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बीबी-का-मकबरा: दक्षिण का ताज महल

June 9, 2017


aurangabad-hindiबीबी का मकबराः क्या भारत में एक और ताजमहल है? हाँ। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ताज की एक प्रतिकृति है। यह एक पुत्र द्वारा अपनी माँ के लिए बनवाया गया एक खूबसूरत मकबरा है। जिसे राजकुमार आजमशाह (छठे मुगल सम्राट औरंगजेब के बेटे) ने अपनी माँ रबिया-उल-दुरानी के लिए ताजमहल  जैसा बनवाया था। आगरा के ताजमहल के साथ बीबी-का-मकबरा: दक्षिण का ताज महल समानता के कारण, इसे ‘दक्षिण का ताज’ कहा जाता है।

इतिहास: मकबरे का निर्माण 1651-1661 ईसा के बीच हुआ था। औरंगजेब इस मकबरे के निर्माण में कोई दिलचस्पी नहीं रखता था। इसलिए वह ज्यादा धन खर्च करने के लिए उत्सुक नहीं था। मकबरे के निर्माण की लागत केवल सात लाख मानी जाती है! ताजमहल के निर्माण के लिए 32 लाख की तुलना में यह एक अल्पराशि है। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से पत्थर के संचलन को भी अवरुद्ध कर दिया था और निर्माण कार्य में देरी की थी। लेकिन आज तथ्य यह है, कि बीबी का-मकबरा सबसे बड़ा स्मारक है। जिसके निर्माण का श्रेय औरंगजेब को जाता है। आजमशाह अपने दादा शाहजहाँ से अत्यधिक प्रभावित था। जिन्होंने अपनी प्यारी पत्नी मुमताज महल के लिए ताज बनाया था, लेकिन निश्चित रूप से शाही खजाने और कुशल मजदूरों तक पहुँच की कमी थी। जिसका परिणाम मूल कृति की एक खराब अनुकृति है। बीबी-का-मकबरा उस्ताद अहमद लाहौरी के बेटे अत्ता-उल-अल्ला द्वारा डिजाइन किया गया था जो ताजमहल के मुख्य वास्तुकार थे।

वास्तुकला: ताजमहल की तरह, यह भी एक विशिष्ट मुगल वास्तुकला का प्रतीक है। चारबाग या उद्यान के नक्शे की फारसी शैली, बीबी-के-मकबरे की एक और विशेषता है। जहाँ चतुर्भुज उद्यान का स्थान चार छोटे हिस्सों में विभाजित है।

मकबरा एक ऊँचे वर्गाकार प्लेटफार्म पर खड़ा है जिसमें कोनों पर चार मीनारें स्थित हैं। इसके भीतर तीन तरफ से पहुँचा जा सकता है, मुख्य गेट के संकीर्ण मार्ग के केंद्र में फव्वारों की एक श्रृंखला है जो हरे भरे बागानों द्वारा धिरी हुई है। एक अभिन्न खोज करने से पता चलता है कि यह पूरी तरह से संगमरमर से नहीं बना है, क्योंकि इसमें चमक नहीं है।

मकबरे पर प्याज जैसे गुंबद का मुकुट लगा है। मुख्य गुंबद और मीनार, ताज महल से छोटे हैं। यह केवल कुरसी स्तर तक संगमरमर के साथ आच्छादित है, अर्थात केवल निचले वर्ग तक। ऊपरी हिस्से को एक उच्च-गुणवत्ता वाले प्लास्टर के साथ बनाया गया है, जो एक संगमरमर की तरह फिनिश देता है। हालांकि, मुख्य गुंबद संगमरमर से बना है। संगमरमर जैसे विकल्पों के उपयोग के कारण इसे ‘गरीब आदमी का ताज’ भी कहा जाता है। एक उत्कृष्ट रूप से डिजाइन किए संगमरमर कक्ष के अंदर नैतिक अवशेषों को जमीनी स्तर से देखा जा सकता है।

स्थानः यह औरंगाबाद से नागपुर-औरंगाबाद-मुंबई हाइवे और मकबरा रोड के माध्यम से 5 कि.मी. और स्टेशन रोड / अम्बेडकर रोड से 6 किमी दूर है।

कैसे पहुँचे?

ट्रेन से: औरंगाबाद निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो बीबी-के-मकबरे से लगभग 12 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है।

सड़क मार्ग से: यदि आप औरंगाबाद में हैं, तो सबसे अच्छा विकल्प ऑटो रिक्शा है, जो बीबी-के-मकबरे तक जाता है। आप शहर की बसों का लाभ भी ले सकते हैं या निजी कार से भी जा सकते हैं।

उड़ान से: औरंगाबाद का हवाई अड्डा भारत के सभी प्रमुख शहरों के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह बीबी-के-मकबरे से 11 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है।

याद रखने वाली चीजें

  • समय: सभी दिनों में सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक
  • प्रवेश शुल्क: 10 रुपये भारतीय व्यक्तियों के लिए और 250 रुपये विदेशी व्यक्तियों के लिए।
  • यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से मार्च तक इस जगह पर जाने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। क्योंकि इस समय मौसम बहुत सुखद होता है।

बीबीकेमकबरे के आस पास अन्य आकर्षण

औरंगाबाद की गुफाएं: बीबी-के-मकबरा से सिर्फ 2 किलोमीटर उत्तर में पहाड़ी पर चट्टानों को काटकर बनाए गए 12 बौद्ध मंदिर हैं। आपको मंदिर के शीर्ष से औरंगाबाद शहर का एक विशाल दृश्य देखने को मिलेगा।

 

पनचक्की: यह एक स्मारक है जो मध्ययुगीन काल में मौजूद ऊर्जा पैदा करने की बेहद वैज्ञानिक प्रक्रिया को प्रदर्शित करता है। यह बीबी-के-मकबरा से सिर्फ 2.5 किलोमीटर दूर है।