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2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आते ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट ने यह साफ कर दिया था कि वह भारत को स्पॉटलाइट में ले आएंगे। देश वैश्विक राजनीति और व्यापार में महती भूमिका निभाएगा। इस एजेंडा का महत्वपूर्ण हिस्सा था पड़ोसी देशों के साथ कूटनीतिक और दोस्ताना रिश्तों को मजबूती देना। इनमें पाकिस्तान और चीन भी शामिल थे। 1962 के युद्ध में हारने के बाद से भारत और चीन के संबंधों [...]

मणिपुर में इरोम शर्मिला चानू को भूख हड़ताल करते हुए 16 साल हो चुके हैं। नवंबर 2000, में जब असम राइफल्स सिक्योरिटी फोर्सेस ने इम्फाल एयरपोर्ट के पास 10 नागरिकों की हत्या कर दी थी, तब एक कवि और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने विवादित अफ्सपा के खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला किया। भूख हड़ताल शुरू की। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रेरित होकर उनके ही कदमों पर चलते हुए अनशन किया था। उन्होंने [...]

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 19 जुलाई 2016 को ट्रांसजेंडर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल 2016 को मंजूरी दे दी। भारत सरकार की कोशिश इस बिल के जरिए एक व्यवस्था लागू करने की है, जिससे किन्नरों को भी सामाजिक जीवन, शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र में आजादी से जीने के अधिकार मिल सके। यह उम्मीद की जा रही है कि यह विधेयक भारतीय किन्नरों के लिए मददगार साबित होगा। हमारे देश में [...]

दलितों पर भाजपा की वास्तविक सोच क्या है? क्या पार्टी उनका दिल जीतना चाहती है या उनके बिना उत्तर प्रदेश में जीत हासिल करना चाहती है? यह कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनका जवाब देश तलाश रहा है। ज्यादातर दलितों के सामने भी यह प्रश्न खड़ा है। पक्षपातपूर्ण सामाजिक ढांचे में यह समुदाय अब भी बराबरी के हक के लिए लड़ रहा है। ऐसे में अगड़ों की पार्टी की पहचान रखने वाली भाजपा पर पूरी तरह [...]

कश्मीर फिर लहूलुहान 8 जुलाई 2016, जब सारा देश एक आरामदायक सप्ताहान्त की तैयारी में था, भारतीय सुरक्षा बल ने उग्रवादियों और राष्ट्रविरोधी शक्तियों के खिलाफ एक कठिन अभियान शुरू किया था। आतंकवाद के खिलाफ जंग कश्मीर में एक कभी न ख़त्म होने वाला संघर्ष प्रतीक हो रही है और बाक़ियों की तरह इस अभियान का भी राष्ट्रीय समाचारों में ज़िक्र नही था सिवाय इस तथ्य के कि कोकेरनाग (अनंतनाग) के बमदुरा गाँव में मुठभेड़ में [...]

चुनावों के नतीजे निर्णायक तौर पर घोषित होने के पहले एक स्पष्ट विजेता सामने आ चुका है… और वह है भारतीय लोकतंत्र! बिहार में 2015 के विधानसभा चुनावों में ने लोकतंत्र को और मजबूती दी है। खास तौर पर जिस तरह से चुनाव कराए गए और संचालित किए गए, इससे यह बात साफ हो गई है। इसका श्रेय बिहार के लोगों को जाता है, जिन्होंने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ते हुए मतदान किया। खासकर महिलाएं, जिन्होंने [...]

कल के नतीजे बताएंगे कि बिहार में अगले पांच साल तक किसका राज होगा। लेकिन क्या यह नतीजे बिहार के भविष्य के हैं या बीजेपी के भविष्य के? 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों का असर देश की राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ने वाला है। इस लिहाज से देश के सभी राजनीतिक दलों की इन चुनावों पर करीबी नजर थी। 2019 के आम चुनावों तक के लिए राजनीति की दशा–दिशा भी इसी बात से तय होने [...]

बिहार विधानसभा के 2015 के चुनाव पांच नवंबर गुरुवार को संपन्न हुए। पांचवें दौर में 60% वोटिंग हुई, जो इन चुनावों के सभी चरणों में सबसे ज्यादा रही। पांच चरणों में कुल वोटिंग प्रतिशत 56.80% रहा, जो 2010 के मतदान से 4.15% ज्यादा है, जो 52.65% रहा था। 2000 के चुनावों के बाद यह सबसे ज्यादा मतदान है। उस साल 62.6% मतदान हुआ था। वोटिंग में कुल मिलाकर महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया। [...]

आखिरकार बिहार में कटुता, नफरत, विवादों, ऊंचे स्वर वाले और कभी-कभी साफ तौर पर गुदगुदाने वाला चुनाव प्रचार मंगलवार को खत्म हो गया। किसी राज्य के चुनावों में इतनी गर्माहट कम ही देखने को मिलती है, जितनी इस बार देखने को मिली है। बिहार के आम लोगों के लिए यह शोर बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहा। एक महीने से भी ज्यादा वत्कत तक सरकार का पूरा राजनीतिक चेहरा, जिनमें प्रधानमंत्री भी शामिल हैं, बिहार में धूल [...]

बिहार में आखिरी दौर का मतदान गुरुवार, ५ नवंबर को होगा। इसमें कांग्रेस की परीक्षा होगी। न सिर्फ उसकी अकेली की, बल्कि महागठबंधन के लिए भी यह अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। कांग्रेसकी प्रतिष्ठा ज्यादा दांव पर है, जितना शायद अब तक सामने नहीं आया। अब तक पूरा ध्यान लालू और नीतीश पर ही रहा है ऐसे में कांग्रेस की समस्या और भी बढ़ जाती है। आखिरी दौर में सीमांचल क्षेत्र में मतदान होगा। यहां [...]