Home / / बिहार चुनावः बीजेपी का “चुनाव घोषणा पत्र” घोषणा के लिए तैयार

बिहार चुनावः बीजेपी का “चुनाव घोषणा पत्र” घोषणा के लिए तैयार

October 1, 2015


 बीजेपी चुनाव घोषणा पत्र में पूरा ध्यान युवाओं पर

बीजेपी बिहार चुनावों के लिए अपनी पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र जल्द ही घोषित करने वाली है। विपक्ष के सभी दल इससे जुड़ी गतिविधियों पर करीबी नजर रखे हुए हैं।

2014 के लोक सभा चुनावों से सबक लेते हुए बीजेपी ने अपना ध्यान युवाओं पर केंद्रित किया है और वह विकास के एजेंडे को ही आगे बढ़ाएगी। युवाओं को अपनी ओर करने के लिए, खास तौर पर लड़कियों को। बीजेपी कक्षा 12वीं या उसके समतुल्य कक्षाओं में मेरिट में आने वाली छात्राओं को “स्कूटी” देने की योजना की घोषणा कर सकती है। यह लैपटॉप स्कीम के अलावा होगी, जिसमें लड़कियों के साथ ही प्रावीण्य सूची में जगह बनाने वाले लड़कों को भी लैपटॉप दिए जाएंगे।

लैपटॉप बांटने की स्कीम की प्रेरणा यूपी में सपा सरकार से ली गई है। जहां राज्य सरकार ने 1.5 लाख लैपटॉप्स बांटे गए हैं। इसका अच्छा प्रतिसाद भी मिला है। बिहार में ट्विस्ट यह है कि बीजेपी सिर्फ प्रावीण्य सूची में जगह पाने वाले लड़कों के लिए ही यह स्कीम लाई है। यह युवाओं को आकर्षित करने की कई अन्य योजनाओं में से एक है।

टीम अमित शाह को पूरी तरह से पता है कि आबादी में युवाओं की हिस्सेदारी 3.7% है। यह लोग जाति के बजाय मुद्दों पर वोट देंगे। यह धड़ा एकमुश्त होकर वोट डाले तो मुकाबले में एनडीए का पलड़ा भारी रह सकता है। पार्टी की पूरी मशीनरी इस काम में लग गई है। पार्टी के कार्यकर्ताओं को राज्य के प्रत्येक युवा तक पहुंचकर उसे बीजेपी का संदेश पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।

एलजेपी के दामाद की हो गई “घर वापसी”

दलित सेना के पूर्व स्टेट प्रेसिडेंट और एलजेपी चीफ राम विलास पासवान के दामाद, अनिल कुमार साधू की नाराजगी दूर हो गई है। उन्होंने परिवार और पार्टी के खिलाफ जाने पर अपने ससुर से माफी मांग ली है।

पिछले ही हफ्ते नाटकीय घटनाक्रम में उन्होंने राम विलास पासवान की ओर से उन्हें टिकट न दिए जाने का खुलकर विरोध किया था। उन्होंने एलजेपी के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ाने के लिए अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी। साथ ही धमकाया था कि दलित सेना के कार्यकर्ताओं को एकजुट कर एलजेपी के विरोधियों के समर्थन में प्रचार करेंगे। वे वैशाली जिले के राजा पाकड़ विधानसभा क्षेत्र से टिकट चाहते थे। लेकिन यह सीट राम विलास पासवान के छोटे भाई और राज्य इकाई के अध्यक्ष पशुपति नाथ पारस को दे दई गई थी। पारस की योजना दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की थी। खगड़िया जिले में अलौली और वैशाली में राजा पाकड़ सीट से। फैसले को पलटते हुए एलजेपी अब राजा पाकड़ की सीट अनिल साधू को दे सकती है। इससे अंदरूनी बगावत तो दबा ही ली है, कुछ वक्त के लिए ही सही।

लालू ने फिर किया बीजेपी पर कटाक्ष

जमुई जिले में आयोजित एक रैली में लालू प्रसाद यादव ने अपने गैरजिम्मेदाराना अंदाज में बीजेपी पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के पास नीतीश कुमार के तौर पर एक ‘दूल्हा’ है। जो अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन एनडीए एक बिन ‘दूल्हे’ की बारात है। उनका निशाना इस बात को लेकर था कि एनडीए ने अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।

