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बिहार चुनाव और विजेता है… लोकतंत्र!

November 8, 2015


लोकतंत्र विजेता बनकर उभरा है।

चुनावों के नतीजे निर्णायक तौर पर घोषित होने के पहले एक स्पष्ट विजेता सामने आ चुका हैऔर वह है भारतीय लोकतंत्र!

बिहार में 2015 के विधानसभा चुनावों में ने लोकतंत्र को और मजबूती दी है। खास तौर पर जिस तरह से चुनाव कराए गए और संचालित किए गए, इससे यह बात साफ हो गई है। इसका श्रेय बिहार के लोगों को जाता है, जिन्होंने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ते हुए मतदान किया। खासकर महिलाएं, जिन्होंने मतदान प्रतिशत में पुरुषों को पीछे छोड़ा। मुख्य चुनाव आयुक्त और उनकी पूरी टीम को इसका श्रेय जाता है। उन्होंने जिस तरह से चुनावों की योजना बनाई, निगरानी की और उस पर अमल किया, यह अपने आप में चुनावों को खास बनाता है।

इसका श्रेय अर्द्धसैनिक बलों और स्थानीय पुलिसकर्मियों को भी देना होगा, जिन्हें पूरे राज्य में तैनात किया गया था। उन्हें हर वक्त चुनौतीपूर्ण हालात का सामना करना पड़ा। पिछले एक महीने में उन्हें एक जगह से दूसरी जगह जाना पड़ा। एक जगह तो जैसे टिके ही नहीं। एक हकीकत यह भी है कि बिहार की समूची चुनाव प्रक्रिया बिना किसी बड़ी अप्रिय घटना के हो गई। इसके लिए एहतियात के तौर पर किए गए इंतजामों की तारीफ करनी होगी। इसके अलावा अर्द्धसैनिक बलों और पुलिसकर्मियों को जिस तादाद में तैनात किया गया था, उसका भी असर हुआ है। बिहार के लोगों में विश्वासबहाली में इस संख्या ने काम किया और उन्होंने बिना किसी डर के अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

बिहार में चुनावों के दौरान अराजकता का रिकॉर्ड रहा है। इसमें बूथ कैप्चरिंग, वोटरों को धमकाने, जोरजबरदस्ती, अपहरण और हत्या तक होती रही है। इस बात का श्रेय तो बनता है कि बिहार जैसे राज्य में लोकतंत्र परिपक्व हो रहा है। अब 2016 में जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां भी इसे मजबूती देने की आवश्यकता है।

मतगणना की प्रक्रिया जारी है। चुनाव आयोग के दफ्तर ने एक बार फिर व्यापक इंतजाम किए हैं। ताकि पारदर्शिता के साथ सभी लोगों को तत्काल सूचना भी पहुंचाई जा सके।

मतगणना राज्य में 39 मतगणना स्थलों पर हो रही है। मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई। वोटिंग के शुरुआती ट्रेंड्स साढ़े नौ बजे तक आने लगेंगे। 14,500 से ज्यादा अधिकारी इस प्रक्रिया में शामिल है। डाक मतपत्रों की गिनती सबसे पहले होगी और उसके बाद ईवीएम से नतीजे निकाले जाएंगे। पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी और मतगणना में जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो तत्काल सूचना पहुंचाने में मददगार साबित हो रही है।

सभी स्थानों पर निष्पक्ष और पारदर्शी मतगणना की प्रक्रिया पर निगरानी के लिए 40 कंट्रोल रूम्स बनाए गए हैं। चुनाव आयोग ने मतगणना स्थलों पर तीन स्तरीय सुरक्षा दी है। 70 पैरामिलिट्री कंपनियां सभी केंद्रों की सुरक्षा में लगाई गई है।

चुनाव आयोग ने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है और लोगों ने अपनी जिम्मेदारी निभा ली है। अब मतगणना के बाद बनने वाली नई सरकार को यह तय करना होगा कि वह राज्य के लिए अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निर्वहन कर सके।