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बिहार चुनावः तीसरे चरण का मतदान आज

October 28, 2015


3rd phase of Bihar poll

बिहार विधानसभा चुनावों के तीसरे दौर के मतदान में आज 6 जिलों की 50 विधानसभा सीटों पर 1.46 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हुए पसंदीदा उम्मीदवार को चुनेंगे। इन 50 विधानसभा क्षेत्रों में से आठ अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है।

इस दौर में, ज्यादातर विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू होगा जो शाम पांच बजे तक चलेगा। जबकि कुछ क्षेत्रों में चार बजे तक मतदान होगा। चौथे दौर का मतदान रविवार, 1 नवंबर को है। आखिरी दौर का मतदान गुरुवार, 5 नवंबर को होगा। इसके नतीजों की घोषणा 8 नवंबर को होगी।

सुबह 9 बजे मतदान की स्थिति

  • सारणः 10.29%
  • वैशालीः 13.32%
  • नालंदाः 8.80%
  • पटनाः 7.41%
  • भोजपुरः 6.61%
  • बक्सरः 9.41%

चरण में कुल मतदानः 9.12%

पुनर्मतदान विधानसभा क्षेत्र (पीएस) 9 बजे तकः

  • बांकाः 11.24%
  • चकईः 21%

जिन 6 जिलों में आज मतदान हो रहा है, उनमें सारण, वैशाली, नालंदा, भोजपुर और बक्सर शामिल है।

जिलाः सारण

  • विधानसभा क्षेत्रः एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैया, मरहौरा, छपरा, गरखा (एससी), अमनौर, परसा और सोनीपुर।

जिलाः वैशाली

  • विधानसभा क्षेत्रः हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, महुआ, राजा पकड़ (एससी), राघौपुर, मेहनार और पाटेपुर (एससी)

जिलाः नालंदा

  • विधानसभा क्षेत्रः अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर (एससी), इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा और हरनौत 

जिलाः पटना

  • विधानसभा क्षेत्रः मोकामा,बाढ़, बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर, फुलवारीशरीफ (एससी) मसौढ़ी (एससी), पालीगंज, बिक्रम 

जिलाः भोजपुर

  • विधानसभा क्षेत्रः संदेश, बड़हरा, आरा, अगिआंव (एससी), तरारी, जगदीशपुर और शाहपुर

जिलाः बक्सर

  • विधानसभा क्षेत्रः ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव, राजपुर (एससी), 

तीसरे चरण में कुल विधानसभा क्षेत्रः 50

  • कुल उम्मीदवारः 808
  • पुरुष उम्मीदवारः 737
  • महिला उम्मीदवारः 71

दलवार उम्मीदवार

  • बीजेपी ने 34 उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि हमएस ने 4, आरएलएसपी ने 2 और एलजेपी ने दस।
  • जेडी(यू) ने 18 उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि आरजेडी ने 25 और कांग्रेस ने सात।
  • सपा के 31 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जबकि बसपा के 47, भाकपा के 19, भाकपा (माले)(लिबरेशन) के 27, निर्दलीय– 276 उम्मीदवार।

तीसरे दौर में मतदाताओं का ब्रेकअपः

  • कुल मतदाताः 1,45,93,980

सामान्य मतदाताः

  • कुलः 1,45,58,861
  • पुरुष मतदाताः 78,51,593
  • महिला मतदाताः 67,06,687
  • तीसरा लिंगः 581

सेवारत मतदाताः

  • कुलः 35,115
  • पुरुष मतदाताः 23,007
  • महिला मतदाताः 12,108
  • तीसरा लिंगः 0

एएसडी मतदाताओं की कुल संख्याः 6,36,707

18-19 वर्ष आयु समूह के वोटर जो पहली बार मतदान करेंगेः

  • कुल मतदाताः 5,07,188
  • पुरुष मतदाताः 3,16,081
  • महिला मतदाताः 1,91,032
  • अन्यः 75

अन्य विवरणः

  • कुल मतदान केंद्रः 14,170
  • कुल मतदान केंद्र स्थलः 9,696
  • इस्तेमाल होने वाली कुल ईवीएमः सीयूः 14,170; बीयूः 20,812
  • मतदान के लिए तैनात किए गए कुल कर्मचारीः 75,149
  • तैनात किए गए कुल सीआरपीएफ और पुलिस जवान (कंपनियां): 1,107
  • तैनात किए गए कुल वीडियो कैमरेः 1,087
  • तैनात किए गए कुल हेलिकॉप्टर/यूएवीः 5

आज के मतदान में शामिल बड़े नाम

चुनाव प्रक्रिया के बीचोंबीच, यह दौर दोनों ही गठबंधनों के लिए महत्वपूर्ण है। 2010 में, इस दौर में शामिल 50 सीटों में से 23 पर जेडी(यू) ने जीत हासिल की थी, जबकि उसके साथ गठबंधन में शामिल बीजेपी ने 20 सीटें जीती थी। जेडी(यू) और बीजेपी के गठबंधन ने 50 में से कुल मिलाकर 43 सीटें जीती थी। यह देखना जरूरी है कि 2010 में मोदी लहर नहीं थी। आरजेडी उस समय विरोध में थी। उसने सात सीटें जीती थी, जबकि कांग्रेस शून्य पर रही थी।

2014 के लोकसभा चुनावोंम बीजेपी ने मोदी लहर पर सवार होकर बिहार में विरोधियों को काफी कम सीटों पर समेट दिया। हालांकि, 2015 में, जेडी(यू) अपने मौजूदा गठबंधन सहयोगियों आरजेडी और कांग्रेस के साथ चुनाव मैदान में हैं, जबकि बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए लड़ रहा है। इस बार भी मोदी लहरन हीं है। जेडी(यू) और आरजेडी मिलकर 2010 में इन 50 में से 30 सीटों पर जीते थे। इन सीटों पर उन्हें निश्चित तौर पर सत्ताविरोधी मतों का सामना करना पड़ेगा।

आज मतदान वाले मौजूदा दौर में बीजेपी का सबकुछ दांव पर है। यह क्षेत्र उसका गढ़ माना जाता है। वह यहां से बढ़त हासिल करने की कोशिश करेगी। अन्य पार्टियां यहां बहुत दमदारी से चुनाव मैदान में दिख नहीं रही है, लेकिन बीएसपी ने इस चरण में सबसे ज्यादा 47 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है।

नीतीश कुमार के मजबूत गढ़ नालंदा में इस दौर में मतदान होगा। उम्मीदवारों के आधार पर नीतीश की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी। लालू प्रसाद का राजनीतिक भविष्य भी इस दौर पर निर्भर करेगा क्योंकि उनके दोनों बेटों तेज प्रताप और तेजस्वी इसी दौर में किस्मत आजमा रहे हैं।