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बिहार चुनावः मतदान के चौथे दौर में भी महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ा

November 2, 2015


बिहार विधानसभा की 55 सीटों के लिए रविवार को सात जिलों में चौथे दौर का मतदान हुआ। चौथे दौर में 57.59% मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। यह 2010 के विधानसभा चुनावों के 54.28% से 3.31% ज्यादा है। शुरुआती दौरों की ही तरह महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले ज्यादा वोटिंग की। जहां 64.40% महिलाएं ने वोटिंग की, वहीं पुरुषों में महज 54.20% ने। इससे यह दोबारा साबित हो गया कि महिलाएं बहुत महत्वपूर्ण है। इससे विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने की जरूरत भी रेखांकित हो गई।

जिन 7 जिलों में कल मतदान हुआ, उसमें पूर्वी चंपारन में सबसे ज्यादा 59.96% वोटिंग हुई, जबकि सीवान में सबेस कम 54.31% मतदान हुआ। इस इलाके के बड़े और महत्वपूर्ण मुजफ्फरपुर शहर और जिले में जरूर 2010 के 57.30% मतदान के मुकाबले 56.83% ही मतदान हुआ। यह 0.47% कम है। सात में यह इकलौता इलाका है, जहां 2010 के मुकाबले कम वोटिंग हुई है।

अगले और अंतिम चरण की वोटिंग गुरुवार 5 नवंबर को होगी।

वोटिंग प्रतिशत 2010/2015/अंतर

पश्चिमी चंपारन : 58.35% / 59.17% / 0.82%

पूर्वी चंपारन : 54.20% / 59.96% / 5.76%

श्योहर : 51.97% / 56.05% / 4.08%

सीतामढ़ी : 50.22% / 56.09% / 5.87%

मुजफ्फरपुर : 57.30% / 56.83% / -0.47%

गोपालगंज : 53.17% / 58.90% / 5.73%

सीवान : 51.37% / 54.31% / 2.94%

कुल मिलाकर : 54.28% / 57.59% / 3.31%

इन जिलों में हुए मतदान के मायनेः

पूर्वी चंपारन जिले में सबसे ज्यादा 59.96% वोटिंग हुई है। जिले में ढाका में सबसे ज्यादा 63.55% और चिरैया में सबसे कम 56% वोटिंग हुई।

पूर्वी चंपारन जिले का महत्वपूर्ण शहर है मोतिहारी। 2010 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के प्रमोद कुमार ने आरजेडी के राजेश गुप्ता उर्फ बबलू गुप्ता को 24,530 वोट्स से हराया था। इस साल बीजेपी ने प्रमोद कुमार पर फिर भरोसा जताया है। उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया है। उनका मुख्य मुकाबला आरजेडी के बिनोद कुमार श्रीवास्तव से होगा।

मतदान के लिहाज पश्चिम चंपारन जिला दूसरे नंबर पर रहा। यहां 59.17% मतदान हुआ। जिले में रामनगर (सुरक्षित) में सबसे ज्यादा 60.31% और नौतन में सबसे कम 54.54% मतदान हुआ।

पश्चिम चंपारन का महत्वपूर्ण शहर है वाल्मीकी नगर। 2010 के विधानसभा चुनावों में जेडी(यू) के राजेश सिंह ने यहां आरजेडी के मुकेश कुमार कुशवाहा को 14,691 मतों से हराया था। इस बार दोनों पार्टियां कांग्रेस के साथ गठबंधन में है। कांग्रेस ने यहां से इरशाद हुसैन को उतारा है। बीजेपी ने भी इस सीट पर चुनाव लड़ते हुए अपने गठबंधन सहयोगी आरएलएसपी को समर्थन दिया है। जिसने यहां से सुरेंद्र प्रसाद को चुनाव में उतारा है। उन्हें यहां मुश्किल सकती है क्योंकि यह इलाका मूल रूप से जेडी(यू) और आरजेडी का मजबूत गढ़ रहा है। यह दोनों ही पार्टियां इस बार कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दे रही हैं।