लालू ने ग्रामीणों को अन्य राज्यों से आए आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं से सजग रहने को कहा। यह कार्यकर्ता ‘शिव चर्चा’ के बैनर तले गांवों में बीजेपी कि लिए प्रचार कर रहे हैं। वे अपनी पुरानी लाइन को दोहराते नजर आए कि यदि बीजेपी सत्ता में आने के बाद आरक्षण हटाने की कोशिश करेगी।

इस बीच, जेडी(यू) पार्टी के सदस्यों ने आरजेडी नेता की जातिवादी टिप्पणियों से दूरी बना ली है। इन बयानों की वजह से लालू यादव के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज हुई है। जेडी(यू) नेता बशिष्ठ सिंह ने कहा कि विकास के मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है और जनता को भी इसकी चिंता है। यह स्वीकार करते हुए कि जाति राज्य की राजनीति का एक अहम हिस्सा है, उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद महागठबंधन का पूरा ध्यान राज्य के विकास पर रहेगा।

बेगुसराय में अमित शाह ने बढ़ाया गलत कदम

बेगुसराय जिले में कार्यकर्ता रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए यह साबित करने की कोशिश की कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने निर्णायक फैसला लिया। इससे सेना सीमा पार कर म्यांमार पहुंची और आतंकवादियों को ढेर किया। यदि विपक्ष ने बीजेपी के इस बयान को उठाया तो पार्टी के लिए शर्मिंदगी का विषय बन सकता है। वैसे भी वह भारत की सुरक्षा के लिए किया गया सुरक्षा ऑपरेशन था।

निश्चित तौर पर ज्यादातर लोगों को याद होगा कि इसी साल जून में भारतीय सेना के 18 जवानों की हत्या के बदले में भारतबर्मा सीमा क्षेत्र में बिल बनाकर छिपे उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था।

नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे पर ‘मांबेटादामाद’ का जिक्र करते हुए जिस तरह भ्रष्टाचार की बात की, उससे यह तो साफ है कि चुनावों में निम्न स्तरीय बयानबाजी का एक दौर आने वाला है। कांग्रेस के साथसाथ समूचा महागठबंधन इस मुद्दे पर मोदी को उतनी ही तीव्रता से घेरने की कोशिश करेगा।

चर्चा में राजनेताः डॉ. भोला सिंह, बीजेपी (जन्म 3 जनवरी 1939)

डॉ. भोला सिंह बेगुसराय से 16वीं लोक सभा में बीजेपी के मौजूदा सांसद हैं। उनका जन्म बेगुसराई जिले में दुनाही गांव में राम प्रताप सिंह और टुनका देवी के यहां हुआ था। डॉ. भोला सिंह पेशे से एक किसान हैं। उन्होंने पटना से एमए की पढ़ाई की और फिर ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी, दरभंगा से पीएचडी की।

डॉ. भोला सिंह के नाम बिहार विधानसभा के चुनावों में लगातार आठ बार जीतने का रिकॉर्ड है। वे 2000 से 2005 तक डिप्टी स्पीकर भी रहे। 2009 में वे बीजेपी के टिकट पर नवादा से 15वीं लोक सभा के लिए चुने गए थे। वह कई समितियों में सदस्य भी रहे हैं।

चर्चा में विधानसभा क्षेत्रः मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर जिले के लीची की धरती के तौर पर जाना जाता है। तिरहुट डिविजन से 1875 में अलग हुआ यह जिला 3122.56 वर्ग किमी में फैला है। इस जिले से होकर चार नदियां गुजरती हैंबागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक और लखनदेयी। मुजफ्फरपुर के उत्तर में सीतामढ़ी और पूर्वी चंपारन जिले हैं। दरभंगा और समस्तीपुर जिले पूर्व में। सारण और गोपालगंज जिले पश्चिम में और वैशाली व सारण जिले दक्षिण में हैं।

जिले में दो सबडिविजन, 16 विकासखंड और 387 पंचायतें हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक कुल आबादी 48,01,062 है। इनमें 25,27,497 पुरुष और 22,73,565 महिलाएं हैं।

2010 विधानसभा चुनाव परिणाम

2010 के विधानसभा चुनावों में विजयीः सुरेश कुमार शर्मा, बीजेपी

जीत का अंतरः 46,439; कुल वोटों का 38.13%

निकटतम प्रतिद्वंद्वीः मोहम्मद जमाल

पुरुष वोटर्सः 69,238; महिला वोटर्सः 52,142; कुल वोटर्सः 1,21,805

मतदान प्रतिशतः 51.86%

पुरुष उम्मीदवारः 18; महिला उम्मीदवारः 1

मतदान केंद्रः 259