पिछले साल एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित ये संस्थान एक साथ कुल मिलाकर 19 लाख छात्रों को प्रवेश देने में सक्षम थे, लेकिन फिर भी 48 प्रतिशत सीटें शेष रह गई थीं। इस संबंध में इंजीनियरिंग कॉलेजों का प्रदर्शन दूसरे कॉलेजों से भी खराब रहा है। कुल 29 लाख रिक्त सीटों में से केवल 15 लाख सीटें ही भरी गईं थीं। इस साल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में दाखिला आगे बढ़ा दिया गया है।

तकनीकी शिक्षा में सुधार

छात्रों के लिए इस साल मार्च से शुरू होने वाले तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एआईसीटीई ने केंद्रित मिशन पर काम करना शुरू कर दिया है। मार्च और जून में, एआईसीटीई ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के साथ नकली इंजीनियरिंग कॉलेजों की एक सूची जारी की, जिसमें ऐसे कॉलेज थे जो यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं थे, फिर भी उन कॉलेजों ने विद्यार्थियों से नामांकन की माँग की और नियमित शुल्क जमा किया। इसके अलावा फर्जी विश्वविद्यालयों की एक सूची भी जारी की गई है।

इसके अलावा, एआईसीटीई ने हाल ही में इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्रों के जीवन कौशल पर लंबा मॉड्यूल देने का फैसला किया है। परिषद के साथ संबद्ध सभी 10,063 महाविद्यालय और शैक्षिक संस्थान जल्द ही ये पेशकश करेंगे, इन कॉलेजों में से कुछ पहले से ही इस साल शुरू कर दिए गए हैं। यह मॉड्यूल छात्रों को अपने संचार कौशल को बढ़ाने, व्यावहारिक निर्णय लेने और विभिन्न परिस्थितियों में बातचीत करने और विफलता से निपटने में मदद करेगा। नैतिकता और नैतिक शिक्षा भी छात्र के प्रस्ताव पर मॉड्यूल का हिस्सा होगी, जिनमें से कुछ ब्लूप्रिंट पहले से ही आईआईटी में लागू किए जा चुके हैं।

अपनी क्षमता से 30% कम एडमिशन लेने वाले इंजीनियरिंग कॉलेजों को बंद कर दिया जायेगा, यह इंजीनियरिंग शिक्षा में सुधार के लिए उठाया गया एक और कदम है। इसके द्वारा कॉलेजों की मात्रा में कटौती करने और देश में उपलब्ध शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने का एक दूसरा प्रयास किया गया है। एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने यह भी कहा है कि वर्तमान में जिन कॉलेजों को बंद करना है, उनके लिए कॉउन्सिल का शुल्क घटाया जाएगा। महाविद्यालयों के बंद होने पर छात्रों को पास के इंजीनियरिंग कॉलेजों में शामिल किया जाएगा, इससे उनकी शिक्षा की निरंतरता पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।