गोवा में अर्वलम गुफाएं या पांडव गुफाएं
स्थान : उत्तरी गोवा के बिचोलिम से 9 कि.मी. दूर
प्रशंसनीय समुद्र तटों और झरनों के अलावा, गोवा विरासत वास्तुकला के लिए सबसे अधिक आकर्षण वाले स्थलों में से एक है। गोवा एक प्राचीन राज्य है इसलिये यहाँ पर वास्तुकला से संबन्धित विरासत भी पाई जाती है। गोवा में मौजूद ऐतिहासिक स्मारकों का एक सुंदर उदाहरण अर्वलम गुफाएं या “पांडव गुफाएं” हैं। उत्तरी गोवा के बिचोलिम शहर में स्थित इन गुफाओं में प्राचीन रॉक कट गुफाएं हैं, जो हमें पौराणिक कथाओं में खड़े होने का मौका देती हैं। इन गुफाओं की उत्पत्ति छठी शताब्दी तक की मानी जाती है।
लोकप्रिय पांडव गुफाओं के रूप में जानी जाने वाली इन गुफाओं ने महाकाव्य महाभारत के पांच पांडवों से अपना नाम प्राप्त किया है। किदवंती के अनुसार, पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान इन गुफाओं में शरण ली थी। गुफा परिसर में पांच विभाग और शिवलिंगों की मौजूदगी इस तथ्य को प्रसांगिकता प्रदान करती है। हालांकि, इस जगह के पास बुद्ध की विशाल प्रतिमा की मौजूदगी के कारण गुफाओं को बौद्ध मूल के रूप में भी दावा किया गया है। गुफाओं की स्थापत्य शैली भी बौद्ध पक्ष की ओर से बोलती है। वर्षों से गुफाओं की उत्पत्ति के बारे में राय द्विपक्षीय रही हैं।
गुफाओं की वास्तुकला सरल तथा अभी तक आकर्षक है। दीवारों पर कोई पेंटिंग नहीं हैं। रॉक संरचना लेटराइट पत्थरों में तरास कर बनाई गई है। गुफाओं का रहस्यमय स्वरूप पर्यटकों को लंबे समय से आकर्षित कर रहा है। प्रसिद्ध रुद्रेश्वर मंदिर और इसके आसपास के झरने की उपस्थिति इस जगह को गोवा में अवश्य यात्रा करने योग्य बनाती है।
समय: प्रातः 9 बजे से बजे दोपहर 1 बजे और
दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे।
प्रवेश: नि:शुल्क