गोपालगंज मतदान के लिहाज से तीसरे स्थान पर रहा। 58.90% वोटिंग हुई। जिले में कुचईकोते में सबसे ज्यादा 63% मतदान हुआ,जबकि भोर (सुरक्षित) सीट पर सबसे कम 54% मतदान।

2010 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के सुभाष सिंह ने आरजेडी के रियाजुल हक उर्फ राजू को 15,893 वोट्स से हराया था। 2015 में एक बार फिर दोनों एकदूसरे के सामने हैं। पिछले चुनावों में जेडी(यू) ने बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन किया था, लेकिन इस बार जेडी(यू) का समझौता आरजेडी से है। सुभाष सिंह के सामने कड़ी चुनौती है।

मुजफ्फरपुर में इसके बाद सबसे ज्यादा 56.83% वोटिंग हुई। हालांकि, यह 2010 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले कम है। जिले में ही कुरहानी में सबसे ज्यादा 60.27% वोटिंग हुई, जबकि सबसे कम औरई में 49.62% मतदान हुआ।

2010 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के सुरेश कुमार शर्मा ने एलजेपी के मोहम्मद जमाल को 46,275 वोट से हराया था। बीजेपी ने एक बार फिर सुरेश शर्मा पर भरोसा जताया है और इस बार उन्हें एलजेपी का भी समर्थन है। उनका मुकाबला जेडी(यू) के बिजेंद्र चौधरी से होगा। चौधरी का मुकाबला बीजेपी के मौजूदा विधायक से है, लिहाजा उनके लिए यह सीट एक बड़ी चुनौती होगी।

सीतामढ़ी में पांचवां सबसे ज्यादा 56.09 प्रतिशत मतदान हुआ। जिले के भीतर, बेलसांद में सबसे ज्यादा 62% मतदान हुआ, जबकि रीगा में सबसे कम 53% मतदान हुआ।

2010 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के सुशील कुमार उर्फ पिंटू ने एलजेपी के राघवेंद्र कुमार को 5,202 वोट से हराया था। 2015 में बीजेपी और एलजेपी गठबंधन सहयोगी है। बीजेपी ने एक बार फिर सुनील कुमार (पिंटू) को टिकट दिया है, जिन्हें आरजेडी के एक अन्य सुनील कुमार से चुनौती मिलेगी।

श्योहर में दूसरा सबसे कम मतदान 56.05% मतदान हुआ। 2010 के विधानसभा चुनावों में जेडी(यू) के शरीफुद्दीन ने बीएसपी की प्रतिमा देवी को 1,631 वोट्स से हराया था। इन चुनावों में, जेडी(यू) ने एक बार फिर शरीफुद्दीन को चुनाव मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला हमएस के लभली आनंद और बीएसपी के मोहम्मद इमामुद्दीन से होगा। हमएस और बीएसपी के वोटर एकसे हैं। यदि उनमें वोट बंटते हैं तो जेडी(यू) के शरीफुद्दीन को सीधा लाभ मिलेगा।

सीवान में सबसे कम 54.31% मतदान हुआ। जिले में सबसे ज्यादा गोरियाकोठी में 57.50% मतदान, जबकि सबसे कम 48.50% मतदान दरौंधा में हुआ।

2010 के विधानसभा चुनावों में, बीजेपी के व्यासदेव प्रसाद ने आरजेडी के अवध विहारी चौधरी को 21,541 वोट्स से हराया था। 2015 में बीजेपी ने एक बार फिर व्यासदेव प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा है। उनका सीधा मुकाबला जेडी(यू) के बबलू प्रसाद से होगा। पिछली बार आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़े अवध विहारी चौधरी पार्टी के खिलाफ बगावत करते हुए निर्दलीय ही चुनाव लड़ रहे हैं।

चौथे दौर का मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्वक ही रहा। कहीं कोई बड़ी घटना नहीं घटी। एनडीए और महागठबंधन अब तक के चुनावों के आधार पर बड़ी जीत के दावे कर रहे हैं। तीसरे और चौथे चरण का लाभ एनडीए को मिला होगा, जबकि पांचवां दौर महागठबंधन के पक्ष में जाने की संभावनाएं हैं।