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बिहार महाभारतः सीट बंटवारे में भ्रष्टाचार के आरोपों से आरके सिंह ने बीजेपी को चकित किया

September 27, 2015


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पूर्व गृह सचिव और आरा से बीजेपी के सांसद आरके सिंह ने अपनी पार्टी को चकित कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी ने अपराधियों को टिकट बेचे, जबकि मौजूदा विधायकों की अनदेखी की गई।

उनके आरोपों को झुठलाने राजनाथ सिंह, सिद्धार्थ सिंह, नलिन कोहली और सीपी ठाकुर जैसे बड़े नेताओं को मैदान पकड़ना पड़ा। सभी ने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है। हर टिकट उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि समेत सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन सहयोगी अपने उम्मीदवार चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। जिन्हें उचित लगता है, उन्हें वे वोट दे रहे हैं। इस तरह उन्होंने आरके सिंह के सार्वजनिक बयानों से उठ रहे विवादों से दूरी बना ली है।

यह तो सच है कि कुछ मामलों में मौजूदा विधायकों की अनदेखी हुई है। यह भी सच है कि हर सीट पर योग्यता के पैमाने पर उम्मीदवारों को परखा गया। उसके बाद ही टिकटों का बंटवारा हुआ है। इसी तरह, आरके सिंह का आरोप बहुत ही आम है, उसमें किसी खास केस का उल्लेख नहीं है।

एलजेपी ने खुद की पोल खोली

आरके सिंह के बयान का समर्थन करते हुए एलजेपी के चिराग पासवान ने नैतिकता के उच्च मापदंड स्थापित करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने से बचना चाहिए। उनका बयान खोखला ही है क्योंकि यह बयान उस पार्टी से आया है जिसने ज्यादातर टिकट अपराधियों या उनके परिजनों को दिए हैं। सबसे अच्छा उदाहरण हैसुरजभान सिंह का। उनके खिलाफ कई गंभीर अपराध दर्ज हैं। चूंकि, उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है, इसलिए चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी ने उनकी पत्नी को 2014 के लोक सभा चुनावों का टिकट दिया था। अब वह मौजूदा सांसद है।

वंशवाद की राजनीति को आगे बढ़ाते हुए एलजेपी ने चिराग पासवान के चाचा और राज्य इकाई के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को अलौली के साथ ही राजापकड़ विधानसभा क्षेत्र से भी टिकट दिया गया है। यह इस बात की पुष्टि करता है कि वंशवाद की राजनीति अब नियम बनती जा रही है। इससे युवाओं समेत अन्य लोगों के लिए राजनीति में आने के मौके कम हो जाते हैं।

हार्दिक पटेल भी कूदे चुनाव मैदान में, नीतीश कुमार को दे सकते हैं समर्थन

गुजरात में पाटीदारों को आरक्षण की मांग के साथ आंदोलन खड़ा करने से सुर्खियों में आए हार्दिक पटेल कल रांची के एयरपोर्ट पर उतरे। उन्हें कुर्मी विकास मोर्चा ने बुलाया था। वे पश्चिम बंगाल और झारखंड में आयोजित रैलियों में भी भाग लेंगे। रांची एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए हार्दिक पटेल ने घोषणा की कि उनके पास नीतीश कुमार का समर्थन न करने का कोई कारण नहीं है। वह भी उनके ही समुदाय से आते हैं। यदि वे बिहार के चुनाव अभियान में सक्रिय होते हैं तो बीजेपी के लिए परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। अब तक गुजरात में सभी पटेल बीजेपी का सपोर्ट बेस हुआ करते थे। अमेरिका में रहने वाले पटेल समुदाय ने नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर उनका विरोध करने का फैसला किया था, लेकिन आखिरी वक्त पर वे पीछे हट गए।

नीतीश कुमार ने बीजेपी के झूठे वादों के प्रति लोगों को सचेत किया

नीतीश कुमार ने शनिवार को समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र के बिरौली में उच्च शिक्षा ग्रामीण प्रतिष्ठान में रैली कर चुनाव अभियान का आगाज किया। इस दौरान उन्होंने लोगों को सचेत किया कि 2014 के लोकसभा चुनावों में एनडीए पर भरोसा करके जो गलती की थी, उसे दोबारा न दोहराएं।

नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि तथाकथित 1.25 लाख करोड़ रुपए का तथाकथित पैकेज पहले घोषित योजनाओं की रीपैकेजिंग ही है। सिर्फ 5,000 करोड़ रुपए की योजनाएं ही नई हैं। इन पर भी संदेह है क्योंकि एनडीए का अपने वादों से मुकरने का लंबा रिकॉर्ड है। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान का हवाला देते हुए यह चेतावनी भी दी कि एनडीए की सरकार आरक्षण खत्म कर सकती है। भागवत ने कहा था कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए।

अपनी पार्टी के 7 सूत्री एजेंडे के बारे में बोलते हुए उन्होंने वादा किया कि वे 4 लाख रुपए तक के एजुकेशन लोन पर ब्याज में 3% तक की सब्सिडी देकर शिक्षा को बढ़ावा देंगे। युवाओं को लुभाने के लिए उन्होंने युवाओं को नौ महीनों तक 1,000 रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड देने की घोषणा भी की है। इसका लाभ 20 से 25 वर्ष की आयु तक दो बार उठाया जा सकता है। इससे पहले उन्होंने कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम की घोषणा की थी।

महिला वोटर्स का समर्थन हासिल करने उन्होंने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा भी की है। निश्चित तौर पर महिला वोटर इसका स्वागत करेंगी। उन्होंने हर घर को मुफ्त बिजली कनेक्शन और बिहार के 16 लाख घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने का वादा भी किया है।

दुर्भाग्य से इन चुनावों में सभी पार्टियां विकास पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय एकदूसरे को नीचा दिखाने की की कोशिशों में लगी हैं। जबकि सभी समुदायों के सभी लोगों का जोर विकास पर है। न जाने क्यों, लेकिन विकास की बात कोई नहीं कर रहा। ऐसा लगता है कि इस बार की चुनाव रणनीति जातिगत समीकरणों के आधार पर बनी है, विकास पर नहीं।

चर्चा में नेताः तारिक अनवर, एनसीपी (जन्म 16 जनवरी, 1951)

तारिक अनवर कटिहार से मौजूदा लोकसभा सांसद हैं। उनका जन्म पटना में शाह मुश्ताक अहमद और बिलकिस जहां के यहां हुआ था। तारिक अनवर के परिवार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की कमी नहीं हैं। उनके दादा बैरिस्टर शाह जुबेर ने राज्यों की परिषद में बिहार का प्रतिनिधित्व किया था। वे बिहार और ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं। वे स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी थे।

तारिक अनवर के पिता दिवंगत शाह मुश्ताक अहमद एक प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार थे। वे कई प्रकाशनों के संपादक भी रहे। इसके अलावा वे बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे हैं।

तारिक अनवर लंबे वक्त से राजनीति में हैं। उन्होंने ज्यादातर वक्त कांग्रेस पार्टी के सदस्य के तौर पर ही बिताया है। वे पांच बार लोकसभा सदस्य रहे हैं और कई समितियों में उनका प्रतिनिधित्व भी रहा है।

चर्चा में विधानसभा क्षेत्रः सीवान

सीवान जिले को 1972 में सारण डिविजन से काटकर अलग किया गया था। यह एक ऐतिहासिक शहर है। किसी जमाने में कौशल साम्राज्य का हिस्सा था। 2,219 वर्ग किमी में फैले सीवान जिले की 2011 की जनगणना के मुताबिक कुल आबादी 33,30,464 है। इनमें पुरुष 16,75,090 और महिलाएं 16,55,374 है।

2010 विधानसभा चुनाव परिणामः

  • 2010 के विधानसभा चुनावों में विजेताः व्यासदेव प्रसाद, बीजेपी
  • जीत का अंतरः 12,541 वोट्स; कुल वैध मतों का 10.74%
  • निकटतम प्रतिद्वंद्वीः अवधविहारी चौधरी, आरजेडी
  • पुरुष वोटर्सः 60,614; महिला वोटर्सः 56,088; कुलः 1,16,826
  • मतदान प्रतिशतः 51.41
  • पुरुष उम्मीदवारः 22; महिला उम्मीदवारः 2
  • मतदान केंद्रः 226

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